अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ की दिल्ली शाखा का दीक्षांत समारोह
अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ की दिल्ली शाखा का दीक्षांत समारोह

अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ की दिल्ली शाखा का दीक्षांत समारोह  

फ्यूचर पाॅइन्ट
व्यूस : 10237 | जनवरी 2005

गत 16 जनवरी 2005 को अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ की दिल्ली शाखा का दीक्षांत समारोह विश्व युवक केंद्र, नयी दिल्ली में संपन्न हुआ। इस समारोह की अध्यक्षता श्री शुकदेव चतुर्वेदी जी एवं डाॅ. जय प्रकाश शर्मा जी लाल धागे वाले ने की एवं मुख्य अतिथि श्री राजीव शुक्ला जी (सांसद) थे। इस अवसर पर लगभग 400 छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र प्रदान किये गए। श्री राजीव शुक्ला ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्योतिष निःसंदेह एक विज्ञान है और उन्हें प्रसन्नता है कि अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ के द्वारा चलाया गया कार्यक्रम अति सफल एवं सर्वग्राही है। इसीलिए इतने अधिक छात्रों ने इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए दाखिले लिए हैं। उन्होंने कहा कि अन्य अनेक विश्वविद्यालयों में भी ज्योतिष को पढ़ाया जा रहा है। भारत ज्योतिष में अग्रणी रहा है और हमें इस स्थिति को बनाए रखने की दिशा में प्रयासरत रहना चाहिए। संघ के अध्यक्ष श्री अरुण बंसल जी ने अवगत कराया कि संघ अब न केवल सर्टिफिकेट कोर्स चला रहा है, अपितु मेवाड़ विश्वविद्यालय के साथ संबद्ध होकर एम. ए., एम. फिल. व पीएच.डी. की शिक्षा भी प्रदान कर रहा है।

साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि पाठ्यक्रम का शुल्क कम से कम रहे। उन्होंने बताया कि प्रकृति की हाल की विनाश लीला सुनायी से पीड़ितों की सहायता में ज्योतिष समाज भी पीछे नहीं है। इसके लिए धन एकत्र किया जा रहा है। दान देने के इच्छुक छात्र या छात्राएं फ्यूचर पाॅइंट के नाम से चेक, ड्राफ्ट या नकद धन राशि भेज सकते हैं। श्री अरुण बंसल जी ने पिछले लगभग 25 बड़े भूकंपों का ब्योरा देते हुए बताया कि भूकंपों का पूर्वानुमान ज्योतिष द्वारा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भूकंप अक्सर शुक्ल पक्ष की द्वितीया या तृतीया अथवा कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा एवं द्वितीया को आते हैं। आकाश में सूर्य, मंगल, बुध व शुक्र एक ओर स्थित होते हैं। कालसर्प योग भूकंपों की स्थ्तिि को गंभीर बनाने में मदद करता है। अधिकतर भूकंप 350 से 400 अक्षांश के अंतर्गत आते हैं। भूकंप का मुख्य कारण गुरुत्वाकर्षण में परिवर्तन है जो कि ग्रहों के चलायमान रहने के कारण होता है। अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री शुकदेव चतुर्वेदी जी ने बताया कि केवल 36 गुण मिलाने से या मंगली मिलान करने से कुंडली मिलान नहीं हो जाता।

इसके लिए वर-वधू दोनों की आयु, धन, संतान व सुख-शांति कैसी रहेगी, यह अवश्य देखना चाहिए। यदि किसी की कुंडली में शुभ योग है तो विवाह बिना कुंडली मिलाए भी कर दी जाए, तो कुंडली अच्छी ही मिलेगी। जिन कुंडलियों में ग्रह अच्छे नहीं बैठे होते, केवल उन्हीं में ठीक से पत्री मिलान की आवश्यकता है। अधिसंख्य ज्योतिषी 36 गुण मिलान इसलिए करते हैं क्योंकि यह एक साधारण विधि के द्वारा हो जाता है। डाॅ. जय प्रकाश शर्मा लाल धागे वाले जी ने बताया कि अभी तो संघ बाल्यावस्था में है किंतु जब यह अपनी युवावस्था में आएगा तो इसका रूप बहुत ही भव्य होगा और केवल भारत में ही नहीं, अपितु विश्व भर में ख्याति प्राप्त करेगा। उन्होंने छात्रों से अनुरोध किया कि केवल प्रमाण पत्र लेकर संतुष्ट न हों, बल्कि ज्ञान प्राप्ति के लिए हमेशा प्रयासरत रहें और शोध करने की चेष्टा करें। केवल शोध ही ज्योतिष को पुनः प्रामाणिक सिद्ध करने में मदद कर सकता है।

वे खास तौर से इस समारोह में भाग लेने के लिए बंबई से चलकर दिल्ली आए थे। उन्होंने कहा कि सिने कलाकार कम मेहनत कर अत्यधिक प्रसिद्धि प्राप्त कर लेता है किंतु उससे दस गुना अधिक मेहनत करने वाले किसी ज्योतिषी से उम्मीद रखी जाती है कि वह निःशुल्क परामर्श दे। यही कारण है कि इस विद्या को जीवंत रखने के लिए अधिक प्रयास नहीं हुए और बुद्धिजीवी इससे दूर ही रहे। लेकिन अब हजारों - लाखों लोगों ने इस विद्या में अपनी अभिरुचि दिखाना शुरू कर दिया है और अवश्य ही शोध के द्वारा ज्योतिष भी पूर्ण विज्ञान सिद्ध होगा। पं. गोपाल शर्मा जी ने अनेक उदाहरण देकर समझाया कि वास्तु ठीक होने से घाटे में चल रहा उद्योग भी लाभ की स्थिति में आ सकता है। नैर्ऋत्य कोण में गड्ढा एवं अग्निकोण में अग्नि और पानी एकत्रित होने से हानि होती है।

समारोह में श्री अरविंद अरोड़ा ने लियो गोल्ड गृह संस्करण का प्रदर्शन किया एवं संघ की छात्रा सुश्री अपर्णा एवं श्री अनिल छाबड़ा ने कुंडली मिलान पर अपना शोध प्रस्तुत किया। उन्होंने कंप्यूटर के माध्यम से स्क्रीन पर दिखाया कि मंगल का असर केवल पहले एवं आठवें भावों में अशुभ हेता है, जबकि ग्यारहवें भाव में यही मंगल शुभ फलदायी है। अन्य भावों अर्थात 4, 7 एवं 12 वें भावों में मंगली दोष नगण्य है। इसी प्रकार अन्य ग्रह भी अलग-अलग भावों में शुभाशुभ फल देते हैं। अंत में सभी छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और जलपान के साथ समारोह संपन्न हुआ।

जीवन में जरूरत है ज्योतिषीय मार्गदर्शन की? अभी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषियों से!



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.