अध्यात्म, धर्म आदि (पृष्ठ-5)

अध्यात्म, धर्म आदि


ज्योतिष का अभिन्न अंग “ नक्षत्र”

प्राचीन ग्रंथों में नक्षत्र ज्ञान को ही ज्योतिष शास्त्र कहा गया है। जीव जिस नक्षत्र में जन्म लेता है, उसमें उसी नक्षत्र के तत्वों की प्रधानता होती है। जिस तरह भचक्र को १२ भागों में विभक्त कर पत्येक भाग को राशि कहा गया, उसी तरह जब ... और पढ़ें

ज्योतिषअन्य पराविद्याएंअध्यात्म, धर्म आदि

मार्च 2007

व्यूस: 20001

शिक्षा एवं प्रवेश परीक्षा में सफलता का अचूक उपाय महासरस्वती मंत्र

जीवन में शिक्षा का महत्व हमेशा से रहा है और आज के युग में और भी बढ़ गया है। आज अशिक्षित या कम पढ़े-लिखे लोगों को अपने अधिकांश कार्यों के लिए दूसरों का सहारा लेना पडता है। अन्यथा कदम-कदम पर जीवन भर कठिनाइयों से जूझना पडता है, अस्तु... और पढ़ें

देवी और देवअन्य पराविद्याएंउपायअध्यात्म, धर्म आदि

मार्च 2007

व्यूस: 11112

सुख समृद्दिदायी पिरामिड

मछलियों के जोड़े को घर में लटकाना बहुत शुभ एवं सौभाग्यदायक माना जाता है। इनके प्रभाव से घर में धन की बरकत और कार्यक्षेत्र में उन्नति होती है। इन्हें बृहस्पतिवार अथवा शुक्रवार को घर में टांगना शुभ होता है।... और पढ़ें

फेंग शुईअन्य पराविद्याएंउपायअध्यात्म, धर्म आदि

मार्च 2007

व्यूस: 8482

आर्थिक सुरक्षा एवं सुख समृद्धि का प्रतिक यंत्रराज श्रीयंत्र

यंत्रराज श्री यंत्र की महता यंत्रों की साधना में सर्वोपरि मानी गई है। सिअकी साधना यंत्र एवं मंत्र के द्वारा संयुक्त रूप से की जाती है। इसे श्री विद्या के नाम से जाना जाता है। आदि शंकराचार्य भी इस विद्या के महान उपासक थे। आज भी इसक... और पढ़ें

अन्य पराविद्याएंउपायअध्यात्म, धर्म आदि

अप्रैल 2007

व्यूस: 6026

भगवान श्री गणेश और उनका मूलमंत्र

हिंदुओं के सभी कार्यों का श्रीगणेश अर्थात शुभारंभ भगवान गणपति के स्मरण एवं पूजन से किया जाता है। भगवान श्री गणेश की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उनके पूजन एवं स्मरण का यह क्रम जीवन भर लगातार चलता रहता है। चाहे कोई व्रत, पर्व, उत्सव,... और पढ़ें

देवी और देवउपायअध्यात्म, धर्म आदिमंत्रयंत्र

जुलाई 2013

व्यूस: 21434

भृगु संहिता का रहस्य

भृगु संहिता का रहस्य

फ्यूचर समाचार

ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान मानव जाति को गुरु-शिष्य परंपरा से श्रुत रूप में प्राप्त हुआ है। ज्योतिष शास्त्र के प्रवर्तक प्रमुख रूप से १८ ऋषि माने जाते है। सृष्टि के प्रारम्भ में स्वयं ब्रह्माजी ने इस विद्या का ज्ञान नारद मुनि और सूर्... और पढ़ें

अन्य पराविद्याएंअध्यात्म, धर्म आदि

मई 2007

व्यूस: 21361

डाउजिंग से खुलती रहस्य की परतें

भविष्य को जानने की जिज्ञासा मनुष्य की एक स्वाभाविक प्रवृति है। इसी जिज्ञासा ने विज्ञान क विभिन्न आयामों को विकसित किया।... और पढ़ें

ज्योतिषअन्य पराविद्याएंउपायअध्यात्म, धर्म आदि

मई 2007

व्यूस: 5315

स्वप्न और उनके फल

स्वप्न और उनके फल

फ्यूचर समाचार

हमारे प्राचीनकाल के ग्रंथों में स्वप्न विज्ञान को काफी महत्त्व दिया गया है। स्वप्न परमात्मा के पूर्व संकेत होते है। स्वप्न का प्रभाव निश्चित रूप से हर मनुष्य पर पडता है। यदि कोई अच्छा सा स्वप्न दिखाई दे तो हम खुश होते है। किंतु बु... और पढ़ें

अन्य पराविद्याएंउपायअध्यात्म, धर्म आदि

मई 2007

व्यूस: 9862

कामदा एकादशी व्रत

कामदा एकादशी व्रत

फ्यूचर समाचार

कामदा एकादशी व्रत पुरुषोतम मास (अधिकमास या मलमास) में करने का विधान है। इसे पदमिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। एक समय धर्मावतार धर्मराज युधिष्ठर ने भगवान श्रीकृष्ण को सानंद सिंहासनरुढ देखकर उनके चरणों में नतमस्तक हो पूछा – ह... और पढ़ें

देवी और देवअन्य पराविद्याएंउपायअध्यात्म, धर्म आदि

जून 2007

व्यूस: 6182

कालसर्प योग का सत्य

कालसर्प योग का सत्य

फ्यूचर समाचार

पिछले दशक में काल सर्प योग का अत्यधिक प्रचार प्रसार हुआ है। जन्म कुंडली में राहू व् केतु के बीच अन्य सात ग्रहों की स्थिति होने पर इस योग की संरचना कही जाती है। राहू व् केतु छाया ग्रह है तथा शनि व मंगल की तरह पापी और अनिष्टकारी है... और पढ़ें

अन्य पराविद्याएंउपायअध्यात्म, धर्म आदि

जून 2007

व्यूस: 8439

संतान और कालसर्प योग

संतान और कालसर्प योग

फ्यूचर समाचार

संतानहीनता दाम्पत्य जीवन का दुखद पहलू है। ज्योतिष शास्त्र में संतान सुख का विश्लेषण जातक की जन्म कुंडली में पंचम भाव, पंचमेश एवं गुरु की स्थिति आकलन कर किया जाता है। संतान सुख से जुडा एक महत्वपूर्ण योग है काल सर्प जो संतान सुख से ... और पढ़ें

अन्य पराविद्याएंउपायअध्यात्म, धर्म आदि

जून 2007

व्यूस: 8344

कालसर्प जैसे अन्य योग

कालसर्प जैसे अन्य योग

फ्यूचर समाचार

प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में काल सर्प योग के नाम से किसी योग का तो उल्लेख नहीं मिलता है। लेकिन कुछ ऐसे योगों का उल्लेख अवश्य है जो इस योग के सामान ही परिणाम देने वाले है जैसे- कालयोग, महाकालायोग, विषयोग एवं वैदूषण योग... और पढ़ें

अन्य पराविद्याएंउपायअध्यात्म, धर्म आदि

जून 2007

व्यूस: 5675

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