जिस प्रकार उठना बैठना, चलना फिरना प्रत्येक इंसान जानता है अगर हम इन क्रियाओं में
शिष्टाचार का उपयोग करते हैं तो उसमें चार चांद स्वभाविक रूप से लग जाते हैं। ठीक उसी
प्रकार बोलना तो हर कोई जानता है लेकिन बोलते समय अगर एक ‘भाषा शैल... और पढ़ें
हस्तरेखा शास्रभविष्यवाणी तकनीकस्वर सुधार/हकलाना