गंडमूल नक्षत्र विचार फ्यूचर समाचारव्यक्ति का जन्म जिस ग्रह स्थिति और नक्षत्र में होता है। उसी के अनुसार जीवन में शुभ तथा अशुभ घटनाएं घटित होती है। ज्योतिष शास्त्र के फलित ग्रंथों में ग्रह नक्षत्रों की स्थिति से बनने वाले आशुभ योगों की शान्ति के लिए उपायों का विधान... और पढ़ेंज्योतिषसितम्बर 2006व्यूस: 7591
अपना भाग्य स्वयं आंकिए फ्यूचर समाचारनवम भाव कुंडली का सर्वोच्च त्रिकोण स्थान है और उसे लक्ष्मी स्थान माना गया है। नवम भाव एकादश भाव से एकादश भाव से एकादश होने के कारण लाभ का भी लाभ अर्थात जातक के जीवन की बहुमुखी वृद्धि दर्शाता है। अत: सारावली ग्रन्थ में कहा गया है क... और पढ़ेंज्योतिषसितम्बर 2006व्यूस: 29121
ज्योतिष एवं आयुर्विज्ञान फ्यूचर समाचारज्योतिष शास्त्र एवं आयुर्वेद दोनों ही वेदांग अर्थात वेदों के अंग है। जहां आयुर्वेद रोग का उपचार करने में सक्षम है। वहीं ज्योतिष शास्त्र मानव शरीर में पनपने वाले रोगों की पूर्व जानकारी देने में सक्षम है। यदि रोग के कारणों की सही जा... और पढ़ेंज्योतिषअन्य पराविद्याएंसितम्बर 2006व्यूस: 7179
फ्लूटो अब केवल लघु ग्रहों की श्रेणी में फ्यूचर समाचार२४ अगस्त २००६ को प्राग अंतर्राष्ट्रीय खगोल संघ के २५०० से अधिक खगोलविदों के पुनर्विचार एवं पुन परिभाषा के कारण प्लूटो को अब केवल लघु ग्रहों की श्रेणी में स्थापित कर दिया गया है। पहले भी १८०१ में सरेस नामक लघु ग्रह की खोज हुई थी और... और पढ़ेंज्योतिषअकतूबर 2006व्यूस: 6534
ग्रहों के अशुभ प्रभाव देते है ह्रदय विकार फ्यूचर समाचारह्रदय प्राणियों का वह महत्वपूर्ण अंग है। जिसके माध्यम से जीवनी शक्ति का संचार पूरे शरीर में होता है। शिराएं अनुपयुक्त रक्त लेकर ह्रदय मने आती हैं और ह्रदय उस रक्त को शुद्ध कर उसे संवेद के साथ धमनियों के द्वारा शरीर के प्रत्येक अंग... और पढ़ेंज्योतिषअकतूबर 2006व्यूस: 7218
सर्वतोद्रद्र मंडंल रामचंद्र शर्मामंडल, यंत्र एवं चक्र में अनेकानेक गुप्त शक्तियों को समाहित एवं नियंत्रित करने की असीम क्षमता होती है। मंडल का उपयोग देवता विशेष की पूजा एवं विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति हेतु होता है। मंडल एवं चक्र देवतारूपी महामंत्र है। इस पर पूजित ... और पढ़ेंज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2009व्यूस: 144774
ऊपरी हवा पहचान और निदान महेश मोहन झाप्रायः सभी धर्मग्रंथों में ऊपरी हवाओं, नजर दोषों आदि का उल्लेख है। कुछ ग्रंथों में इन्हें बुरी आत्मा कहा गया है तो कुछ अन्य में भूत-प्रेत और जिन्न।... और पढ़ेंज्योतिषअन्य पराविद्याएंउपायघरमंत्रमार्च 2010व्यूस: 11008
कारकांश लग्न द्वारा फलकथन किशोर घिल्डियालज्योतिष की अनेकों विद्याओं में से एक विद्या जैमिनी ज्योतिष भी है जिसे जैमिनी ऋषियों द्वारा उपदेश सूत्रों के रूप में दिया गया है यह विद्या पराशरीय प्रणाली से विभिन्न होते हुये भी काफी सटीक व सूक्ष्म फलित व गणित कर पाने में सक्षम है... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरजैमिनी ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2012व्यूस: 77707
लग्न कुंडली और चलित कुंडली: जानिए कैसे प्राप्त करें अपने जन्म कुंडली से सही भविष्य अविनाश सिंहजब भविष्यवाणी करने की बात आती है तो भाव चलित कुंडली बहुत महत्वपूर्ण होती है। लोग प्रायः भ्रमित रहते हैं की किस कुंडली का प्रयोग किया जाए क्योंकि कभी कभार दोनों कुंडलियों में ग्रह स्थितियाँ अलग-अलग होती है।... और पढ़ेंज्योतिषटैरोभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2006व्यूस: 147059
प्रश्न कुंडली : फलित ज्योतिष का विशेष आकर्षण फ्यूचर समाचारकुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जिनके उत्तर जन्म कुंडली द्वारा नहीं दी जा सकते है, जैसे –चोरी हुआ सामन प्राप्त होगा या नहीं एवं कहाँ और कब तक और साथ ही यदि जातक के पास अपनी जन्म कुंडली नहीं हो और न ही उसे अपनी जन्म तिथि इत्यादि का पता हो ... और पढ़ेंज्योतिषनवेम्बर 2006व्यूस: 29782
कुंडली से मिलते हैं भाग्यशाली होने के संकेत फ्यूचर समाचारइस संसार में कुछ लोग अपने जीवन में जल्दी तरक्की कर लेते है। जबकि कुछ लोगों को इसके लिए बहुत संघर्ष करना पडता है। कई बार इतना संघर्ष करने के बावजूद सफलता नहीं मिल पाती है। कुछ बहुत ही अमीर घर में पैदा होते है। और कुछ लोग... और पढ़ेंज्योतिषदिसम्बर 2006व्यूस: 11853
सुखी गृहस्थ जीवन फ्यूचर समाचारअपने बच्चों का गृहस्थ जीवन प्रारंभ होने से पूर्व उनकी जन्मपत्रिका का परीक्षण योग्य ज्योतिषी से अवश्य करा लें। जहां कन्या सुखी रहे वहीं उसका विवाह करना है। ऐसा विचार करना माता-पिता का कर्तव्य है। परंतु यह उनके वश में नहीं है। जन्मप... और पढ़ेंज्योतिषनवेम्बर 2011व्यूस: 13283