रियल एस्टेट में लाभ या हानि
रियल एस्टेट में लाभ या हानि

रियल एस्टेट में लाभ या हानि  

भारती आनंद
व्यूस : 7396 | मार्च 2011

हस्त रेखा एवं ज्योतिष द्वारा जानें रियल एस्टेट में लाभ एवं हानि भारती आनंद हाथ की रेखाओं के द्वारा हर एक क्षेत्र को समझा तथा जाना जा सकता है। यदि आप रीयल एस्टेट में पैसा इनवेस्ट करना चाहते हैं, तो उससे पहले आपको अपने हाथ की रेखाओं का अध्ययन जरूरी है। यदि आपके हाथ में रेखाएं रीयल एस्टेट के हिसाब से ठीक हैं तो आप उससे फायदा उठा सकते हैं अन्यथा नहीं। यदि हाथ भारी, अंगुलियां चौकोर, ग्रह पर्वत सीधे खासकर शनि और मंगल के उठे हुए हों और जीवन रेखा गोल तथा भाग्य रेखा जीवन रेखा से दूरी पर हो तो रीयल एस्टेट में आपका लगाया हुआ धन कुछ ही वर्षों में भारी लाभ करायेगा।


Consult our astrologers for more details on compatibility marriage astrology


हाथ कोमल व गुलाबी हो, अंगुलियां पीछे की तरफ झुकती हों, मस्तिष्क रेखा सीधे मंगल के क्षेत्र पर जाती हो, हृदय रेखा शनि की अंगुली के नीचे समाप्त हो, भाग्य रेखा का उदग्म जीवन रेखा से हो रहा हो तो आप रीयल एस्टेट के अच्छे निवेशक बन कर लाभ ले सकते हैं। जीवन रेखा व मस्तिष्क रेखा शुरूआत से एक ही जोड़ में से निकल रही हो, अंगुलियों के आधार बराबर हों, हृदय रेखा व मस्तिष्क रेखा में अंतर हो, हृदय रेखा साफ सुथरी हो व मस्तिष्क रेखा को भी कोई अन्य मोटी-मोटी रेखाएं न काट रही हों, हाथ भारी हो तो रीयल एस्टेट में भविष्य स्वर्णिम होता है। यदि हाथ में भाग्य रेखा एक से अधिक हों, सूर्य रेखा भाग्य रेखा के अंदर समा रही हो, मंगल ग्रह के दोनों क्षेत्र उठे हुए हों, जीवन रेखा के साथ एक अन्य जीवन रेखा हो अर्थात् दोहरी जीवन रेखा हो तो भी रीयल एस्टेट के कार्य से अच्छा खासा लाभ होता है।

. हाथ में शनि व मंगल ग्रह के पर्वत उठे हुए व साफ सुथरे हों, हाथ भारी हो, जीवन रेखा से कुछ रेखाएं ऊपर की ओर उठकर अर्थात अंगुलियों की तरफ जा रही हो तो मनुष्य को रीयल एस्टेट से लाभ होता ही रहता है। हाथ भारी हो व उसमें एक से अधिक भाग्य रेखा हो व मस्तिष्क रेखा पर त्रिकोण हो तो मनुष्य स्वयं कई संपत्तियों का स्वामी होता है। रीयल एस्टेट का व्यवसाय भी उसके लिए बहुत लाभप्रद होता है। रीयल एस्टेट की ज्योतिष विवेचना द्वारा भी जाना जा सकता है कि आपको रीयल एस्टेट में कितना लाभ है। उसके कुछ योग इस प्रकार है।

1. चतुर्थेश केंद्र या त्रिकोण में हो

2. मंगल त्रिकोण में हो।

3. चतुर्थेश स्वगृही, वर्गोत्तम, स्व नवांश या उच्च का हो तो भूमि व रीयल एस्टेट के काम में लाभ होता है।

4. यदि व्यक्ति का चतुर्थेश बलवान हो और लग्न से उसका संबंध हो तो भवन सुख की प्राप्ति होती है।

5. यदि चतुर्थ भाव पर दो शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो व्यक्ति भवन का स्वामी बनता है व रीयल एस्टेट में मुनाफा कमाता है।

6. शनि, मंगल व राहु की युति हो तो ऐसे व्यक्ति की भू-संपदा व मकान इत्यादि अवैध कमाई से निर्मित होता है। परंतु रीयल एस्टेट में सौदा फायदे का ही होता है।


Know Which Career is Appropriate for you, Get Career Report


7. गुरु की महादशा में शनि की अंतर्दशा में व्यक्ति को मकान का सुख तो प्राप्त होता है, परंतु उसे यह सुख पुराने मकान के रूप में प्राप्त होता है। उसे अपने मकान का नवीकरण करना पड़ता है एवं रीयल एस्टेट में बहुत ज्यादा इनवेस्ट ठीक नहीं होता है। ऐसे लोगों को चाहिए रीयल एस्टेट के कारोबार में अपनी आय का एक सीमित हिस्सा ही लगायें। इसके अतिरिक्त ऐसे अन्य कई लक्षण हैं जिससे इस विषय को और अधिक गहराई से जाना जा सकता हैं।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.