”आश्रम चतुष्ट्य की द्वितीय इकाई ‘गृहस्थाश्रम’
सम्पूर्ण सामाजिक गत्यात्मकता की केन्द्रीय सत्ता है।
गृहस्थाश्रम में रह कर व्यक्ति पारिवारिक दायित्वों की
पूर्ति करता हुआ अपने सामाजिक ऋणों और कर्तव्यों
का निर्वाह करता है।... और पढ़ें
ज्योतिषकुंडली मिलानभविष्यवाणी तकनीक