खगोल-विज्ञान
मानव जीवन में ज्योतिष शास्त्र की सार्थकता

ज्योतिष शास्त्र का मानव जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। ईश्वर ने प्रत्येक मानव की आयु की रचना उसके पूर्व जन्म के कर्मों के अनुसार की है, जिसे कोई भी नहीं बदल सकता विशेषरूप से मनुष्य के जीवन की निम्नांकित तीन घटनाओं को ... और पढ़ें

ज्योतिषखगोल-विज्ञानटैरो

अप्रैल 2015

व्यूस: 9746

2017 में सूर्य व चंद्र ग्रहण

ब्रह्मांड में सभी ग्रह तथा पृथ्वी अपने निर्धारित पथ पर सूर्य की निरंतर परिक्रमा करते हैं। जब चंद्रमा गोचर करते हुए सूर्य और पृथ्वी के मध्य आकर अपनी छाया से सूर्य को ढंक लेता है तो सूर्य ग्रहण होता है और जब पृथ्वी चंद्र और सू... और पढ़ें

ज्योतिषखगोल-विज्ञानभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2017

व्यूस: 5858

एक सही तिथिपत्रक का गणितीय आधार

हिंदू संस्कृति में पंचांग का अपना विशेष महत्व है। जीवन के विभिन्न संस्कारों, यात्राओं, किसी कार्य के आरंभ आदि में पंचांग की सहायता ली जाती है। उद्देश्य केवल एक होता है... और पढ़ें

ज्योतिषखगोल-विज्ञानपर्व/व्रतआकाशीय गणितनक्षत्रपंचांगग्रहगोचर

अप्रैल 2010

व्यूस: 5427

क्या आप जानते हैं?

क्या आप जानते हैं?

फ्यूचर पाॅइन्ट

चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक सैटेलाइट है जिसका निर्माण लगभग 4.6 अरब वर्ष पूर्व और सौरमण्डल की रचना के 3 से 5 करोड़ वर्ष पश्चात हुआ।... और पढ़ें

ज्योतिषखगोल-विज्ञानविविध

सितम्बर 2013

व्यूस: 2993

अयनांश से क्या अभिप्राय है?

प्रश्न: अयनांश से क्या अभिप्राय है? ज्योतिष में निरयण पद्धति का प्रयोग करना चाहिए या सायन का एवं क्यों? सविस्तार लिखें।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणखगोल-विज्ञानभविष्यवाणी तकनीक

नवेम्बर 2006

व्यूस: 3312

शनि-कुछ खगोलीय तथ्य

हमारे सौर मंडल में शनि सूर्य से छठे क्रम का ग्रह है। बड़ा ग्रह होने की दृष्टि से यह शनि ग्रह सौर मंडल में दूसरे क्रम पर आता है। सबसे बड़ा गुरु ग्रह होता है और दूसरे क्रम में शनि ग्रह होता है। शनि ग्रह गैस के बड़े गोले के रूप मे... और पढ़ें

ज्योतिषखगोल-विज्ञानग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जून 2016

व्यूस: 4567

जन्माष्टमी निर्णय

जन्माष्टमी निर्णय

डॉ. अरुण बंसल

हाल ही में जन्माष्टमी 1 व 2 सितंबर को मनाई गई। वृन्दावन व अनेक मंदिरों में 1 सितंबर को व मथुरा, बिड़ला मन्दिर आदि में 2 सितंबर को।... और पढ़ें

ज्योतिषदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिखगोल-विज्ञानयशपर्व/व्रत

सितम्बर 2010

व्यूस: 5592

सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण

सूर्य ग्रहण तथा चंद्र ग्रहण का मानव जीवन पर पड़ने वाले शुभाशुभ प्रभावों का वैदिक काल से ही वर्णन प्राप्त होता है। पुराणों में इस विषय पर विस्तृत चर्चा मिलती है।... और पढ़ें

ज्योतिषखगोल-विज्ञानभविष्यवाणी तकनीक

मई 2011

व्यूस: 5557

क्या आप जानते हैं?

क्या आप जानते हैं?

फ्यूचर पाॅइन्ट

अगर सूर्य के केन्द्रीय भाग में आज ऊर्जा उत्पन्न होना बंद हो जाए तो पृथ्वी पर इसके प्रभाव को महसूस करने के लिए 5 करोड़ वर्ष लग जाएंगे।... और पढ़ें

ज्योतिषखगोल-विज्ञानविविध

जुलाई 2013

व्यूस: 2816

अपरिचित महत्वपूर्ण ग्रह

भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार,ब्रह्मांड में सात प्रमुख ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि) तथा दो छाया ग्रह (राहु, केतु) का वर्चस्व एवं प्रभाव स्वीकार किया गया है,... और पढ़ें

ज्योतिषखगोल-विज्ञानग्रह

अप्रैल 2013

व्यूस: 8519

चंद्र पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह

चंद्र देव का वर्ण गौर है। इनके वस्त्र, अश्व और रथ तीनों स्वेत वर्ण के है। ये सुंदर रथ पर कमल के आसान पर विराजमान है। इनके सिर पर सुदंर स्वर्ण मुकुट तथा गले में मोतियों की माला है। इनके एक हाथ में गदा है। और दूसरा हाथ वरदान की मुद्... और पढ़ें

ज्योतिषखगोल-विज्ञान

मार्च 2008

व्यूस: 21602

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