दीपावली पर करें धनवृद्धि के कुछ श्रेष्ठ उपाय के. के. निगम लक्ष्मी की गहन चाह वाले व्यक्ति को धन वृद्धि के लिए दीपावली के पावन अवसर पर कुछ सरल और सटीक उपाय तो अवश्य ही करने चाहिए लेकिन सवाल उठता है कि क्या हों ऐसे उपाय। आइये, जानें ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में।
मनुष्य के जीवन में धन एक बहुत बड़ी आवश्यकता है। धन के बिना कोई भी पारिवारिक, सामाजिक अथवा आध्यात्मिक कार्य करना संभव नहीं है। धन (लक्ष्मी) का आगमन होता है कठोर परिश्रम, लगन एवं भाग्य से, परंतु कुछ मनुष्य कठोर परिश्रम, लगन से कार्य करते हैं परंतु भाग्य के मंद होने के कारण धनवृद्धि नहीं हो पाती।
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ऐसे मनुष्यों को दीपावली के पावन अवसर पर धनवृद्धि हेतु निम्नलिखित प्रयोग करने चाहिये। दीपावली को किसी भी लक्ष्मी- विष्णु मंदिर में जाकर सुगन्धित धूप अर्पित करे तथा हृदय से धनवृद्धि करने की प्रार्थना करे। इसके पश्चात प्रत्येक शुक्रवार यह क्रिया दोहराते रहें। पुष्य नक्षत्र में ‘शंखपुष्पी की जड़ प्राप्त कर दीपावली के दिन इस जड़ को एक चांदी की डिब्बी में रखकर लक्ष्मी-नारायण का ध्यान करते हुये धूप दीप से पूजित करे, फिर इसे अपने कैश बाक्स या तिजोरी में रक्खें।
दीपावली के दिन ब्रह्मदेव से अनुमति लेकर एक पीपल का पत्ता लाये फिर उसे गंगाजल से धोकर पोछकर उस पर लाल चंदन से ‘राम’ लिखे तथा कुछ मिठाई रखकर हनुमान जी को चढ़ा दें। फिर यह क्रिया माह में एक बार मंगलवार को करें। दीपावली को पूरे घर की सफाई करें फिर निर्धारित समय पर लक्ष्मी पूजन करें। फिर प्रत्येक अमावस्या को यह प्रक्रिया करते रहें।
दीपावली के दिन एक नारियल बड़ा-सा लें। फिर उसमें एक छेद इस प्रकार करे कि रूपये आदि इसके अंदर जा सके। दीपावली पूजन में इस नारियल की भी विधिवत पूजा करें और फिर इसमें एक रूपया डाल कर तिजोरी में रख लें, फिर जो भी धन लाये उसमें से एक रूपया इसमें डाले।
ध्यान यह रखना है कि दिन में जितने बार भी घर में धन लाये उसमें से एक रु. डालना है, जब यह भर जाये तो इसमें जमा धनराशि निकालकर शुक्रवार को कन्याओं में बांट दे तथा नारियल को जल में प्रवाहित कर दें। शुक्रवार को ही दूसरा नारियल लेकर इसी प्रकार आगे भी करते रहें। दीपावली के दिन किसी सुहागिन महिला को शृंगार सामग्री दान दे। फिर चार गुरुवार यह कार्य और करें। दीपावली के दिन लाल रेशमी वस्त्र में 11 छुहारे रखकर पोटली बनाकर तिजोरी में रखें।
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दीपावली के दिन से घर की छत पर प्रातःकाल प्रत्येक दिन काले तिल बिखेर दिया करें। दीपावली पूजन के साथ एक चांदी की डिब्बी में थोड़ा-सा सिंदूर और तीन गोमती चक्र रखकर इनका भी पूजन करें। फिर सिंदूर से पूरी डिब्बी भरकर इसको तिजोरी में पीले वस्त्र में बोधकर रखें। दीपावली के दिन 11 कौड़ियों को केसर से रंगकर, लक्ष्मी पूजन के साथ उन का भी पूजा करें और फिर पीले वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रक्खें।
पीले रेशमी वस्त्र पर 7 गोमती चक्र, 3 पूजा वाली सुपारी एवं एक मोती शंख में एक चांदी का सिक्का डालकर दीपावली के दिन पूजा स्थल पर रक्खे, लक्ष्मी पूजन के पश्चात ‘ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं’ मंत्र की एक माला जाप करें। प्रत्येक जाप पर चावल का एक अखंडित दाना मोती शंख में डालते रहें। अंतिम जाप पर यदि शंख चावल से पूर्ण न भरा हो तो अंतिम जाप में चावल से पूरा भर दें। फिर इस संपूर्ण सामग्री को रक्खे गये वस्त्र से बांधकर तिजोरी पर लटका दें।
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