अंकों की गणना और उसके मानव जीवन पर प्रभाव को अंक शास्त्र के नाम से जाना जाता है। जीवन के सभी क्षेत्रों में इसकी उपयोगिता हमेशा रहती है। अंकों के आधार पर ही हमने 27 नक्षत्रों, 12 राशियों और 9 ग्रहों को पहचाना है। किसी भी कुंडली में 13 राशियां या भाव नहीं हो सकते उसी तरह (1-9) को छोड़ कर कोई नया अंक नहीं हो सकता ना तो ज्योतिष बदली है और ना ही अंकों का रहस्य। अंकों के महत्वपूर्ण नियम होते हैं।
जिससे हम अपने जीवन में उसका प्रभाव देखते हैं इसमें मूलांक, भाग्यांक और नामांक मुख्य है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है मूलांक यह हमारी जन्म तिथि है। वह कोई भी संख्या हो सकती है जो हमें पूरी तरह प्रभावित करती है। अगर किसी की जन्म तारीख 3 मार्च 2010 है तो उसका मूलांक उसकी जन्म तिथि होगी जैसे 3 मूलांक इस जातक के जीवन पर इस अंक का प्रभाव तथा इसके गुण अवगुण पूरे जीवन काल में प्रभावित करते रहेंगे। यदि जन्म तारीख 12 मार्च 2010 है तो भी मूलांक 1$2=3 ही होगा।
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भाग्यांक बनाने की विधि 3.3.2010= 3 $ 3 $ 2 $ 0 $ 1 $ 0 = 9 नामांक और भाग्यांक को गणना के बाद हम यह देखते हैं कि कौन सा अंक किस ग्रह का है और इसकी शत्रुता मित्रता किससे है यह निम्न प्रकार है: अंक ग्रह मित्र अंक शत्रु अंक सम अंक 1 सूर्य 4, 8 5, 6 2, 3, 7, 9 2 चंद्र 7,9 5, 8 1, 3, 4, 6 3 गुरु 6, 9 4, 8 1, 2, 5, 7 4 राहु 1, 8 3, 5 2, 6, 7, 9 5 बुध 3, 9 2, 4 1, 6, 7, 8 6 शुक्र 3, 9 1, 8 2, 4, 5, 7 7 केतु 2, 6 1, 9 3, 4, 5, 8 8 शनि 1, 4 3, 6 2, 5, 7, 9 9 मंगल 3, 6 1, 7 2, 4, 5, 8 मूलांक भाग्यांक के बाद हम गणना करते हैं अपने नामांक की। अंक ज्योतिष में सबसे अधिक परिवर्तनशील हमारा नामांक ही होता है।
यदि हमारा नामांक हमारे मूलांक या भाग्यांक का शत्रु है तो हम इसमें थोड़ा परिवर्तन करके मित्र या सम बना लेते हैं जिससे कि जीवन में अचानक सफलता मिल जाती है। उदाहरण -MANOJ 4 $ 1 $ 5 $ 7 $ 1 = 18 = 9 इस जातक का नामांक 9 होगा जो कि नामांक कहलाता है इसे हम मूलांक तथा भाग्यांक से देखें तो आपस में सभी मित्र है।
मूलांक = 3, भाग्यांक = 9, नामांक = 9 अंग्रेजी नाम की सारणी (नामांक) बनाने की विधि A B C D E F G H I J K L M 1 2 3 4 5 8 3 5 1 1 2 3 4 N O P Q R S T U V W X Y Z 5 7 8 1 2 3 4 6 6 6 5 1 2 अतः जातक के जीवन में मंगल तथा बृहस्पति का प्रभाव हमेशा रहेगा। मंगल अत्याधिक ऊर्जा देता है तो बृहस्पति ज्ञान तथा धार्मिकता देता है। अतः जातक पर इसका प्रभाव संपूर्ण जीवन भर रहेगा। इस प्रकार हम अगर अंकों का सही उपयोग करें तो हमारे कैरियर के लिए अंक ज्योतिष सबसे महत्वपूर्ण है। इस विधि द्वारा प्रत्येक अंक का एक स्वामी होता है जो कि हमारे कैरियर या व्यवसाय को पूरी तरह प्रभावित करता है।
प्रत्येक अंकों का महत्व कैरियर में यदि अंकों की विधि से देखा जाये तो प्रत्येक मूलांक के लिए अलग-2 व्यवसाय या नौकरी निर्धारित है। यदि कोई भी व्यक्ति अपने शुभ मूलांक भाग्यांक के अनुसार व्यवसाय या नौकरी करेगा तो उसे सफलता मिलेगी और यदि शत्रुता है तो जल्दी सफलता नहीं मिलती। बाधाएं आती रहती है और हानि होती है।
मूलांक 1 (जन्म दिनांक 1, 10, 19, 28) यह अंक सूर्य का होता है इस अंक में नेतृत्व की भावना प्रबल होती है जिस कार्य को इस अंक का जातक करेगा उसे अच्छी तरह से करता है। यह सरकारी क्षेत्रों, बिजली, सर्जरी, विज्ञान, प्रशासनिक, सोना, आभूषण सरकारी ठेकेदारी आदि करेगा तो सफलता मिलती है।
मूलांक 2 (जन्म दिनांक 2, 11, 20, 29) यह अंक परिवर्तनशीलता भावुक, सच्चा तथा कोमलता का प्रतीक है इस अंक का जातक नये-नये कार्य करता है और स्थिर नहीं रहता इन्हें दूध, डेरी, तरल पदार्थ, पत्रकारिता, पशुपालन, समुद्री कार्य, रत्न का व्यापार, कला, सजावट, आर्किटक्चर आदि के कार्य करता है तो सफलता मिलती है। यह चंद्रमा का अंक है।
मूलांक 3 (जन्म दिनांक 3, 12, 21, 30) यह अंक बृहस्पति का तथा ज्ञान का अंक है। यह शुभ तथा संघर्ष का प्रतीक है इन्हें हमेशा संघर्ष करना पड़ता है लेकिन ऐसे लोग सफलता प्राप्त करते हैं। मूलांक 3 वाला जातक शिक्षा के क्षेत्र में, अदालती, कामी, राजदूत, दर्शन शास्त्र, धार्मिक कार्य, बैंक आदि के क्षेत्रों में सफल होता है।
मूलांक 4 (जन्म दिनांक 4, 13, 22, 31) यह अंक राहु का माना जाता है।यह अंक उथल पुथल का होता है। या तो व्यक्ति बहुत ऊपर उठता है या बहुत ही परेशानी से गुजरता है। ऐसे लोग इजी., सेल्समैन, वहीखाता, रेलवे, टेलीग्राफी, पत्रकारिता, तम्बाकू, दलाली, लेखा, ट्रांसपोर्ट, राजनीति तथा ज्ञान के क्षेत्रों में सफल होते हैं।
मूलांक 5 (जन्म दिनांक 5, 14, 23) यह अंक बुध का होता है इसे व्यक्ति सामान्य विचारधारा के धनी होते हैं । प्रतिदिन अपने विचारों में परिवर्तन करते रहते हैं
ऐसे जातक जिनका मूलांक 5 होता है ये किसी से दबते नहीं है ये मित्रता जल्दी करते हैं ऐसे व्यक्ति सेल्समैन, बीमा, लेखन, शिक्षा, गणितज्ञ, चिकित्सक तथा ऊंचे दर्जों के व्यापारी होते हैं।
मूलांक 6 (जन्म दिनांक 6, 15, 24) अंक 6 शुक्र का होता है ऐसे जातक कला के क्षेत्रों में सफल होते हैं। इन्हें भौतिकता की चाह अधिक होती है ये कला क्षेत्र में फैशन, फिल्मी दुनिया, गायन, लेखन, कथा कहानी, ड्रामा, चित्रकला आदि में सफल होते हैं।
मूलांक 7 (जन्म दिनांक 7, 16, 25) यह अंक सहृदय, अध्यात्म, स्वतंत्र विचार के होते हैं। ड्राईविंग, दवा विक्रेता, गुप्तचारी, पहलवानी, संपादन, राजनीति आदि तथा डेरी, फिल्म ज्योतिष, अध्यात्म आदि में अपना कैरियर चुने तो सफल होते हैं।
मूलांक 8 (जन्म दिनांक 8, 17, 26) यह अंक विश्वास तथा न्याय का माना जाता है। इसका स्वामी शनि होता है ऐसेजातक जो एक बार सोच लें उसे करते जरूर है इन्हें इजी., खिलाड़ी, नगरपालिका, कोयला, खान, पशुपालन, श्मसान, न्याय विभाग, ठेकेदारी, जेल विभाग में सफलता मिलती है।
मूलांक 9 (जन्म दिनांक 9, 18, 27) ऐसे जातक जिनका मूलांक 9 होता है बहुत ही साहसी तथा पराक्रमी होते हैं यह मंगल का अंक होता है। ऐसे जातकों को सेना, पुलिस, मशीनरी, इंजीनियर, पहलवानी, प्रबंधक, औषधि निर्माण, भूमि संबंधी, अग्नि संबंधी, गार्ड आदि की नौकरी या इन क्षेत्रों में व्यवसाय करे तो सफलता मिलती है।