अध्यात्म, धर्म आदि


काल सर्प योग का वैज्ञानिक सिद्धांत

अन्य ग्रहों के विपरीत राहू और केतु अदृश्य ग्रह है। पौराणिक कथा है की देवताओं और राक्षसों में समुद्र मंथन से निकले अमृत के बंटवारे के समय राहू नामक दैत्य वेश बदलकर देवताओं के साथ पंक्ति में खडा हो गया। जिसे सूर्य और चन्द्रमा ने देख... और पढ़ें

उपायअध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

जून 2007

व्यूस: 7789

घटना काल निर्धारण कैसे करें?

यदि कुंडली का ध्यायन ज्योतिषीय नियमों के आधार पर किया जाए, तो ज्योतिष से जातक के जीवन में होने वाले हर घटना के समय को जाना जा सकता है। घटना के समय को जानने के लिए इन बिंदुओं पर ध्यान दें। घटना का संबंध किस भाव से है, भाव का कारक... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

जून 2007

व्यूस: 15250

सुख-समृद्धि हेतु कुछ टोटके

यदि परिवार में पुरुष सदस्यों के कारण विवाद और तनाव हो व् आपस में विश्वास की कमी हो, तो घर में कदंब वृक्ष की डाली पूर्णिमा के दिन गंगा जल से धोकर रखें। ध्यान रखे। डाली में कम से कम सात अखंडित पत्ते होने चाहिए। अगली पूर्णिमा को पुरा... और पढ़ें

उपायअध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

जून 2007

व्यूस: 12486

चाय पीएं और स्वस्थ रहें

आज हम में से हर कोई चाय और उसके महत्व के बारे में जानता है। हर चाय, वह चाहे दूध की हो या हरी, लाल हो या भूरी या फिर काली और फिर वह कहीं की भी हो सदाबहार पौधे की पतियों से बनती है। पहले चाय पर चीन का एकाधिकार था। उसके इस... और पढ़ें

उपायस्वास्थ्यअध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

जुलाई 2007

व्यूस: 9310

कृष्णमूर्ति पद्वति

कृष्णमूर्ति पद्वति

फ्यूचर समाचार

समय-समय पर ज्योतिष के क्षेत्र में ज्योतिष महर्षियों द्वारा विभिन्न विषयों पर अनुसंधान होते आए है। फलस्वरूप ज्योतिष की कई पद्वतियों की उत्पति हुई। वीं सदी में नामक कृष्णमूर्ति महान ज्योतिर्विद हुए जिन्होंने ज्योतिष में अपने प्रयोगो... और पढ़ें

उपायदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

जुलाई 2007

व्यूस: 16798

अस्तेय व्रत

अस्तेय व्रत

फ्यूचर समाचार

अस्तेय व्रत अर्थात चोरी न करना जीवन का सबसे महत्वपूर्ण व्रत है। इस व्रत का पालन मनुष्य कभी भी किसी भी क्षण से प्रारंभ कर सकता है। उसे इंद्रियों पर संयम रखते हुए विराट विरातेश्वर भगवान नारायण के समक्ष संकल्प लेना होगा की – हे परम... और पढ़ें

अध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

आगस्त 2007

व्यूस: 8599

मंगल पुराणानुसार तथ्य

मानव इतिहास गवाह है की ब्रहमांड का कोई भी ग्रह मानव को इतना आकर्षित नहीं कर पाया जितना की मंगल ग्रह ने किया है। इस लाल रंग के आकर्षक ग्रह के बारे में जानने के लिए वैज्ञानिक हमेशा से उत्सुक रहे है, यह उन्हें अचंभित कर रोमांच से... और पढ़ें

उपायदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

आगस्त 2007

व्यूस: 15341

मंगलकारी मंगल से भयभीत न हो

मंगल का अर्थ शुभ एवं कल्याण होता है। फिर क्या हम मंगल ग्रह को अशुभ या क्रूर कहकर मंगल शब्द का उपहास नहीं कर रहे है? ज्योतिष विज्ञान में मंगल को पराक्रम का कारक माना गया है। सौर परिवार में इसे सेनापति का दर्जा दिया गया है। सामान्यत... और पढ़ें

उपायअध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

आगस्त 2007

व्यूस: 13543

मंगल के अनेक रंग रूप

मंगल के अनेक रंग रूप

फ्यूचर समाचार

सौर मंडल में सभी ग्रह सूर्य के चारों और चक्कर लगाते है। हमारी पृथ्वी का परिभ्रमण पथ मंगल और शुक्र ग्रहों के बीच है। परिभ्रमण के दौरान मंगल ग्रह कभी पृथ्वी के बहुत निकट चला आता है। और कभी काफी दूरी पर चला जाता है। इसलिए यह कभी छोटा... और पढ़ें

उपायअध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

आगस्त 2007

व्यूस: 13963

क्यों वर्जित है, देवशयन में मांगलिक कार्य

श्रीमदभागवत आदि ग्रंथों में वर्णन है की भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर बलि से तीन पग भूमि मांगी। दो पग में पृथ्वी और स्वर्ग को नापा और जब तीसरा पग रखें लगे तब बलि ने अपना आगे कर दिया। तब भगवान ने बलि को पाताल भेज दिया तथा उसकी... और पढ़ें

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

सितम्बर 2007

व्यूस: 8959

पुनर्जन्म क्या क्यों और कैसे

प्राचीन काल से ही हमारे ग्रंथों में पुनर्जन्मवाद के सूत्र मिलते है। किन्तु आज जिस अर्थ में पुनर्जन्म की जो घटनाएं हमें देखने–सुनने को मिलाती है, हमारे ग्रन्थों में उस प्रकार की घटनाओं का चित्रण नहीं मिलता। पुनर्जन्म की अवस्था में ... और पढ़ें

उपायअध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

सितम्बर 2007

व्यूस: 21171

पुनर्जन्म का सिद्धांत

कर्म और पुनर्जन्म एक दूसरे से जुड़े हुए है। कर्मों के फल के भोग के लिए ही पुनर्जन्म होता है तथा पुनर्जन्म के कारण फिर नये कर्म संग्रहित होते है। इस प्रकार पुनर्जन्म के दो उद्देश्य है। पहला यह की मनुष्य अपने पूर्व जन्मों के कर्मों क... और पढ़ें

उपायअध्यात्म, धर्म आदिअन्य पराविद्याएं

सितम्बर 2007

व्यूस: 14237

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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