भारत देश के व्यंजनों की बात करें तो हमारे विभिन्न राज्यों के ऐसे हजारों व्यंजन हंै जिनका नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है। चाहे वह उत्तर भारत की बेड़वी दम आलू हो, दक्षिण भारत का डोसा, इडली या बड़ा हो या फिर पश्चिम की पुरनपोली हो अथवा बंगाल का रसोगुल्ला या संदेश। यह जरूरी नहीं कि हम जब इन राज्यों में जाएं तभी इनका स्वाद लें बल्कि आज के इंटरनेट युग में हम घर बैठे इन सभी व्यंजनों को आसानी से बना सकते हैं और इनका भरपूर स्वाद ले सकते हैं।
निशा मधुलिका की कुंडली दिनांक- 4/9/1958 समय: 21ः30 स्थान-कानपुर यह सब संभव कर दिखाया है आज की लोकप्रिय शेफ निशा मधुलिका जी की वेबसाईट nishamadhulika. com ने जो 2011 में लाँच हुई थी, जिस पर करीब 42 करोड़ लोग विजिट कर चुके हैं। हर रोज 15 लाख लोग इनकी पोस्ट को देखते हैं और विश्व के 18 लाख लोगों ने इनकी निःशुल्क सदस्यता ली हुई है। इन्होंने करीब 1200 recipes अपनी साईट पर पोस्ट की हुई है। इनकी यू ट्यूब विडियो सभी को इसलिए भी पसंद आती है क्योंकि इनका सिखाने का ढंग बहुत सरल और अच्छा होता है। ये हर चीज की इतनी अच्छी तरह से व्याख्या करती हैं कि विदेश में रहने वाली नौजवान पीढ़ी घर में इनके बताए व्यंजनों को आराम से बना लेती हैं।
बर्तन भी ये वही प्रयोग करती हैं जो घर में उपलब्ध होते हैं। इनका कुकर में बना Eggless केक तथा बिना तंदूर का नान सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है और 26 लाख लोग इसे देख कर इसका स्वाद ले चुके हैं। हाल ही में जब मंैने इनसे मुलाकात की तो मैं बहुत ही खुश थी क्योंकि मैं भी निशा जी की जबर्दस्त फैन हूं और हर नई रेसिपी उन्हीं की साईट से देखती हूं। निशा जी के जीवन की बात करें तो इनका बचपन आगरा में बीता। इनके सात बहन-भाई हैं और जैसा कि अक्सर परिवार में होता है निशा जी बचपन से अपनी माताजी का खाना पकाने में हाथ बटाया करती थीं।
इन्हें खाना बनाने का शौक था। इन्होंने विज्ञान में ग्रैजुएशन की। इन्हें शुरू से ही घर के सभी कामों में अर्थात सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, पेंटिंग आदि का शौक था। ये कभी भी खाली बैठना पसंद नहीं करती थीं। श्री एम. गुप्ता जी से विवाह के पश्चात ये भोपाल में रहीं जहां इन्हें दो पुत्र रत्नों की प्राप्ति हुई। अपने बच्चों के लालन-पालन के साथ ये अन्य बच्चों को भी पढ़ाती थीं। काफी वर्षों तक इन्होंने ट्यूटोरियल कक्षाएं चलाईं। इसके अतिरिक्त रेडीमेड कपड़ों का काम भी किया, कंप्यूटर क्लास भी चलाई लेकिन कोई भी काम स्थायी रूप से विकसित नहीं हो पाया। 1995 में इनके पति दिल्ली शिफ्ट हो गये और वेबसाईट डवलपमेंट का काम करने लगे।
इनके दोनों बेटे भी साॅफ्टवेयर डवलपमेंट के लाईन में ही हैं। निशा जी भी अपने पति की कंपनी में लेखा व वित्त का काम देखने लगीं। 2007 में निशा जी का परिवार नोएडा शिफ्ट हो गया। अब इनके लिए दिल्ली जाना काफी मुश्किल हो गया तो ये सोचने लगीं कि क्या काम करूं जिससे समय तो अच्छी तरह निकले ही, साथ में किसी और के भी काम आ सकूं। इन्होंने फिर से निःशुल्क ट्यूशन शुरू की पर काॅलोनी के गरीब बच्चों ने खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। तभी इन्होंने देखा कि कंप्यूटर में ब्लाॅग का काफी चलन हो गया है। जब इन्होंने और विषयों पर ब्लाॅग पढे़ तो इन्होंने सोचा क्यों न ये भी कूकिंग की रेसिपी उन ठसवह पर डालें क्योंकि कूकिंग इन्हें बहुत पसंद था।
तब इन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि इनका यह खेल-खेल में उठाया गया कदम इतनी दूर तक जाएगा कि पूरी दुनिया इनकी काबिलियत की दीवानी हो जाएगी। इनके फूड ब्लाॅग्स ‘खाना बनाना’ को सभी ने बहुत पसंद किया और इससे उत्साहित होकर इन्होंने Online recipes डालनी शुरू की। 2008 तक लगभग 150 रेसिपी डाल दी। चाहने वाले चाहते थे कि ये हर डिश की विडियो भी अपलोड करें। उसके लिए निशा जी और इनके पति को काफी मेहनत करनी पड़ी। निशा जी सुबह 4 बजे उठकर कूकिंग करतीं और इनके पति उसकी विडियो शूट करके उसे यू ट्यूब पर डालते।
2011 से इन्होंने निशा जी की अपनी वेबसाईट nishamadhulika.com बना दी और फिर इन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जो काम पहले शौकिया तौर पर जुनूनवश शुरू किया था वह अब पैसा भी देने लगा। अब निशा जी ने अपने पास 5 लोगों की टीम रखी है जो इनकी मदद शूटिंग से लेकर विडियो अपलोड करने तक करते हंै। इनके पति भी इनको पूरा सहयोग देते हैं। वे ही असल में इनके मार्गदर्शक हैं। निशा जी हर मेल का उत्तर देती हैं। लोगों की इच्छा पूरी करने में इन्हें बहुत खुशी मिलती है।
निशा जी के अनुसार हर व्यक्ति में कुछ न कुछ हुनर होता है और यदि हम उस हुनर को पहचान लें और फिर एक मंजिल तय कर लें और लगातार कोशिश करें तो अपने हुनर से मंजिल को पाने में समय तो गेगा पर असंभव नहीं होगा। निशा जी अपनी कामयाबी का श्रेय आज के तकनीकी विकास को भी देती हैं क्योंकि यू ट्यूब से ही इनके सपनों को पंख लगे। बिना यू ट्यूब के इनका सफर इतना आसान नहीं होता, न ही ये सब तक पहुंच पातीं। आजकल पिछले कुछ समय से चिकनगुनिया के कारण इनकी तवीयत सही नहीं है पर तब भी ये अपनी रेसिपी लगातार डालकर अपने चाहने वालों की मांग पूरी कर रही हैं।
ज्योतिषीय विश्लेषण आइये देखें ज्योतिष के आइने में निशा जी की जीवनी, ज्योतिषीय ग्रहों ने किस तरह निशाजी के जीवन में नये रंग भरे। निशा जी की कुंडली में सुखेश चंद्रमा लग्न में चर राशि में होने से इनमें गजब की सृजनात्मक व कलात्मक शक्ति विद्यमान है। इन्हें निरंतर कुछ नवीनतम कार्य करने में सुख की अनुभूति होती है। राशि गुण धर्म के अनुसार लग्नेश मंगल मूल संज्ञक राशि वृषभ में स्थित है तथा द्वितीयेश शुक्र भी मूल संज्ञक राशि में ही स्थित है। मूल संज्ञक राशि से फल, वृक्ष, अनाज, भोज्य पदार्थों का विचार किया जाता है तथा द्वितीय स्थान से जिह्वा व स्वाद का विचार किया जाता है अर्थात द्वितीय स्थान में लग्नेश मूल संज्ञक राशि में तथा द्वितीयेश शुक्र भी मूल संज्ञक राशि में होने से निशा जी ने खाना बनाने की कला के क्षेत्र में इतनी बड़ी सफलता पाई।
इनकी कुंडली में जनता को दिखाने वाले भाव चतुर्थ भाव के स्वामी चंद्रमा का लग्न में होना व भाग्येश बृहस्पति का सप्तम भाव से उससे पूर्ण दृष्टि संबंध बनाने से इनको समाज में लोगों का अनन्य सहयोग, सम्मान व प्यार मिला जिससे ये इतने बड़े मुकाम तक पहुंचीं। इसे हम भाग्य और कर्म का संयुक्त सफलता संयोग भी कहेंगे। भाग्येश के सप्तम भाव में होने से इनके पति ने इनके कार्य में अपनी ओर से पूर्ण योगदान दिया व इनके कार्य को इंटरनेट के द्वारा देश विदेश में दूर-दूर तक पहुंचाया। लग्नेश मंगल की पंचम भाव पर दृष्टि तथा पंचमेश स्वगृही होने से व पुत्र कारक बृहस्पति भी बलवान स्थिति में होने से इनको दो पुत्र रत्नों की प्राप्ति हुई। कुंडली में पंचम स्थान से पूर्वजन्मकृत पुण्य कर्मों का विचार भी किया जाता है।
इनकी कुंडली में पंचम भाव बहुत शुभ स्थिति में होने से इनको पूर्व जन्मकृत पुण्यों के प्रभाव से इस जन्म में धन, यश व सम्मान की प्राप्ति हो रही है। निशा जी की कुंडली में छठे भाव में मूलत्रिकोण राशि में राहु होने से इनके प्रतिद्वंद्वी भी इन्हें प्रतिस्पर्धा में हरा नहीं सकते और ये औरों से सबसे ऊपर अपने कार्यों में श्रेष्ठ आसन पर विराजित हैं। निशा जी ने 2008 में ही क्यों ब्ववापदह त्मबपचमे का कार्य शुरू किया, इस बारे में सोचें तो 1996 से 2003 तक इनकी शनि की साढ़ेसाती चल रही थी। इसी समय दिल्ली शिफ्ट किया और अपना नया काम करने में इन्हें काफी मेहनत और मशक्कत करनी पड़ी।
काफी खर्चा भी हुआ और 2006 के पश्चात जब गुरु में शुक्र की अंतर्दशा शुरू हुई और 2007 में जब गुरु शनि के ऊपर वृश्चिक राशि में आए और शनि कर्क राशि में चतुर्थ भाव पर चल रहे थे तो इनका घर दिल्ली से नोएडा शिफ्ट हो गया जहां इन्होंने अपना नया घर बनाया। 2008 में जब गुरु भाग्य भाव में आए और गुरु में शुक्र की अंतर्दशा प्रारंभ हुई तो इन्होंने पाककला के क्षेत्र में अपने कदम बढ़ाए और 2011 में जब गुरु चंद्रमा के ऊपर लग्न में आए तो अपनी वेबसाईट बनाकर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर ली। इनकी कुंडली में कुछ महत्वपूर्ण योग भी बन रहे हैं:
धन बुद्धि कौशल योग: सूर्य से चंद्रमा यदि अपोक्लिम भाव (3, 6, 9, 12) में हो तो यह योग बनता है।
इनकी कुंडली में सूर्य से चंद्रमा 9वें भाव में होने से यह योग बनता है जिसके कारण इन्होंने अपने बुद्धि व कौशल के द्वारा अपने कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त की।
राज योग: भाग्येश तथा आत्म कारक ग्रह लग्न या सप्तम में हो तो राज योग बनता है। आत्मकारक ग्रह चंद्रमा लग्न में तथा भाग्येश सप्तम में होने से निशा जी की कुंडली में राज योग बन रहा है और इस योग से निशा जी पूर्ण वैभव व सुख से जीवन-यापन कर रही हंै।
दुरधरा योग: चंद्रमा के दोनों ओर ग्रह होने से इनकी कुंडली में यह योग बन रहा है और इन्हें धन, वाहन, संपत्ति का सुख प्राप्त हो रहा है।
धन योग: आत्मकारक ग्रह यदि शुभ राशि अथवा शुभ ग्रह के नवांश में स्थित हो तो धन योग बनता है। इनकी कुंडली में आत्म कारक चंद्रमा शुभ ग्रह बृहस्पति के नवांश में होने से यह योग बन रहा है जिससे वर्तमान में इनके जीवन में धन की कोई कमी नहीं है।
वीणा योग: इनकी कुंडली में सात स्थानों में सभी ग्रह होने से यह योग बन रहा है और इसी से इन्हें अपने कार्य क्षेत्र में अद्भुत कला-कौशल प्राप्त है। अभी वर्तमान में इनकी शनि महादशा में शनि का अंतर चल रहा है और चूंकि शनि कुंडली में अष्टमस्थ है, इसलिए इन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी हो रही हैं। परंतु आगे भविष्य में अक्तूबर 2017 में जब शनि में बुध की अंतर्दशा प्रारंभ होगी तब इनके स्वास्थ्य व कार्यक्षेत्र की दृष्टि से अधिक सकारात्मक समय रहेगा।
यदि आप भी निशा मधुलिका जी की आसान Recipes को देखना चाहते हैं तो इनकी वेबसाईट nishamadhulika.com पर जरूर अपेपज करें। इनकी हजारों रेसिपी यू ट्यूब पर भी उपलब्ध हैं। इन्हें गूगल पर आसानी से सर्च किया जा सकता है। आशा करती हूं कि हमारी महिला पाठक अवश्य ही इनकी आसान रेसिपी से नये-नये पकवान बनाकर अपने घर के सभी सदस्यों को खुश कर सकेंगी।