संसद सत्र में मुहूर्त फ्यूचर समाचारमुहूर्त किसी भी कार्य को शुरू करने के लिए अच्छे समय का चयन करता होता है। मानवमात्र की यह इच्छा होती है की किसी भी कार्य का शुभारम्भ शुभ समय या घडी में किया जाए ताकि उस कार्य का परिणाम सुखद हो। किसी महत्वपूर्ण कार्य को आरम्भ करने स... और पढ़ेंज्योतिषअन्य पराविद्याएंमार्च 2006व्यूस: 6486
ज्योतिष से ह्रदय रोग का ज्ञान फ्यूचर समाचारज्योतिष द्वारा जातक के शरीर में होने वाले किसी भी रोग की भविष्यवाणी समय रहते की जा सकती है। जहां कुंडली के प्रथम, तृतीय तथा अष्टम भाव व्यक्ति के जीवन तत्व को प्रदर्शित करते हैं वहीँ छठा भाव रोग रोग, बारहवां अस्पताल को तथा सातवां... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यउपायमार्च 2006व्यूस: 7777
अष्टकवर्ग : फलित ज्योतिष की सरल विधि फ्यूचर समाचारप्रत्येक ग्रह अपना प्रभाव किसी निश्चित स्थान से दूसरे स्थान पर डालता हैं। इन प्रभावों को अष्टकवर्ग में महत्व देकर फलित करने की एक सरल विधि तैयार की गयी है। अष्टकवर्ग में राहू-केतु को छोड़कर शेष सात ग्रह और लग्न सहित आठ को महत्व दिय... और पढ़ेंज्योतिषमार्च 2006व्यूस: 36462
विज्ञान से अधिक जानता है ज्योतिष विज्ञान फ्यूचर समाचारचंद्रमा पर मानव के चरण पड़ चुके है। किन्तु अभी उसे यह जानने में बहुत समय लगेगा की विश्व का वातावरण बनाने में चंद्र की क्या भूमिका है। सौर और चंद्र वातावरण के संपर्क-संघर्ष से कौन सी शक्ति उत्पन्न होती है, जो हम पृथ्वीवासियों के लिए... और पढ़ेंज्योतिषअन्य पराविद्याएंअप्रैल 2006व्यूस: 7609
कैसे करे पुखराज रत्न की पहचान फ्यूचर पाॅइन्टइस अंक में हम आपको पुखराज के बारे में कुछ खास बातों से अवगत कराएंगे। पुखराज जिसे अंग्रेजी में yellow sapphire corundum कहते है देखने में हल्के पीले या गहरे पीले रंग का होता है। यह चमकीला और पारदर्शी होता है। यह सफेद रंग का भी होता... और पढ़ेंज्योतिषटैरोरत्नअप्रैल 2006व्यूस: 55213
कैसे जानें की संतान कितनी होगी? फ्यूचर समाचारसंतान सुख की बात जब भी सोचते है तो सर्वप्रथम मन में यही विचार आता है की संतान कितनी होगी? पति-पत्नी यह जानना कहते है की उनके कितने बच्चे होंगे। दैवज्ञ इस बात का उतर कुंडली देखकर बता सकते है। संतान संख्या का विचार करते समय... और पढ़ेंज्योतिषमई 2006व्यूस: 23801
लड़का होगा या लडकी जानिए स्वर साधना से फ्यूचर समाचारशास्त्रानुसार रजोदर्शन के बाद की सोलह रातों में ही गर्भाधान संभव है। इनमें सात रातों को सम एवं छ: रातों को विषम रात्रि कहते है। इसमें प्रथम तीन रातें त्याज्य है। अत: चौथी, छठी, आठवीं, दशवीं, बारहवीं, चौदहवीं और सोलहवीं सम है।... और पढ़ेंज्योतिषमई 2006व्यूस: 81805
इच्छित संतान प्राप्ति के सुगम उपाय बसंत कुमार सोनीसंतान प्राप्ति की कामना मनु महाराज द्वारा वर्णित तीन नैसर्गिक इच्छाओं में से एक है। नि:संतान रहना एक भयंकर अभिशाप है। यह पूर्व जन्म मने किए गए कर्मों के फल है या फल का भोग है। संतान हो किंतु दुष्ट और कुल – कीर्तिनाशक हो तो यह स्थि... और पढ़ेंज्योतिषउपायबाल-बच्चेमई 2006व्यूस: 183163
वर्षा का पूर्वानुमान : ज्योतिषीय दृष्टि से फ्यूचर समाचारवर्षानुमान के लिए मेदिनीय ज्योतिष में अनेक पद्वतियां हैं। इनमें निम्न विषयों का विश्लेषण किया जाता है। १ संवत्सर २ संवत्सर का राजा ३ मेघेश ४ सूर्य का आर्द्रा प्रवेश ५ मेघ ६ रोहिणी वास ७ स्तंभ ८ नाग ९ त्रिनाडी चक्र १० सप्तनाडी चक्र... और पढ़ेंज्योतिषजून 2006व्यूस: 9705
ज्योतिष के आईने में भूकंप डी.आर. उमरेभूकंप का अनुमान लगाना आज के इस वैज्ञानिक युग में भी अभी तक असंभव है। इस प्राकृतिक आपदा का रहस्य अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है। जहां विज्ञान इसका पूर्वानुमान लगाने में असमर्थ हैं वहां ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे तथ्यों का उल्लेख... और पढ़ेंज्योतिषजुलाई 2006व्यूस: 7742
विदेश यात्रा योग : एक विश्लेषण फ्यूचर समाचारअधिकांश व्यक्ति कर्क, सिंह व् तुला लग्नों के थे और मीन लग्न की कुण्डलियां सबसे कम थीं। राशियों में मेष राशि अधिकांश कुंडलियों में विद्यमान थी। कर्क लग्न के लिए शनि लग्न में गुरु चतुर्थ भाव में एवं राहू द्वादश भाव में और गुरु सप्तम... और पढ़ेंज्योतिषसितम्बर 2006व्यूस: 9604
कष्ट, विपति, बाधा के ज्योतिषीय कारण व् निवारण फ्यूचर समाचारभारतीय विचारधारा के अनुसार मनुष्य के वर्तमान को उसका पूर्व कर्मफल प्रभावित करता है। उसके कष्टों के निम्नलिखित करण बताए गए है। देव कोप, धर्मदेव, रोष, सर्पक्रोध, प्रेत कोप, गुरु-माता-... और पढ़ेंज्योतिषसितम्बर 2006व्यूस: 8581