भारत की राजनीति में 4 एवं 8 के अंक की केंद्रीय भूमिका देवेन्द्र साबले अंक 4 तथा अंक 8 ये दोनों अंक वस्तुतः एक ही सिक्के के दो पहल ू ह।ैं अकं शास्त्र क े अनसु ार सभी अंकों का कोई ना कोई स्वामी ग्रह अवश्य होता है। जैसे- 1 का सूर्य, 2 का चंद्र, 3 का गुरु, 4 का राहु या हर्षल, 5 का बुध, 6 का शुक्र, 7 का केतु या नेप्चयुन, 8 का शनि, 9 का मंगल। माना जाता है कि राहु एवं केतु छाया ग्रह हैं और इनका अपना कोई अस्तित्व नहीं है और तो और राहु शनि जैसा फल देता है तथा केतु मंगल जैसा। इस प्रकार यदि देखें तो ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हुए।
फर्क बस इतना है कि अंक 4 अचानक बड़ी त्रासदी एवं अचानक ही बड़ी उपलब्धि देता है, वहीं अंक 8 धीरे-धीरे शिखर पर पहुंचाता है। इन अंकों में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि जिसका भी जन्मांक या मूलांक 4 या 8 है उसके जीवन में कोई न कोई त्रासदी अवश्य रहती है। ये दोनों ही अंक जीवन में कोई ना कोई दुर्घटना अवश्य देते हैं।
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सही मायनों में ये दोनों ही दुर्घटना के कारक ग्रह हैं। इन दोनों अंको में एक बड़ी विशेषता यह है कि ये दोनों अपने अलावा किसी और को बर्दाश्त नहीं करते। यदि मूलांक 4 या 8 में से कोई भी हो तो वह उसके जीवन के हर क्षेत्र में हावी रहेगा। जैसे विवाह की तारीख, नौकरी की तारीख, निवास स्थान का अंक, वाहन का अंक, और तो और, सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि उसकी किसी न किसी संतान का संभवतः प्रथम संतान का, जन्मांक या मूलांक भी 4 या 8 ही होगा।
इसलिए 4 या 8 अंक वालें को यह अंक जीवन के हर क्षेत्र में अपनाना चाहिए। इसके अलावा दूसरा अंक अपनाने पर उन्हें उतना ही भयंकर नुकसान भी हो सकता है। भारत की आजादी की तारीख 15-8-1947 है। ( भाग्यांक 8) इस 8 का ही नतीजा है कि इसके बाद देश में घटित महत्वपूर्ण घटनाएं 4 या 8 पर घटित हुईं । जैसे : 26-11-1949 (मूलांक 8) को भारतीय संविधान बना तथा 26-01-1950 (मूलांक 8) को लागू हुआ। भाग्यांक 8 में आजादी का ही नतीजा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या 30-1-1948 (भाग्यांक 8) को हुई। 13-5-1952 (भाग्यांक 8) को प्रथम लोक सभा का गठन हुआ एवं 1952 (भाग्यांक 8) में जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री बने। 26-1-1957 (मूलांक 4) को जम्मू-कश्मीर का संविधान लागू हुआ। फलतः वहां क्या स्थिति है, किसी से छुपा नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है
कि 26-1-1957 का मूलांक 8 तथा भाग्यांक 4 है। 25-6-1975 (भाग्यांक 8) को आपातकाल घोषित हुआ। 31-10-1984 (मूलांक 4) को माननीया श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या हुई। इसके कुछ दिन बाद भोपाल गैस त्रासदी हुई। 1993 (संखया योग 4) में मुंबई में भयंकर बम विस्फोट हुआ और दंगे भडके। 26-1-2001 (मूलांक 8) में गुजरात में भयंकर भूकंप आया। 2002 (संखया योग 4) में गुजरात का गोधरा कांड हुआ। इस कांड के साथ एक बात यह है कि 16 फरवरी 2002 से राहु वृष राशि में आ गये थे जहां पहले से शनि उपस्थित थे। इस कारण राहु का बल और बढ़ गया। 4 और 8 का एक साथ आना बड़ी वारदात और भयंकर खून-खराबे की आशंका को व्यक्त करता है।
इन अंकों के साथ एक बात अवश्य है कि इससे संबंधित व्यक्ति उस वर्ष में कोई न कोई उपलब्धि अवश्य पाते हैं जिस वर्ष का मूलांक 4 और 8 हो जैसे उस वर्ष विवाह होना, अचानक स्थाई संपत्ति पाना, या कोई बड़ा पद पाना। उदाहरण के लिए अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म 25-12-1924 को हुआ। उनका भाग्यांक 8 है और यह सभी को मालूम है कि वह अविवाहित रहे। 1996 में प्रथम बार जब अटल जी प्रधानमंत्री बने तो 13 दिन (योग 4) में ही हट गए परंतु 1997 में जब वे पुनः प्रधानमंत्री बने तो पूर्ण कार्य काल पूरा किया। वर्ष 1997 (मूलांक 8) के शुरू के 4 माह में इंद्र कुमार गुजराल भी प्रधानमंत्री रहे।
उनका भी जन्मांक 4 है। के आर. नारायणन भी 1997 में देश के राष्ट्रपति बने। उनका भी जन्मांक 4 है। 29-4-1946 में जन्में तथा मूलांक 8 वाले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुखयमंत्री अजित जोगी के लिए भी वर्ष 2002 यादगार रहा। 19-7-2007 (भाग्यांक 8) को देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का निर्वाचन हुआ। 2-9-2009 (भाग्यांक 4) को आंध्र के मुखयमंत्री वाई एस आर रेड्डी का लापता होना तथा 4 दिन बाद तथ्यों का उजागर होना। अरूणाचल के मुखयमंत्री दारजी खांडू जिनका मूलांक 8 है भी आश्चर्यजनक तरीके से लापता हुए तथा उन परिस्थितियों से अब सभी वाकिफ हो चुके हैं। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का मूलांक भी 8 ही था।
लोकपाल बिल : भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल बिल के लिए अनशन की शुरूआत दिनांक 5-4-2011 (भाग्यांक 4) से हुई। साथ ही लोकपाल बिल का नोटिफिकेशन जारी हुआ 9-4-2011 (भाग्यांक 8) को जिसका योग भी 8 ही है।
पहली महिला राष्ट्रपति : देश की पहली महिला राष्ट्रपति माननीय प्रतिभा पाटिल द्वारा शपथ भी 19-7-2007 (भाग्यांक 8 ) को ही ली गयी जिसका योग भी 8 ही है। भारत द्वारा वर्ल्ड कप भी दोनों बार क्रमशः 1984/2011 में जीते गए। इन वर्षों के मूलांक 4 है। अगर 4 और 8 जन्मांक या मूलांक वाले व्यक्ति के साथ 1 या 9 जन्मांक या मूलांक जुड़ जाए तो यह अंक मारक होता है एवं किसी न किसी क्षेत्र में सौ फीसदी भयंकर दुर्घटना देता है।
उदाहरणतः भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी का मूलांक 1 था। उनकी पुण्य तिथि है 31 मई (मूलांक 4)। उनका निधन अत्यंत हृदय विदारक स्थितियों में हुआ।