मधुमेह जिसे हम शुगर और डायबिटीज के नाम से जानते हैं, यह रोग तेजी के साथ फैल रहा है और आज एक महामारी का रुप ले चुका है। इस रोग का मुख्य कारण गलत खान-पान की आदतें और जीवनशैली का संतुलित न होना है। अपनी जीवनशैली और खान-पान को नियंत्रित रख हम मधुमेह रोग पर नियंत्रण रखने में सफल हो सकते हैं। मधुमेह और तनाव का गहरा संबंध है। तनाव के कारण मधुमेह पीड़ित कई अन्य बीमारियों का भी शिकार हो सकता है। पहले यह रोग सामान्यतः गर्भवती महिलाओं और बड़ी उम्र के व्यक्तियों को हुआ करता था, लेकिन आज के समय में यह बच्चों में भी पनपता दिखाई दे रहा है।
तनाव बढ़ने के साथ ही शरीर में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है। रोग को अनियंत्रित होने से रोकने के लिए मधुमेह रोगियों को अपने खान-पान का बहुत ख्याल रखना चाहिये, उन्हें बिल्कुल भी मीठी चीजें और कैलोरी युक्त आहार नहीं खाना चाहिये, ऐसे में मधुमेह के रोगी क्या खाएं, क्या न खाएं और क्या करें- इसकी जानकारी हम आपको आज इस आलेख के माध्यम से देने जा रहे हैं। मधुमेह में आहार व्यवस्था आहार व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि रोगी के भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सामान्य से कम हो तथा प्रोटीन और वसा की मात्रा सामान्य से अधिक हो।
रोगी के शरीर की सभी कमियां भी पूरी हों और उसे नुकसान भी न हो। कुछ इसी प्रकार की बातों का ख्याल रखते हुए मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति की आहार व्यवस्था करनी चाहिए। आईये जानें कि कौन से पदार्थ मधुमेह के रोगी को दिए जा सकते हैं- मधुमेह में लिए जाने वाले खाद्य पदार्थ मधुमेह में विभिन्न प्रकार के अनाजों में गेहूं, चने की रोटी, जौ व चने की रोटी, ज्वार या बाजरे की रोटी देनी चाहिए। छिलके वाली दालें, सब्जियों में हरी पत्तेदार सब्जियां, करेला, बंदगोभी, घीया, बैंगन, फूलगोभी, खीरा, ग्वारफली, भिंडी, तोरी, टिंडा, गाजर, मूली, हरी मिर्च, फ्रेंचबीन आदि खाने में प्रयोग करना चाहिए। प्याज, लहसुन तथा रेशेदार पदार्थों को दैनिक आहार में अवश्य लेना चाहिए। सभी फल जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो ऐसे फल भी प्रयोग में लाए जा सकते हैं।
जैसे- तरबूज, खरबूज, टमाटर, अमरुद, मौसमी, अनन्नास, जामुन, संतरा, नाशपाती दूध, दही आदि का प्रयोग किया जा सकता है। वर्जित खाद्य पदार्थ मधुमेह में सब्जियों में आलू, कचालू, शकरकंद, जिमीकंद, अरबी आदि, फलों में चीकू, केला, फलों के जूस नहीं लेने चाहिए। सोडा मिश्रित मीठे पेय पदार्थ स्क्वैश, शर्बत, शराब, मुनक्का, किशमिश, खजूर, सूखी खुर्मानी आदि के सेवन से बचना चाहिए। अन्य खाद्य पदार्थों में चीनी, गुड़, शहद, मीठे पकवान, जैम जैली, मारमेल्ड, केक, पेस्ट्री, चाॅकलेट, आईसक्रीम आदि वर्जित हैं। मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्ति में कोलेस्ट्राॅल की मात्रा बढ़ जाती है, इसलिए मांस, अंडों का प्रयोग अधिक नहीं करना चाहिए। अन्य सावधानियां
- यदि रोगी कम क्रियाशील है तो उसे किसी न किसी प्रकार का व्यायाम अवश्य करना चाहिए।
- चिंता व मानसिक तनाव रोग को बढ़ा देते हैं, इसलिए इनसे बचना चाहिए।
- भोजन में विभिन्नता लानी चाहिए। व्यक्ति एक जैसा भोजन खाते-खाते ऊब न जाए।
- शारीरिक भार पर नियंत्रण आवश्यक है।
- यदि व्यवस्थित भोजन में रक्त ग्लूकोज का स्तर नियंत्रण में न रहे तो चिकित्सक के परामर्श से इन्सुलिन या किसी अन्य औषधि का सेवन करना चाहिए।
- प्याज, लहसुन और रेशेदार पदार्थों को दैनिक आहार में सम्मिलित करना चाहिए, क्योंकि ये रक्त में ग्लूकोज और कोलेस्ट्राॅल के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं।
वजन पर नियंत्रण रखें मोटापा मधुमेह होने के सबसे अहम कारणों में से एक है। एक आम व्यक्ति की तुलना में मोटे व्यक्ति को मधुमेह होने का खतरा 40ः अधिक बढ़ जाता है। जो व्यक्ति स्वयं से मधुमेह रोग को दूर रखना चाहते हंै वे सबसे पहले स्वयं के मोटापे पर नियंत्रण रखें। फिट और संतुलित शरीर के व्यक्ति में मधुमेह तो क्या अन्य भी कोई रोग प्रवेश करने से पहले हजार बार सोचेगा। सक्रिय रहें सक्रिय रहने से एक तो शरीर आकार में रहता है दूसरे देखने में आकर्षक लगता है।
आज के आधुनिक उपकरणों ने हमारी सक्रियता को कम कर दिया है और उसके फलस्वरुप लोगों में मोटापा बढ़ गया है। सक्रियता से हमारा शरीर गतिशील रहता है और इन्सुलिन ठीक से कार्य करता है। घर-परिवार और आॅफिस के छोटे-छोटे कार्यों को स्वयं करने की आदत का विकास कर, हम स्वस्थ जीवन-यापन का सुख प्राप्त कर सकते हैं। मधुमेह को दूर रखने के लिए सिर्फ व्यायाम ही नहीं बल्कि सीढ़ियां चढ़ना, पैदल चलने जैसे आम उपाय कर सकते हैं। धूम्रपान से बचें मधुमेह रोगियों को धूम्रपान करने से बिल्कुल बचना चाहिए। धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को मधुमेह होने की आशंका दोगुनी रहती है। पर्याप्त नींद लेना शरीर को सुचारु रुप से चलाने और रोगमुक्त रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लेना आवश्यक है।
अपर्याप्त नींद और ज्यादा सोने से न केवल मधुमेह बढ़ने का खतरा ज्यादा हो जाता है बल्कि इससे कई गंभीर बीमारियां, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, तनाव, दिल की बीमारियां, तनाव और याददाश्त कम होने जैसी कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं। रक्त में शर्करा की नियमित जांच शुगर रोग का एक कारण वंशानुगत होना भी है। जिन व्यक्तियों के माता-पिता या पूर्वजों को मधुमेह रोग रहा हो, उन व्यक्तियों को मधुमेह होने की संभावनाएं अत्यधिक रहती हैं। इससे बचने के लिए ऐसे व्यक्तियों को समय-समय पर रक्त में शर्करा की नियमित जांच कराते रहना चाहिए।
यह जांच एहतियात का कार्य करेगी। प्रत्येक वर्ष खाली पेट और खाना खाने के दो घंटे के बाद यह जांच करानी चाहिए। रोग उच्च रक्तचाप, थाईराॅयड रोग, पित्ताशय रोग, यकृत में सूजन आदि रोग होने पर मधुमेह रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हंै। इन रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों को विशेष रुप से मधुमेह रोग के प्रति सावधान रहना चाहिए। कई बार अन्य रोगों के दुष्परिणाम के कारण मधुमेह हो सकता है। व्यायाम नियमित रुप से व्यायाम करना न केवल आपको मधुमेह रोग से दूर रखेगा अपितु इसके प्रभाव से आपका शरीर भी स्वस्थ और सुंदर रहेगा।
व्यायाम के रुप में टहलना, दौड़ना, साईकिल चलाना, तैराकी या कोई खेल खेलना चाहिए। इससे शरीर की कोशिकाएं सक्रिय रहेंगी, शर्करा की मात्रा रक्त में नियंत्रित रहेगी। योग शरीर को निरोगी रखने और लम्बी आयु पाने के लिए योग जरुर करना चाहिए। मधुमेह एक गंभीर रोग है, उपरोक्त उपायों और सावधानियों का पालन करने से आप सदैव के लिए मधुमेह रोग से मुक्त रहेंगे।