रेखा एवं योग फ्यूचर समाचारजिस तरह साहित्य समाज का दर्पण है उसी तरह मनुष्य का हाथ उसके जीवन का दर्पण होता है। हाथ की रेखाओं पर्वतों आदि में उसके जीवन का सारा रहस्य छिपा होता है। इन रेखाओं का फल कथन ज्योतिष के विभिन्न योगों के आधार पर भी किया जाता है... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यअन्य पराविद्याएंहस्तरेखा शास्रउपायफ़रवरी 2007व्यूस: 7616
शेयर बाजार और ज्योतिष दिनेश बी देशाईशेयर बाजार के उतार-चढाव में ज्योतिष की भूमिका अहम होती है। इसलिए निवेश करने के पूर्व इससे संबंधित ज्योतिषीय सिद्धांतों पर अच्छी तरह विचार कर लेना श्रेयस्कर होता है। यहां उन्हीं सिद्धांतों का संक्षिप्त विश्लेषण प्रस्तुत है जिसके अन... और पढ़ेंज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2007व्यूस: 13005
ग्रह स्थिति एवं व्यापार जगदम्बा प्रसाद गौडगोचर ग्रह परिवर्तन : इस मास ग्रहों का राशि परिवर्तन इस प्रकार होगा। सूर्य १३ फरवरी को प्रात: ७ बजकर ५ मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। मंगल १८ फरवरी को प्रात: ७ बजे मकर राशि में प्रवेश करेगा । बुध १४ फरवरी को प्रात: १० बजकर ६ म... और पढ़ेंज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2007व्यूस: 6416
कैसा रहेगा नवसंवत २०६४ (२००७-२००८) देश एवं दुनिया के लिए फ्यूचर समाचार२०६४ संवत वर्ष का राजा चन्द्रमा होने से समाज में उत्सव अधिक होंगे। वर्षा बहुत होगी। और धान्य, चावल, मौसमी, फल, वृक्ष, घास, गन्ने व अन्य रसदार वनस्पतियों की फसल अच्छी होगी। लोगों में सुख-ऐश्वर्य के साधनों में वृद्धि... और पढ़ेंज्योतिषघटनाएँमार्च 2007व्यूस: 6590
ज्योतिष का अभिन्न अंग “ नक्षत्र” फ्यूचर समाचारप्राचीन ग्रंथों में नक्षत्र ज्ञान को ही ज्योतिष शास्त्र कहा गया है। जीव जिस नक्षत्र में जन्म लेता है, उसमें उसी नक्षत्र के तत्वों की प्रधानता होती है। जिस तरह भचक्र को १२ भागों में विभक्त कर पत्येक भाग को राशि कहा गया, उसी तरह जब ... और पढ़ेंज्योतिषअन्य पराविद्याएंअध्यात्म, धर्म आदिमार्च 2007व्यूस: 19901
माता-पिता के हाथ और संतान का स्वास्थ्य फ्यूचर समाचारयदि किसी व्यक्ति की जीवन रेखा सीधी हो, भाग्य रेखा पर द्वीप हो, और उसकी पहली संतान कन्या हो, तो उसका स्वास्थ्य ठीक रहता है। किन्तु यदि पहली संतान पुत्र हो, तो वह अल्पायु होता है या उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता।... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यउपायमार्च 2007व्यूस: 5386
ग्रह प्रभावशाली या कर्म डॉ. अरुण बंसलवैज्ञानिकों की सर्वदा एक जिज्ञासा रही है की ग्रह मानवीय जीवन पर कैसे असर डालते है। भौतिक जीवन में ऐसा प्रतीत होता है की मनुष्य के कर्म ही उसके फल का कारण होते है, जबकि ज्योतिष के अनुसार मनुष्य ग्रहों के प्रभाव से बंधा हुआ है। और व... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणयशग्रहअप्रैल 2007व्यूस: 8985
कारक योग का महत्त्व फ्यूचर समाचारआचार्य वराह मिहिर ने निम्न ग्रह योग में जातक का जन्म शुभ माना है। जब लग्न वर्गोतम नवमांश में हो। सूर्य जिस राशि में स्थित हो, उससे अगली राशि में शुभ ग्रह (बुध, बृहस्पति या शुक्र ) स्थित होकर “वेशि “ योग का निर्माण करें। चारों केंद... और पढ़ेंज्योतिषअन्य पराविद्याएंउपायअप्रैल 2007व्यूस: 8387
जैमिनी ज्योतिष से फलकथन फ्यूचर समाचारज्योतिष में भविष्य कथन की कई पद्वतियां है। जिन्हें भिन्न-भिन्न महर्षियों ने अपने-अपने अनुसंधानों के आधार पर तैयार किया है। महर्षि जैमिनी ने भी फलकथन की एक ऐसी ही पद्वति विकसित की जिसे जैमिनी ज्योतिष के नाम से जाना... और पढ़ेंज्योतिषअप्रैल 2007व्यूस: 21785
ताश के पत्तों में छिपा भविष्य फ्यूचर समाचारताश से भविष्य बताने की विधि इस प्रकार है। इक्का, बादशाह, बेगम, गुलाम, दहला, नहला, अट्ठाईस पत्ते पहले छांट लिए जाएं। फिर जिसे अपना भविष्य ज्ञात करना हो, तब तक पत्तों को मिलाए। बाद में जब वह मिलाना बंद कर दें, तब उससे कुछ पत्ते बाये... और पढ़ेंज्योतिषटैरोमई 2007व्यूस: 10943
रमल ज्योतिष : एक नजर में फ्यूचर समाचाररमल विद्या में भी बारह भावों-तन धन, बंधु –बांधव, मां, पुत्र, विद्या, शत्रु, मामा, जाया, मृत्यु, कर्म लाभ फलादेश चमत्कारिक ढंग से किया जाता है। रमल रहस्य पुस्तक के अनुसार पार्वती के द्वारा प्रश्न विद्या के ज्ञान के बारे में सवाल कि... और पढ़ेंज्योतिषमई 2007व्यूस: 10454
नंदी नाडी ज्योतिष फ्यूचर समाचारनाडी ज्योतिष के संबंध में कहा जता है की जब मां पार्वती मनुष्य के साथ होने वाली घटनाओं के वृतांत को जानने के लिए हठ योग में आ गईं। तब भगवान शिव रात्रिकालीन सुनसान बेला में इस वृत्तांत का बखान कर रहे थे। तब शिव-निवास के प्रहरी नंदी ... और पढ़ेंज्योतिषअन्य पराविद्याएंउपायमई 2007व्यूस: 15071