परेशानियां दूर करने के उपाय भारती आनंद विभिन्न प्रकार की हस्तरेखाओं से विभिन्न प्रकार की समस्याओं का पता चलता है। आइये, इस लेख से जानें उन समस्याओं के निवारण के लिये सम्यक् तथा सटीक मंत्रमूलक उपायों के बारे में। यदि आपके हाथ में भाग्य रेखा खंडित हो रही हो या भाग्य रेखा छोटी हो या मोटी हो तो ऐसी भाग्य रेखा जातक के व्यापार को पनपने नहीं देती। व्यापार में घाटा या नुकसान होता रहता है पार्टनरशिप करने पर ऐसे लोगों को धोखा ही मिलता है। ऐसे जातकों को व्यापार बढ़ाने के लिए निम्नलिखित मंत्र प्रयोग करना चाहिए। जैसे- ऊँ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट लक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय नमः। प्रयोग विधि : रात के समय स्नान कर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर कुबेर यंत्र स्थापित कर दें और उसे जल से स्नान करवाएं, फिर केसर व फूल से पूजा करके उसके आगे दिया जलाओ।
फिर इस मंत्र का 1008 बार जप करें व अंत में किशमिश का भोग लगाएं। इस प्रकार इस मंत्र का नित्य जप करें। जो भाग्य रेखा आपके भाग्य में व्यापारिक रूप से रुकावट डाल रही है, ऐसे मंत्र जप करने से वह रुकावट दूर होती नजर आयेगी। यदि आपके हाथ में रेखाओं का जाल है और एक रेखा दूसरी रेखा को काट रही है, हाथ सखत है और आप परेशानियों से घिर रहे हैं तो आप निम्न मंत्र का प्रयोग करें। आप श्वेतार्क गणपति लायें और लाल रंग के आसन पर बुधवार सुबह श्वेतार्क गणपति स्थापित करें और उसको तिलक करें। चंदन की माला से निम्न मंत्र का जप रोजाना करें। मंत्र - ऊँ अंतरिक्षाय स्वाहा। नोट : इस मंत्र का सवा लाख जप होना चाहिए। जब यह साधना समाप्त हो जाय तो बुधवार वाले दिन ही बच्चों को मीठा खिलाएं। ऐसा करने से, जो आये दिन कोई न कोई परेशानी आपको घेर रही है उसका नाश होता है।
यदि हाथ सखत हों, अंगुलियां आगे की तरफ झुकती हों तो ऐसे जातकों को उच्चपद मिलने में अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कठिनाइयां नौकरी या राजनैतिक पद की भी हो सकती है। यदि आप उच्चपद पाना चाहते हैं तो यह मंत्र प्रयोग करें। त्रयाणां देवानां त्रिगुणजनितानां तव शिवे भवेत्पूजा वतचरणयोर्याविरचिता। तथा हि त्वत्पादो दिनमणि पीठस्य निकटे स्थिता ह्येते शरन्मुकुलित रोच समुकुटाः। प्रयोग : इस मंत्र को स्वर्ण पत्र पर लिखकर नित्य 1000 बार के हिसाब से 54 दिनों तक अनुष्ठान करना चाहिए। शहद व नारियल का भोग लगाएं। ऐसा करने से उच्च पद प्राप्त करने के मार्ग में जो कठिनाइयां आ रही हैं वह दूर होंगी। यदि आपके हाथ में मस्तिष्क रेखा चंद्र क्षेत्र पर जाय या अगर मस्तिष्क रेखा द्विभाजित हो और उसकी एक शाखा चंद्र क्षेत्र पर जाए तो डायबिटीज होने का लक्षण है। अगर डायबिटीज ने आपको घेर लिया है तो निम्न मंत्र बोलते हुए उपाय करें। दो चम्मच मेथी दाना और एक चम्मच सौंफ मिक्स करके रात को एक कांच के मग में भिगो दें और सुबह इसको छानकर पानी पी लें और याद रखें कि पानी पीने से पहले निम्न मंत्र का 108 बार जप करके ही पानी पिएं। ऊँ अच्युतानंद गोविंद नामोच्चारण भेषजात्। नश्यंति सकला रोगाः सत्यं सत्यं वदाम्यहम्॥ यदि मस्तिष्क रेखा पर राहू रेखाएं आ जाएं या मस्तिष्क रेखा के नीचे भाग्य रेखा आ जाए तो व्यक्ति का कर्ज नहीं उतरता है।
कर्ज उतारने के लिए निम्नलिखित मंत्र व उपाय करें। 1 किलो चावल, 250 ग्राम शक्कर व 250 ग्राम घी तीनों को एक साथ मिलाकर मंत्र- ऊँ नमो नमन चीटि महावीरह पूरो तोरी आशा तू पूरो मोरी आशा। इस मंत्र को 108 बार पढ़कर चीटी के बिल पर घर से बाहर किसी जगह डालें तो कर्ज उतरने लगता है। नोट-यह प्रयोग तब तक करें जब तक कर्ज न उतरे। यदि जीवन रेखा को मोटी-मोटी रेखाएं काटती हुई भाग्य रेखा व मस्तिष्क को काटती हुई निकल जाएं तो ऐसे जातकों को शत्रु बहुत सताता है चाहे वह प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष। इस दोष से बचने के लिए यह उपाय करना चाहिए। वीरवार वाले दिन मां बगला मुखी का यंत्र स्थापित करके निम्न मंत्र का सवा लाख जप करें। मंत्र- ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम् वाचम् मुखम् पादम स्तंभय जीवध्या कीलय-कीलय शत्रु बुद्धि नाशयी ह्रीं ऊँ स्वाहा। यदि आपकी मस्तिष्क रेखा पर आड़ी तिरछी रेखाएं आ रहीं तो इससे स्मरण शक्ति कम हो जाती है। इस स्मरण शक्ति को ठीक करने के लिए गणेश जी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं, फिर चंदन की माला पर 40 दिन तक इस मंत्र का 1008 बार जप करें। जो सुमिरत सिधि होई गननायक करिबर बदन।
करउ अनुग्रह सोई बुधिरासि सुभगुन सदन। हाथ में हृदय रेखा मोटी, मस्तिष्क रेखा टूटी फूटी, जीवन रेखा लहरदार या मोटी-पतली होने पर व्यक्ति का जीवन विपत्तियों से घिर जाता है। इन विपत्तियों को दूर करने के लिए लाल चंदन की माला से कुल 1 लाख जप 2 महीने तक करें। मंत्र शनिवार से शुरु करें । मंत्र-राजिव नयन धरे धनुसायक। भगति विपति भजन सुखदायक। यदि हाथ नरम हो, कोमल हो और महीन-महीन रेखाओं का पूरे हाथ में जाल बना हो तो जातक का शरीर टूटा-टूटा सा रहता है या कई बार बुखार हो जाए तो निम्न मंत्र का जप करें। मंत्र- सुनु खगपति यह कथा पावनी। त्रिविध ताप भव भय दावनी। इस मंत्र को सोमवार के दिन से शुरु करें व 10 हजार जप करें या कांसे की कटोरी में जल भरकर इस मंत्र को 108 बार फूंककर रोगी को पिलाएं। ज्वर ठीक होने लगेगा। यदि आपके हाथ में शनि, सूर्य, बुध, मंगल, केतु, राहु, चंद्र, शुक्र, व गुरु में से कोई भी ग्रह दबा हो तो संबंधित ग्रह के मंत्र का सवा लाख जप करें और उस ग्रह को सशक्त करें। उससे उस ग्रह की शांति होती है।