हाथ करे कैरियर की बात
हाथ करे कैरियर की बात

हाथ करे कैरियर की बात  

भारती आनंद
व्यूस : 7573 | मई 2010

हाथ करे कैरियर की बात भारती आनंद कैरियर की दृष्टि से बच्चों के लिए द्गिाक्षा का कौन-सा क्षेत्र उपयुक्त रहेगा, इस बात को लेकर माता-पिता का चिंतित होना स्वाभाविक है। वे बच्चों के लिए उपयुक्त और अनुकूल क्षेत्र का चयन उनके सामान्य ज्ञान, रुचि, पिछली परीक्षाओं के परिणाम आदि के आधार पर करते हैं। किंतु कभी-कभी देखने में आता है कि यह सब करने के बावजूद बच्चे चयनित क्षेत्र में तरक्की नहीं कर पाते। फिर हम इसे भाग्य और भगवान की मर्जी मान कर संतोष कर लेते हैं। ऐसे में हाथ की रेखाएं हमारी सहायता कर सकती हैं। यहां हाथ और उंगलियों के प्रकार तथा रेखाओं और हाथ पर विद्यमान अन्य चिह्नों की उन स्थितियों का विश्लेषण प्रस्तुत है, जिनके आधार पर किसी व्यक्ति के लिए उपयुक्त क्षेत्र का पता लगाया जा सकता है। हाथ मुलायम, उंगलियां पतली व सभी ग्रह उन्नत हों, तो व्यक्ति साहित्यकार या पत्रकार हो सकता है।

अतः ऐसे व्यक्ति को साहित्य या पत्रकारिता के क्षेत्र का चयन करना चाहिए। जिनकी उंगलियां मोटी होती हैं, उनकी प्रकृति शासक जैसी होती है। वे दूसरों पर शासन करने वाले होते हैं। उनका मन पढ़ाई-लिखाई में अक्सर कम ही लगता है। ऐसे बच्चे अगर किसी टेक्निकल लाइन, इंजिनियरिंग या कंप्यूटर शिक्षा के क्षेत्र में प्रवेश ले भी लें, तो शिक्षा अधूरी छोड़ देते हैं। अतः ऐसे बच्चों के कैरियर के लिए जमीन-जायदाद, टेलरिंग या खाने-पीने के सामान बनाने के क्षेत्र का चयन करना चाहिए। जिन लोगों के हाथ में चंद्र या गुरु की स्थिति विशिष्ट हो, उन्हें सौंदर्य कला व एक्टिंग के क्षेत्रों में सफलता मिलती है। इसके अतिरिक्त वे इंटिरियर डिजाइनिंग जैसे कोर्स भी कर सकते हैं। पर इसके लिए जीवन रेखा का गोल होना आवश्यक नहीं है। लेकिन देखा गया है कि उनके कैरियर में कोई न कोई अड़चन आती ही रहती है। मस्तिष्क रेखा का निकास गुरु ग्रह पर से हो, तो व्यक्ति की प्रवृत्ति बचपन से ही शासकीय होती है। ऐसे लोग बौद्धिक त्रुटियां कम करते हैं।

अक्सर ऐसे बच्चे राजनीति में या विदेश से अर्थशास्त्र की शिक्षा अथवा इंजिनियरिंग के क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त करते हैं। लेकिन यह तभी हो सकता है, यदि गुरु तथा शनि उन्नत हों। मंगल उन्नत हो, जीवन रेखा गोल हो व भाग्य रेखा शनि क्षेत्र से निकलकर सीधे शनि के ऊपरी क्षेत्र की तरफ जाए, तो ऐसे लोगों में मंगल के गुण अधिक आ जाते हैं और उन्हें सेना, पुलिस, जल सेना, राज सेना, या इस प्रकार के किसी अन्य कार्य में सफलता अधिक मिलती है। वे साहसी, लगनशील व गर्म स्वभाव वाले होते हैं। बुध की उंगली लंबी और टेढ़ी हो तथा बुध ग्रह अधिक रेखाओं से कटा-फटा न हो, भाग्य रेखा मोटी से पतली हो, तो ये लक्षण व्यक्ति में विशेष बौद्धिक क्षमता के द्योतक होते हैं। ऐसे में वैज्ञानिक, राजनेता, वक्ता, साहित्यकार, शोधकर्ता आदि के गुण होते हैं। अतः जिनके हाथों में उक्त लक्षण हों, उन्हें कैरियर में सफलता हेतु विज्ञान, राजनीति, साहित्य या शोध के क्षेत्र का चयन करना चाहिए। चंद्र और बुध उन्नत हों तथा मस्तिष्क रेखा अच्छी हो, तो ऐसे लोगों को वकालत, पत्रकारिता या सी. आइ. डीका क्षेत्र अपनाना चाहिए। किंतु इस क्षेत्र में सफलता के लिए रेखाओं का सशक्त होना भी आवश्यक है।

जिनकी हृदय और मस्तिष्क रेखाएं पास-पास हों, उन्हें इंजिनियरिंग को अपने कैरियर का क्षेत्र बनाना चाहिए। इस प्रकार, ग्रहों व रेखाओं के समन्वयात्मक विश्लेषण के आधार पर बच्चों के कैरियर का निर्धारण करना चाहिए ताकि उनका जीवन सफल व सुखमय हो सके। यदि मार्ग में किसी प्रकार की अड़चन आए, तो इसका कारण ग्रह दोष या रेखाओं की विकृत स्थिति होती है। इन दोषों से मुक्ति हेतु पूजा-पाठ और उपयुक्त उपाय करना चाहिए।



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