पिरामिड प्रमोद कुमार सिन्हाप्रश्न- पिरामिड किसे कहते हैं? उत्तर- पिरामिड का षाब्दिक अर्थ होता है सूच्याकार पत्थर का खंभा। मिश्रवासियों के अनुसार पिरामिड दो षब्दों से बना है। पिरा ;च्लतंद्ध एवं मिड ;डपकद्ध। दोनों का सम्मिलित अर्थ होता है त्रिकोणाकार ऐसी वस्त... और पढ़ेंवास्तुउपायभूमि चयनजुलाई 2013व्यूस: 10789
निर्माण कार्य का आरंभ पं. जय प्रकाश शर्माग्रह निर्माण करते समय वास्तु शास्त्र के उपयोगी नियमों का पालन सर्वथा शुभ परिणामदायक होता है। प्रस्तुत लेख में गृह निर्माण कार्य का आरंभ करने से पहले जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए एवं अष्टदिशा गृह वास्तु व षोडश दिशा गृह वास्तु का स... और पढ़ेंवास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभूमि चयनमार्च 2010व्यूस: 20846
गृह निर्माण और वास्तु सुनील जोशी जुन्नकरघर के वास्तु का प्रभाव उसमें रहने वाले सभी सदस्यों पर पड़ता है। इस तरह, मनुष्य के जीवन में वास्तु का महत्व अहम होत है। इसके अनुरूप घर का निर्माण करने से उसमें सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।... और पढ़ेंवास्तुवास्तु पुरुष एवं दिशाएंभूमि चयनमुहूर्तदिसम्बर 2010व्यूस: 26122
भूमि चयन पं. जय प्रकाश शर्मावास्तु विज्ञान एक विस्तृत विषय है। प्रस्तुत है भवन निर्माण करते समय भूमि आकृति, भूमि के कोण व कटाव, भूमि का विस्तार, आसपास का वातावरण व भूमि दिशा विचार पर वास्तु शोध ........ और पढ़ेंवास्तुवास्तु के सुझावभूमि चयनफ़रवरी 2010व्यूस: 30122
भवन निर्माण में शल्य निष्कासन देशबंधुवेद सर्वविध ज्ञान और विज्ञान के प्राप्ति स्थान हैं। सभी प्रकार की विधाओं का उद्भव वेदों से ही हुआ है। वेद से अभिप्राय संपूर्ण वैदिक साहित्य से है। इसमें न केवल ऋक, यजु, साम और अथर्ववेद ही है अपितु शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरूक्त, छ... और पढ़ेंवास्तुस्वास्थ्यसंपत्तिगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारभूमि चयनअकतूबर 2013व्यूस: 18376