अंक ज्योतिष : एक विश्लेषण
अंक ज्योतिष : एक विश्लेषण

अंक ज्योतिष : एक विश्लेषण  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 7214 | अप्रैल 2006

अंक ज्योतिष: एक विश्लेषण अक ज्योतिष अपनी सरलता के कारण जनता में अत्यधिक प्रचलित है। केवल कुछ अंकों को जोड़िए और जान लीजिए कि अमुक दिन, पदार्थ, व्यक्ति, स्थान या देश आपके लिए शुभ है या नहीं। ज्योतिष में 9 ग्रह हैं और अंक ज्योतिष में भी 9 ही अंक हैं।

प्रत्येक ग्रह का प्रत्येक अंक की ग्रह के अनुसार अपनी विशेषताएं हैं। एक व्यक्ति के जीवन में कुछ अंकों का असर अधिक होता है और कुछ का कम - उसी प्रकार जैसे ज्योतिष में एक कुंडली में कुछ ग्रहों का विशेष असर होता है तो कुछ का कम। मनुष्य के जीवन में तीन अंकों का प्रभाव मुख्य है- मूलांक, भाग्यांक एवं नामांक।

जन्म तिथि के अंकों के योग को मूलांक कहते हैं। तिथि, माह एवं वर्ष के योग को भाग्यांक और नाम के अक्षरों के अंकों के योग को नामांक कहते हैं। प्रायः देखा गया है कि यदि तीनों अंकों में समन्वयता हो तो व्यक्ति भाग्यशाली एवं समृद्धिशाली होता है। अन्यथा इनकी कमी रहती है। मूलांक एवं भाग्यांक का बदलना तो मनुष्य के हाथ में नहीं है, लेकिन नाम के हिज्जे (ैचमससपदह) को बदलकर कुछ हद तक अनुकूलता लाई जा सकती है।

जातक के लिए कौन सा वर्ष उत्तम रहेगा, यह उस वर्ष के अंक एवं जातक की आयु के अंकों का जातक के अंकों के साथ समन्वय देखकर बताया जा सकता है। इसी प्रकार किसी तिथि विशेष का फल तिथि के मूलांक व संयुक्तांक का जातक के अंकों के साथ समन्वय देखकर किया जा सकता है। किसी स्थान, प्रदेश या देश के साथ जातक का समन्वय देखने के लिए उस स्थान के नाम के संयुक्तांक का जातक के अंकों से समन्वय किया जा सकता है।

इतना ही नहीं, शेयर एवं उपभोक्ता बाजार, सर्राफा, तेल, तिलहन आदि में कौन सी वस्तु जातक के व्यापार के लिए लाभदायक हो सकती है इसकी जानकारी भी वस्तु के नामांक का जातक के अंकों से समन्वय कर प्राप्त की जा सकती है। वाहन, मकान एवं लाॅटरी आदि के अंकों का भी मूलांक एवं संयुक्तांक निकाल कर उनका जातक के अंक से मिलान कर फल जाना जा सकता है या ऐसे वाहन आदि का चयन किया जा सकता है जिनका मूलांक एवं संयुक्तांक जातक के मूलांक एवं भाग्यांक के अनुकूल हों।

किसी जातक को किसी अन्य व्यक्ति से लाभ मिलेगा या नहीं इसकी जानकारी भी अंक ज्योतिष द्वारा दोनों के मूलांक, भाग्यांक एवं नामांकों के मिलान से प्राप्त की जा सकती है। कोई कंपनी जातक के लिए शुभ है या नहीं यह कंपनी के शुभारंभ की तिथि एवं उसके नाम के अंकों का जातक के अंकों से संबंध देखकर जाना जा सकता है। अंक ज्योतिष द्वारा प्रश्नों का भी उत्तर दिया जा सकता है। इसके लिए प्रश्नकर्ता से एक संख्या पूछकर उसका प्रश्नांक ज्ञात कर प्रश्नकर्ता के अंकों से उसका मिलान कर प्रश्न का उत्तर दिया जा सकता है।

अंक ज्योतिष का एक और प्रयोग है लोशु चक्र। इस चक्र में अंकों के स्थान निर्धारित हैं। इसमें जन्म दिनांक के सारे अंक रख दिए जाते हैं और यह जाना जाता है कि कौन सा अंक कितनी बार आया और कौन सा अंक नहीं आया। जो अंक नहीं आते हैं उनकी जातक के जीवन में कमी रहती है और जो अंक एक या एक से अधिक बार आते हैं उनकी जीवन में पूर्णता रहती है। जैसे- 12. 8.1967 को जन्मे जातक का लोशु चक्र निम्न होगा। इस चक्र में 4, 3 व 5 अंक नहीं हैं एवं 1 दो बार आ रहा है। लेकिन अंक ज्योतिष में भी अन्य विषयों की तरह अनेक बिंदु विवादास्पद हैं। विवाद एवं उनमें सर्वमान्य तथ्य निम्नलिखित हैं।

सर्वप्रथम अंक ज्योतिष में शून्य को कोई महत्व नहीं दिया गया है जबकि दशमलव प्रणाली में शून्य को मिलाकर दस अंक होते हैं। अंक ज्योतिष में मान्यता यही है कि शून्य एवं 9 एक ही फल को दर्शाते हैं। किसी अंक को यदि 9 से भाग दिया जाए और शेष यदि 0 हो तो कह सकते हैं कि शेष 9 बचा। इसी प्रकार एक प्रश्न यह भी उठता है कि अर्ध रात्रि के पश्चात् जन्मे शिशु की जन्मतिथि अर्ध रात्रि के समय की तिथि की होगी या अगली तिथि की?

अंक ज्योतिष की सामान्य अवधारणा के अनुसार इसमें ज्योतिष की तरह तिथि सूर्योदय से नहीं अपितु अर्ध रात्रि से ही ली जाती है। अतः जातक का जन्म अगली तारीख में माना जाएगा। मूलांक और संयुक्तांक में से किसे अधिक महत्ता दी जाए यह भी एक विचारणीय प्रश्न है। प्रयोग में कभी मूलांक एवं कभी संयुक्तांक अधिक प्रभावशाली जान पड़ता है। लेकिन फिर भी मूलांक मुख्य रूप से प्रचलित अंक है। भाग्यांक की महत्ता दूसरे और नामांक की महत्ता तीसरे स्थान पर ही है।

अंक ज्योतिष में एक प्रश्न अत्यंत ही गंभीर है कि क्या अंक ज्योतिष केवल अंग्रेजी या हिंदी भाषाआंे के लिए ही बना है, अन्य भाषाओं के लिए नहीं? सामान्यतः केवल अंग्रेजी अक्षरों के अंक ही प्रचलित हैं, अन्य भाषाओं के नहीं। हिंदी के अक्षरों को भी पूर्ण रूपेण अंक नहीं दिए गए हैं क्योंकि इसमें मात्रा या संयुक्ताक्षरों को अंक का प्रावधान नहीं है। कुछ नाम तो एक भाषा से दूसरी भाषा में पूर्ण रूपेण परिवर्तित हो ही नहीं पाते हैं। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि अंग्रेजी भाषा का ही उपयोग किया जाए। यदि स्थानीय भाषा का उपयोग करना हो तो अंक ज्योतिष में शोध कर उस भाषा को इसमें सम्मिलित किया जा सकता है। संक्षेप में अंक ज्योतिष का उपयोग अनेक प्रकार के फलित विचार के लिए किया जा सकता है। इसकी सरलता इसे अन्य विधाओं से सर्वोपरि बनाती है।

If you are facing any type of problems in your life you can Consult with Astrologer In Delhi



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.