जाॅन अब्राहम माॅडलिंग की दुनिया से फिल्मी दुनिया में अपना स्थान बनाने वाले जाॅन अब्राहम की दो फिल्में ‘गरम मसाला’ और ‘धूम’ ने वाकई में धूम ही मचा दी। विज्ञापनों में भी जाॅन‘-बिपासा की जोड़ी की जबर्दस्त मांग है। इनकी हस्त रेखाओं में ऐसा क्या है। संक्षिप्त में विचार करें: जैसा कि आप चित्र सं. 1 में देख रहे हैं, जाॅन अब्राहम के हाथ में जीवन रेखा गोल है। जो शनि क्षेत्र को घेर रही है। हृदयरेखा का अंत शनि क्षेत्र के नीचे है व एक रेखा बृहस्पति की ओर भी जा रही है। चित्र सं. 2 में मस्तिष्क रेखा का अंत सूर्य उंगली के नीचे है। हाथ भारी है व भाग्य रेखा मोटी से पतली होकर शनि क्षेत्र तक जा रही है। इनके हाथों में अंतज्र्ञान रेखा की स्थिति भी बहुत अच्छी है। कनिष्ठिका कुछ टेढ़ी तथा सूर्य की उंगली भी कुछ टेढ़ी है। गुरु की उंगली सूर्य की उंगली से बड़ी है, अंगूठा लंबा, पतला एवं पीछे की ओर झुकने वाला है।
ऐसे लक्षण होने पर व्यक्ति बहुत उत्तरदायी होता है अतः स्थाायित्व प्राप्त करने के बाद ही शादी करना पसंद करता है। ऐसे लोग बौद्धिक कार्य तथा एक से अधिक व्यापार करने वाले भी पाए जाते हैं। इनके हाथ में इनकी जीवन रेखा गोलाकार है। ऐसे लोग धन संचयी और समझदार होते हैं। वे बहुत सोच-समझ कर खर्च करने वाले होते हैं किंतु प्रेमादि मामलों में इन खर्च पर अधिक ध्यान नहीं देते। ऐसे लोग माता-पिता के भक्त और उदार व सहायक प्रवृत्ति के होते हैं क्योंकि इनकी गुरु की उंगली सूर्य की उंगली से कुछ बड़ी होती है। इनका हाथ मांसल, गुलाबी और भारी होने पर समाज में इन्हें उत्तम स्थान प्राप्त हो जाता है। इनके हाथ में अंतज्र्ञान रेखा जीवन रेखा से निकलकर बुध क्षेत्र तक जा रही है। यह उत्तम मानसिक शक्ति का द्योतक है व हाथ में चंद्र भी उत्तम है, अतः ऐसे लोग भावनाओं में बहकर अश्रुपात भी करने लगते हैं। ये प्रखर प्रेमी एवं भावुक होते हैं।
इनके हाथ में अंगूठा लंबा एवं लचीला है जो व्यक्ति को उत्तरोत्तर धनी बनाने का लक्षण है। इस हाथ में शनि ग्रह व शनि की उंगली उत्तम स्थिति में है और सीधी है। इन लोगों को संगीत कला का शौक होता है। ये प्रायः संगीत कला के मर्मज्ञ भी होते हैं। ये योग, ध्यान, प्राणायाम भी अपनाते हैं। शनि की उंगली की गांठ भी बड़ी है जो अध्यात्म के प्रति रुचि का प्रबल संकेत है। इनमें स्वाभिमान की भावना प्रबल होती है। इन्हें धन एवं प्रसिद्धि दोनों ही मिलती हैं तथापि इन्हें अपने सम्मान की चिंता लगी रहती है। शनि एवं चंद्रमा इनके हाथ में उत्तम है। ऐसे लोगों को कला से प्रेम एवं कलात्मक वस्तुओं के संग्रह का शौक होता है। ऐसे जातकों को बिजली एवं आग से खतरा हो सकता है। इनके हाथों में कुछ हद तक दंतरोग के लक्षण भी हैं। इनके हाथ में भाग्य रेखा पतली है और शनि क्षेत्र पर जा रही है अतः यह लक्षण इन्हें विशेष धनी बनाता है।
आने वाले समय में जाॅन अब्राहम की तरक्की होगी किंतु स्वास्थ्य की वजह से सफलता के मार्ग में यदा-कदा अड़चनें भी आती रहेंगी। कुल मिलाकर इनके हाथ की रेखाएं वे सभी गुण रखती हंै जो एक लोकप्रिय, सफल और प्रतिभासंपन्न कलाकार में होने चाहिए। अतः आने वाले समय में जाॅन और भी सफल और लोकप्रिय अभिनेता के रूप में हमारे समक्ष आएंगे। शाहरुख खान शाहरुख खान का हाथ भारी है, शनि की उंगली सूर्य व गुरु की उंगली से 1/2 इंच लंबी है व गुरु की उंगली सूर्य की उंगली से भी बड़ी है। उंगलियां पतली हैं, तथा बुध की उंगली तिरछी है। जीवन रेखा गोल है और भाग्य रेखा मणिबंध से निकलकर सीधे गुरु की उंगली के नीचे समाप्त हो रही है। और हृदय रेखा थोड़ी सी दोषयुक्त होकर गुरु व शनि की उंगली को देख रही है और मस्तिष्क रेखा, चंद्र क्षेत्र पर जा रही है।
अभिनेता शाहरुख खान के हाथ में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है: शुक्र, चंद्र, गुरु, सूर्य व बुध ग्रह विशेष रूप से उठे हुए हैं। नाखूनों में चंद्र है तथा सभी नाखून छोटे-छोटे हैं। हथेली के पीछे बाल बहुत अधिक हैं। जैसा कि चित्र सं. 1 में प्रदर्शित है। इस प्रकार की रेखाओं व ग्रह व्यक्ति को कलाकार बनाने में अहम भूमिका निभाते हंै।
कलाकार बनने में सहायक अन्य रेखाएं: -
कलाकार बनने में मस्तिष्क रेखा भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मस्तिष्क रेखा धीरे-धीरे मुड़कर चंद्र क्षेत्र पर जाए और चंद्र पर्वत उन्नत हो तो व्यक्ति में साहित्यकार और कलाकार के गुण के साथ-साथ भावुकता स्वतः आ जाती है। ऐसे लोग शांतिप्रिय तथा धुन के पक्के होते हैं। वे दिन-प्रतिदिन उन्नति करने वाले होते हैं। इन लक्षणों के साथ-साथ उंगलियां पतली, हाथ कोमल एवं अंगूठा लचीला होना भी आवश्यक है। हाथ देखते समय इन सभी लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। जैसा कि चित्र सं. 2 में प्रदर्शित है। - गुरु की उंगली अर्थात तर्जनी यदि अनामिका से लंबी हो तो इनमें हर वक्त यही सोच रहती है कि जीवन में कुछ अलग कर दिखाना है।
यदि हाथ भारी व कोमल हो और मस्तिष्क रेखा या इसकी एक शाखा चंद्र क्षेत्र पर जाए तो इनमें उत्तरदायित्व, महत्वाकांक्षा आदि गुण पाए जाते हैं। कलाकार बनने के बाद इन्हें ख्याति तथा यश मिलता है। इसके साथ-साथ यदि भाग्य रेखा भी मोटी से पतली हो या इसकी संख्या एक से अधिक हो तो इनकी कला के दाम भी अच्छे मिलते हैं। जैसा कि चित्र सं. 3 में प्रदर्शित है। - शुक्र ग्रह उठा हुआ व उंगलियां लंबी होने पर राह चलते व्यक्ति से मित्रता करना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं होती। ऐसे लोग कलाकार होने पर किसी अभिनेता की एक्टिंग भी बहुत अच्छी कर लेते हैं। पर इसके लिए सूर्य, बुध व बुध की उंगली का तिरछा होना भी अति आवश्यक है।
उंगलियां पतली और मस्तिष्क रेखा के प्रबल होने पर ऐसे कलाकार नया तरीका निकाल कर अपने कार्य को अंजाम देने वाले होते हैं। जैसा कि चित्र सं. 4 में प्रदर्शित है। - चंद्र क्षेत्र पर मस्तिष्क रेखा जाने, जीवन रेखा गोल, हाथ कोमल व भारी तथा सूर्य रेखा के साफ सुथरी होन पर या सूर्य रेखा मस्तिष्क रेखा को भी चीरकर आगे निकल जाने पर व्यक्ति प्रसिद्ध कलाकार होता है। वह अपनी कला के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होता है। उसमें कला सीखने तथा सिखाने की योग्यता भी बहुत अधिक होती है। सूर्य रेखा से भाग्य संबंधी जानकारी भी प्राप्त होती है। यह जितनी लंबी व साफ सुथरी होगी उतना ही अच्छा फल देगी। जैसा कि चित्र सं. 5 में प्रदर्शित है। - कलाकार बनने में हृदय रेखा का भी बहुत अधिक महत्व है।
यह रेखा उंगलियों के आधार के जितने नीचे होगी तथा अन्य रेखाएं जितनी साफ सुथरी होंगी, कलाकार की क्षमता उतनी ही प्रखर होगी। अन्य लक्षण अच्छे होने पर बचपन में इनकी जिस किसी कार्य में रुचि होती है उसी क्षेत्र को अपना मानकर आगे बढ़ते हैं। कला के क्षेत्र में होने पर ये अच्छे कलाकार भी साबित होते हैं। जैसा कि चित्र सं. 6 में प्रदर्शित है। - अधिकतर प्रसिद्ध कलाकारों के अंगूठे लंबे, सभी उंगलियां खासकर सूर्य और शनि की उंगलियां, सीधी होती हैं तथा उनके आधार बराबर होते हैं। उनकी भाग्य रेखा हृदय या मस्तिष्क रेखा पर रुके बिना शनि रेखा पर जाती है और अंत में द्विभाजित होती है।
इनकी भाग्य रेखाएं एक से अधिक होती हैं। इनकी जीवन रेखा गुरु रेखा से निकलती है। इनके शुक्र व चंद्र ग्रह कम उन्नत होते हैं तथा हाथ भाारी या कोमल होता है। इनमें से कोई भी 3 या 5 लक्षण होने पर व्यक्ति में कला के प्रति प्रेम होता है और ये स्थितियां कलाकार को सफल बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हंै। जैसा कि चित्र सं. 7 में प्रदर्शित है।