हस्तरेखा और मोटापा व अन्य रोग भारती आनंद आज के मशीनी युग में जन मानस की दिनचर्या भी एक मशीन के समान होकर रह गई है। हर व्यक्ति दन रात काम ही काम में लगा रहता है। समयाभाव के कारण वह प्रकृति प्रदत्त उपहारों जैसे स्वच्छ वायु, स्वच्छ जल, सूर्य की किरणों का सूर्य उदय के समय मिलने वाला प्रकाश और उष्णता, शुद्ध विटामिनों आदि के लाभ से वंचित रह जाते हैं। स्वच्छ वायु के बदले हम एअरकंडिशनर में रहना पसंद करते हैं, रात देर से सोते हैं और सुबह तब उठते हैं जब सूर्य की किरणें तीव्र होकर अपनी उपयोगिता कम कर चुकी होती हैं। शुद्ध जल के बदले हम कोला और नशीले पेय पदार्थों का सेवन करने लगे हैं। शुद्ध और ताजे फलों तथा सब्जियों का स्थान जंक फूड और फास्ट फूड ने ले लिया है। यही कारण है कि आज मोटापे और डायबिटीज की शिकायत आम हो चली है। हम पूर्ण रूप से प्रकृति के विरुद्ध चल रहे हैं और हमारा शारीरिक स्वास्थ्य और सौंदर्य अपने सौद्गठव को छोड़कर बढ़ती हुई चर्बी के कारण प्रतिकूल होता जा रहा है। साथ ही तनावपूर्ण मशीनी जिंदगी के कारण हम डाइबिटीज तथा इस जैसे अन्य रोगों के शिकार हो जाते हैं।
इन दुष्परिणामों पर जब हमारा ध्यान जाता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और हम इन्हें ढोने को लाचार हो जाते हैं। इन बीमारियों से मुक्ति और बचाव में अन्य चिकित्साओं की भांति हमारे हाथ की रेखाएं भी सहायक हो सकती हैं, क्योंकि ये रेखाएं हमारी द्राारीरिक संरचना का आइना हैं। हम किंचित ध्यान देकर इन रेखाओं के विश्लेद्गाण से हो चुकी और होने वाली बीमारियों की स्थिति का पता लगाकर उनसे मुक्ति और बचाव का उपाय कर सकते हैं। यहां मोटापे, डायबिटीज तथा कुछ अन्य आम रोगों के लक्षणों को दर्शाने वाली रेखाओं तथा अन्य चिह्नों का विशलेद्गाण प्रस्तुत है, जिसे पढ़कर एक आम पाठक भी लाभ उठा सकता है। यदि मस्तिष्क रेखा चंद्र क्षेत्र पर जाए, हाथ नरम हो, राहु और शनि दबे हुए हों, तो यह लक्षण डाइबिटीज का सूचक है। यदि भाग्य रेखा मोटी से पतली हो और उसे राहु रेखाएं काट रही हों तो यह मोटापे व डाइबिटीज दोनों का लक्षण है। यदि मंगल क्षेत्र पर बहुत अधिक कट फट हो, मस्तिष्क रेखा द्विभाजित हो और उसमें द्वीप हो, तो यह शुगर का लक्षण है। आयु देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि किस उम्र में यह लक्षण अपना प्रभाव दिखा रहा है।
जीवन रेखा खंडित व अधूरी हो और उसमें द्वीप हो, भाग्य रेखा जीवन रेखा के पास हो और दोनों रेखाओं को मोटी-मोटी रेखाएं काट रही हों, तो व्यक्ति को न शुगर के साथ-साथ अन्य कई रोग होने की संभावना भी रहती है। हाथ सखत हो, अंगूठा व उंगलियां आगे की तरफ झुकी हों तथा शनि, मंगल और राहु दबे हों, तो व्यक्ति को डाइबिटीज के अतिरिक्त पेट से जुड़े रोग भी हो सकते हैं। हाथ मुलायम और गद्देदार हो, भाग्य रेखा एक से अधिक हों और आगे जाकर सभी पतली हो रही हों, तो यह मोटापे का लक्षण है। ऐसे व्यक्ति की उम्र बढ़ने के साथ-साथ मोटापा भी बढ़ता चला जाता है। हाथ मांसल न हो और उसमें गड्ढा बनता हो, तो व्यक्ति को डाइबिटीज होने की संभावना रहती है। इस प्रकार हस्त रेखाओं के अध्ययन-विश्लेद्गाण से हम मोटापे व डाइबिटीज के अतिरिक्त अन्य बीमारियों का पता लगाकर उसके अनुरूप उपायों के द्वारा निजात पा सकते हैं, परंतु इसके लिए आवच्च्यक है कि यह विश्लेद्गाण किसी योग्य और अनुभवी हस्तरेखाविद से कराया जाए।