कल क्या होगा अथवा भविष्य के गर्भ में क्या है, यह जानने की मनुष्य की इच्छा स्वाभाविक है। प्राचीन काल में ऋषियों ने योग-बल से, शोध करके, संसारा के लिए ग्रह-नक्षत्रों का ज्ञान सुलभ कर दिया। वे स्वयं तो त्रिकोलाज्ञ थे ही, संसारा के लि... और पढ़ें
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