चेहरे से जानिए स्वभाव वामन राव पांडे चेहरा मन का दर्पण है। मानव मन के अनेक प्रकार के विचार चेहरे पर आ जाते हैं जो स्नायु का कार्य करते हैं। ग्रहों के प्रभाव से स्वभाव निश्चित होता है और उसका स्थायी प्रभाव चेहरे पर पड़ता है। कैसे आइए जानें...
एक बार किसी का स्वभाव जैसा बन जाता है वैसा सदैव बना रहता है, हां, चित्त को एकाग्र कर मूलभूत आदतों में परिवर्तन अवश्य लाया जा सकता है। वात्सायन के कामसूत्र में महिलाओं के चेहरे चार प्रकार के बताए गए हैं-
पद्मिनी, चित्रिणी, हस्तिनी और शंखिनी पद्मिनी स्त्री: इसका चेहरा लंबोतरा तथा शुक्र प्रधान होता है। इसकी प्रवृत्ति भोग प्रध¬ान होती है। इसका भाग्य साधारणतः अच्छा होता है।
चित्रिणी स्त्री: इसका चेहरा सुंदर व गोला¬कार तथा हनु (ठुड्डी) नुकीली होती है। चेहरे पर गुरु, सूर्य तथा बुध का प्रमाण होता है। इसका स्वभाव शीलयुक्त, पवित्र तथा स्नेही होता है। यह भाग्यवान होती है।
हस्तिनी स्त्री: इसका चेहरा बड़ा, लंबा व त्रिकोणाकार और मंगल, शुक्र तथा शनि प्रधान होता है। इसकी प्रवृत्ति सुख भोगने की होती है। लेकिन भाग्य में दुख ज्यादा होता है। फिर भी यह हर काम हंस कर करती है।
शंखिनी स्त्री: इसका चेहरा चैकोर तथा जबड़े बड़े होते हैं। चे¬हरे पर शनि, राहु और शुक्र के गुण होते हैं। इसका स्वभाव व प्रवृत्ति दुष्ट होती है। पुरुषों के चेहरे पुरुषों के चेहरे मुख्यतया चार प्रकार के होते हैं उन्हें पहचान कर व्यक्ति के स्वभाव को जाना जा सकता है।
मंगोलियन: इस तरह के चे¬हरे भारत में 95 प्रतिशत देखे जा सकते हैं। इनका चेहरा शुक्र व मंगल प्रधान होता है। इनका स्वभाव खाना पीना और मौज मस्ती करना होता है। ये निर्लज्ज, क्रोधी, धर्म विरोधी होते हैं।
चीनी चेहरे: ये छोटे आकार के होते हैं। ये चेहरे बुध व शुक्र प्रधान होते हैं। ऐसे चेहरे वाले लोग व्यवहार कुशल होते हैं और भावना को ज्यादा महत्व नहीं देते।
आर्यन: ये चेहरे लंबे गोल होते हंै। ये रवि व गुरु प्रधान होते हंै। ऐसे चेहरे वाले लोग भावुक और धार्मिक होते हैं। इनका स्वभाव अच्छा होता है और पाप कर्म से अपने आपको दूर रखते हैं।
द्रविड़ियन: यह चेहरा राहु, शनि व चंद्र प्रधान होता है। ऐसे चेहरे वालों के जबड़े चैड़े दिखाई देते हंै। इन व्यक्तियों का स्वभाव खराब अस्थिर तथा अपवित्र होता है। इनका स्वभाव थोड़ा राक्षसी होता है और ये इच्छानुरूप रहने वाले होते हैं। इनका मन पर कोई नियंत्रण नहीं रहता। अब यहां कपाल, भौंहों, नेत्रों नाक, होंठों, दांतों गालों, कानों, और सिर के बालों द्वारा स्वभाव का वर्णन प्रस्तुत।
कपाल: कपाल को तीन भागों में विभ¬ाजित किया जा सकता है। जो लोग वचन के पक्के होते हैं उनका कपाल ऊंचा उठा हुआ एवं सरल होता है। सृष्टि सौंदर्य प्रेमियों गणितज्ञों का भी कपाल ऐसा ही होता है। बुद्धिमान व्यक्ति का कपाल विशाल होता है। मुखाकृति विज्ञान में स्वभाव जानने के लिए मस्तिष्क के तीन प्रमुख भाग किए गए हंै- बौद्धिक, नैतिक व स्वार्थी। कपाल के आगे का भाग बुद्धि भाग होता है। शेष भाग धर्म और नीति संबंधित होता है। मस्तिष्क के पीछे और उसके दोनों तरफ का भाग पा¬िरवारिक प्रेम का होता है। मस्तिष्क के पीछे के बाजू के दोनों भाग सामाजिक स्वार्थी कहे जाते हैं। व्यवहार से स्वभाव की परीक्षा होती है। बैठे हुए कपाल वाले व्यक्ति क्रूर स्वभाव के होते हैं। जिसके कपाल पर अनेक नसें दिखती हों वह पापी स्वभाव का होता है। जिसके कपाल पर अनेक टूटी हुई रेखाएं होती हैं। वह परस्त्रीगामी होता है। सपाट कपाल वाला व्यक्ति अच्छे स्वभाव का नहीं होता है। छोटे कपाल वाले लोग कंजूस होते हैं। जिसके कपाल पर टूटी-टूटी रेखाएं होती हैं वह चुगलखोर होता है। जिसका कपाल उतरा हुआ रहता है वह पाप वृत्ति का होता है।
भौंहों द्वारा स्वभाव वर्णन: भौंहों के ऊपर बाल मनुष्य के स्वभाव की विशेषता बताते हैं। अगर भौंहंे एक सरल रेखा में हों और केस उसके ऊपर हों, तो व्यक्ति कामुक होता है। छोटी भौंहों वाले व्यक्ति दुष्ट होते हैं। जिसकी भौंहें और आंखंे एक रेखा में होती हैं, वह परावलंबी स्वभाव का होता है। जिनकी भौंहें लट के समान हों, धूर्त होते हैं। जिनकी भौंहों की दूरी सामान्य हो, वे मित्रवत व्यवहार वाले होते हैं। जिनकी भौंहें चैड़ी होती हैं, वे हेंकड़ीबाज होते हैं। ऊंची व गोलाकार भौंहें व्यक्ति में नेता बनने की इच्छा को प्रकट करती हैं। बारीक, लंबी, किंचित गोल आकार की भौंहों एवं आंखों के ऊपर केस वाला व्यक्ति आलसी व द्वेषी स्वभाव का होता है। घातक व क्रूर स्वभाव का व्यक्ति अपनी भौंहें अक्सर ऊंची करता रहता है। इस प्रकार भौंहों द्वारा स्वभाव का पता चल जाता है।
आंख: आंखों के अध्ययन से व्यक्ति के प्रेम, खुशी, दुख, परेशानी, सहानुभ्¬ाूति, सान्त्वना, क्रोध, लालसा आदि भावों को जाना जा सकता है। निष्कपट मनुष्य की आंखों में स्थिरता रहती है। चिकनी, तिरछी आंखों वाले लोग धूर्त होते हैं। मुर्गे की सी आंखों वाला व्यक्ति चुगलखोर होता है। बिल्ली के समान आंखों वाले व्यक्ति में बदला लेने की भावना होती है। जिनकी आंखें चीते की आंखों के सामान हांे वे क्रोधी होते हैं। जिनकी आंखे कौए के समान हो वे दुष्ट स्वभाव के होते हैं। लाल आंखों वाला व्यक्ति घात करने वाला होता है। हरे रंग की आंखों वाला व्यक्ति खोजी प्रवृत्ति का होता है। काली भूरी आंखों वाला व्यक्ति अच्छे स्वभाव का होता है।
नाक: नाक लोगों की विशेषता का द्योतक है। नाक के द्वारा हम व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक गुणों का पता लगा सकते हैं। सुसंस्कृत एवं बुद्धि संपन्न व्यक्तियों की नाक बड़ी होती है। अशिक्षित व्यक्तियों की नाक विभिन्न प्रकार की होती है। नाक की रचना के अनुसार व्यक्ति का स्वभाव होता है। इच्छा, संकल्पशक्ति और निर्णय क्षमता का लक्षण नाक होती है। जिस व्यक्ति की नाक सरल और नोकदार होती है वह व्यक्ति धैर्यशील स्वभाव का होता है। जिसकी नाक ऊपर की ओर होती है वह दुराचारी स्वभाव का होता है। जिसकी नाक की डंडी लंबी होती है वह स्वच्छंद स्वभाव का होता है। जिसकी नाक छोटी होती है वह दूसरों के अधीन काम करने वाला होता है। जिस व्यक्ति की नाक टेढ़ी होती है, उसकी चोरी करने की वृत्ति होती है। टेढ़ी नाक वाला व्यक्ति पशु वृत्ति का होता है। चपटी नाक वाले व्यक्ति का स्वभाव अच्छा नहीं होता। जिस व्यक्ति की नाक बैठी हुई होती है उसका स्वभाव सकुंचित और पाप वृत्ति का होता है। अगर बाहर से टेढ़ी हो तो व्यक्ति दूसरों की मदद करने वाला होता है। उदात्त और आस्था उत्पन्न करने वाले गुणों को नाक पूर्णता प्रदान करती है। ये गुण नाक के मध्य भाग से दिखाई देते हैं। नाक का मूल स्थान आंखों के बीच का भाग होता है। इस स्थान से संकल्पशक्ति और निर्ण यशक्ति क े लक्षण प्र कट हो ते है ं। जिसकी नाक लंबी, सरल, नीचे की तरफ बढ़ी हुई हो वह संशयी व चै¬कन्ना होता है। जिस व्यक्ति की नाक चैड़ी और सही आकार में होती है वह व्यवहार कुशल होता है। जिसकी नाक गरुड़ पक्षी के जैसी होती है वह स्वार्थी स्वभाव होता हैं। इस तरह नाक व्यक्ति की मानसिक प्रवृत्ति की द्योतक है।
हांेठ: होंठों के द्वारा व्यक्ति के आरा¬ेग्य, रसिकता, आर्थिक स्थिति, आचार विचार, बोलने के ढंग, मानसिक और शारीरिक स्थिति की जानकारी प्राप्त की जाती है। जिनके होंठ रंगदार होते हैं वे रंगीले व विलासी स्वभाव के होते हैं। होंठों के द्वारा व्यक्ति की काम इच्छा, मत्सर, दया, क्षमा, इत्यादि की जानकारी भी प्राप्त की जाती है। मनुष्य सुखी संपन्न है या नहीं, यह होंठांे के द्वारा पता लगा सकते हैं। व्यक्ति के स्वभाव की विशेषता होंठों से झलकती है। जिसके होंठ गुलाबी हो ते हैं ,वह बुद्धिमान हो ता है। जिसके होंठ गोल आकार के होते हैं वह स्वाभिमानी और स्वतंत्र स्वभाव का होता है। जिस व्यक्ति के होंठ उत्तम प्रकार से विकसित होते हैं वह अच्छे स्वभाव का होता है। जिनके होंठ नहीं के बराबर होते हैं, वे दूसरे के साथ द्वेष करने वाले होते हैं। जिसके होंठ नीचे की ओर बढ़ते हैं और ऊपरी भाग सही आकार का होता है वह दिलदार और प्रेमी स्वभाव का होता है। होंठ अगर छोटे हांे तो व्यक्ति कलाप्रिय होता है। अगर निचला होंठ आगे की ओर हो तो व्यक्ति दुर्बुद्धि और लोभी होता है। ाील व्यक्ति क े हां ेठदो ना े ंनथु नो ंकी तरफ से दबे हुए होते हैं। ऐसे व्यक्ति अहं भाव वृत्ति के होते हैं।
दांत: दांतों से भी व्यक्ति का स्वभाव जाना जाता है। पूरी आयु तक दांतों का स्वस्थ रहना आवश्यक है। दांत जीवन की कर्मठता का आधार होते हैं। दांत चैड़े हों, तो व्यक्ति का स्वभाव उदार होता है। अगर दांत चैड़े और समकोण हांे तो व्यक्ति न्यायवृत्ति का होता है। अगर दांत न बहुत बड़े और न बहुत छोटे हों तो व्यक्ति शुभ गुणों वाला होता है। टेढ़े-तिरछे दांत वाला व्यक्ति स्वार्थी होता है। लंबे, बड़े तथा बाहर निकले दांतांे वाला व्यक्ति विद्वान होता है। अत्यधिक बड़े, दांतों वाला व्यक्ति अकर्मण्य व मूर्ख होता है। मसूढ़े न दिखे तो व्यक्ति कर्मठ तथा सत्यवादी होता है। चिकने दांतों वाला व्यक्ति गुणों से परिपूर्ण होता है।
गाल: गोल गाल वाले लोग किसी भी कार्य को करने से पहले विचारते हैं। चैड़े या फैले गाल वाले लोग कार्य को अत्यंत निपुणता से करते हैं। स्पष्ट ऊपर की ओर बढ़े गाल वाले लोग परिवार पर अपना प्रभुत्व रखते हैं। चपटे तथा नीचे की ओर ढलके गाल वाले लोग किसी भी कार्य को सहर्ष स्वीकार कर लेते हैं। बैठे गाल वाले लोग कार्यशील होते हैं पर जीवन में इन्हें निराशा अधिक मिलती है।
कान: कान अगर उचित आकार के और सही स्थान पर हों तो चेहरे की शोभा बढ़ाते हैं और व्यक्ति का स्वभाव भी अच्छा होता है। लंबे और गोल कान हों तो व्यक्ति अच्छे स्वभाव और आचरण वाला होता है। अगर कानों पर नसें दिखती हांे तो व्यक्ति अत्यंत परेशान रहने वाला होता है। छोटे कान वाला व्यक्ति कारस्तानी दिखाने वाला होता है। जिसके कान आंखों के अधिक करीब हों वह दूसरों के ऊपर हेंकड़ी जमाने वाला होते हैं। जिनके कानों के ऊपर बाल होते हैं वे अनुयायी होते हैं। जिस पुरुष के कान चपटे और पतले होते हैं वह चैन पसंद होता है। टूटे, फटे कानों वाले लोग धूर्त और दूसरों को फंसाने वाले होते हैं।
बाल: मुलायम बाल वाले लोग कुशाग्र बुद्धि के होते हैं। गहरे काले रंग के बाल उत्साह और तेज प्रकट करते हैं। जिन लोगों के बाल असमय ही सफेद हो जाते हैं चिड़चिड़े स्वभाव के होते हैं। जिसके बाल घुंघराले होते हैं वह स्वार्थी होता है। जिसके बाल मोटे और जल्दी टूटने वाले होते हैं वह राक्षसी स्वभाव का होता है। मुलायम बाल वाले लोग दूसरों को पटा लेने में होशियार होते हैं।
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