शकुन के विषय में गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने विचार
‘दोहावली’ (460, 461) मंे इस प्रकार व्यक्त किये हैंः-
‘‘नेवला, मछली, दर्पण, क्षेमकरी चिड़िया (सफेद मुंहवाली
चील), चकवा और नीलकंठ- इन्हें दश दिशाओं में कहीं भी
देखना शुभ शकु... और पढ़ें
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