काफी जद्दो जहद के पश्चात् पाकिस्तान में ही वहां के एबटावाद जिले में अमेरिकी सेना को अपने मिशन में कामयाबी मिली। उसने 2 मई 2011 को सदी के सबसे शातिर आतंकवादी को उसी के घर में घुसकर मार गिराया। इस्लामी संगठन ‘अल कायदा’ के प्रमुख सरगना के रूप में ओसामा बिन लादेन एक दशक तक दुनिया के अखबारों एवं पत्रिकाओं में चर्चा का विषय बना रहा। आइए, जानें इस शख्सियत के जीवन के कुछ तथ्य, अंक शास्त्र के आइने से- ओओसामा बिन लादेन एक ऐसी शख्सयित, जिसकी दुनिया चार नंबर से आरंभ होकर चार अंक पर ही खत्म होती है। 10 मार्च 1957 को जन्मे इस शख्स ने पूरे विश्व को अपने अस्तित्व का एहसास दिलाया तो एक खूंखार आतंकवादी के रूप में। इसी दहशत का अंत 02 मई 2011 को अमेरिकी कमांडो ने ‘आॅपरेशन एल्विस’ के दौरान कर दिखाया।
इनके चेहरे-मोहरे को देखकर कौन कह सकता है कि वह आतंकी होगा? वह एक कट्टर मुसलमान तो दिखाई देता है, परंतु एक दहशत फैलाने वाला या 11 मई 2001 को अमेरिका में वल्र्ड ट्रेड सेंटर पर हुए उस विध्वंसकारी हमले का मास्टर मांइड तो कदापि नहीं, जिसमें लगभग 300 अमेरिकी मारे गये। मूलांक 4 के साथ जन्मा ओसामा इस अंक के प्रभाव को संपुष्ट करता है क्योंकि इस अंक से प्रभावित जातक महान क्रांतिकारी विचारधारा वाले, वैज्ञानिक प्रतिभा संपन्न राजनीतिज्ञ एवं अहंकारी होते हैं। ओसामा बिन लादेन अति विनम्र एवं सरल स्वभाव का होने के कारण बोलता भी नहीं था। इस लेख में कुछ ऐसे अंकशास्त्रीय तथ्य देखने को मिलेंगे जिनसे स्पष्ट हो जाता है कि लादेन एक शांत युवक से विकट आतंकवादी सरगना कैसे बना? जो यह विश्वास करने लगा कि वह कुवैत को स्वतंत्र कराने के लिए सेना के नेतृत्व की काबलियत भी रखता है।
तुर्की के प्रिंस के अनुसार ओसामा एक सभ्य, उदार, उत्साही व सरल स्वभाव वाला युवक था। आइए, जानें, अंकों ने लादेन के जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया कि उसके व्यक्तित्व की काया पलट ही हो गई। सबसे पहले गौर करने वाली बात यह है कि लादेन का जन्म सन् 1957 में हुआ जिसका मूलांक = 1$9$5$7 = 2$2 = 4 है और मृत्यु सन् 2011 में हुई इस वर्ष का मूलांक भी = 2$0$1$1 = 4 ही है। अतः लादेन की जीवन लीला अंक चार से शुरु होकर चार पर खत्म हो गई। अंकशास्त्र के अनुसार 4 अंक राहु का होता है। 4 अंक से प्रभावित व्यक्ति पुराने रीति रिवाजों के विरोधी, क्रंातिकारी व नई राह बनाने वाले होते हैं।
इनके साथ अक्सर चैंकाने वाली घटनाएं होती हैं तथा वे ऐसी आकस्मिक घटनाओं के जन्मदाता भी होते हैं। एल्विस टावर का ध्वंस इसका सहज एवं संपुष्ट प्रमाण है। राहु एक डायनामाइट का काम भी करता है। इनकी कुंडली में राहु षष्ठम स्थान पर बैठा है। अतः इन्होंने अपने शत्रुओं को डायनामाइट की तरह ही उड़ा दिया एवं स्वयं भी गोला बारुद जो राहु के कारकत्व के अंतर्गत हैं के द्वारा मृत्यु को प्राप्त हुए। ओसामा बिन लादेन का मूलांक 1, भाग्यांक 8 एवं नामांक 6 है। इनकी जन्मतिथि 10 है जिसका मूलांक 1 बनता है, जिसके देवता सूर्य देव हैं। 1 अंक हुकुमत, प्रशासन, नेतृत्व एवं कमांडर का काम करता है। सूर्य इनके कर्म स्थान में बैठा होने के कारण ओसामा इन सब गुणों से युक्त हुआ। कर्म स्थान में सूर्य होने के कारण ही इसको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति भी प्राप्त हुई। ओसामा का भाग्यांक अंक 8 है जो कि इस प्रकार है- भाग्यांक 10$3$1957 = 1$3$22 = 1$3$4 = 8, ज्योतिष के अनुसार अंक 8 शनि ग्रह के द्वारा संचालित होता है। शनि इनकी कुंडली में धर्म भाव का स्वामी होकर सप्तम भाव में स्थित है एवं क्रूर मंगल से दृष्ट है। जिसके कारण धर्म के प्रति उनकी गंभीरता व कट्टरता देखते ही बनती थी। वह ईसाई, यहूदी, हिंदू आदि धर्मावलम्बियों का कट्टर विरोधी था और वही कट्टरता इंसानियत के दुश्मन के रूप में भी सामने आयी।
नामांक- ओसामा बिन लादेन का नामांक इस प्रकार से है- व् ै । ड । ठ प् छ स् । क् म् छ 7 3 1 4 1 ़ 2 1 5 ़ 3 1 4 5 5 16 ़ 8 ़ 18 7 ़ 8 ़ 9 त्र 24 त्र 6, अतः इनका नामांक 6 है। अंक 6 के स्वामी शुक्र ग्रह हैं जो इनके लग्न के भी स्वामी हैं एवं दशम भाव में सूर्य एवं बुध के साथ स्थित है। ओसामा की परवरिश एक बहुत ही वैभवशाली ढंग से हुई। इनके पिता एक रईस व्यापारी थे एवं सऊदी अरब के राजसी परिवार के निकटतम थे। ओसामा में बाल्यावस्था से ही एक सच्चे धर्मनिष्ठ मुस्लिम के गुण कूट-कूटकर भरे थे। उसने अर्थशास्त्र एवं बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की शिक्षा किंग अब्दुल्लाज यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। 1979 में ओसामा ने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। अपनी शिक्षा के दौरान भी ओसामा धर्म एवं धार्मिक ग्रंथों जैसे- कुरान एवं जैहाद आदि की व्याख्या में व्यस्त रहता था।
कविता-लेखन एवं सामाजिक कार्यों में इनकी रुचि इसी दौरान जागृत हुई। इनके शुक्र, सूर्य एवं बुध या कहें 1, 6, 5 अंकों के समन्वय ने इनके व्यक्तित्व को प्रखरता एवं राजनीतिक चेतना भी प्रदान की। और शनि मंगल के दृष्टि संबंध से इनको धार्मिक कट्टरता मिली। ओसामा लादेन अपने शील स्वभाव एवं सत्यता के लिए भी जाना जाता था। गुरु के पंचम में होने के कारण वह धार्मिक बना एवं शिक्षा, ज्ञान के प्रति रुचि रही। अब हम अगर ओसामा की मृत्यु तिथि पर नजर डालें तो पायेंगे कि वह 02/05/2011 को अमेरिकी कमांडों के हाथांे पिंजरे के शेर की तरह मारा गया। उसके कालकवलित होने की तारीख का जोड़ करें तो वह 02$05$2011 = 11 = 2 है और अंक ज्योतिष के अनुसार 2 अंक चंद्रमा ग्रह का है। चंद्रमा एवं शनि शत्रु हैं। वैसे भी चंद्रमा ओसामा की कुंडली में द्वितीय भाव में स्थित होकर मारक का काम कर रहा है। इन तमाम तथ्यों को देखने के बाद यह बात जरूर स्पष्ट हो जाती है कि मानव जीवन पर ग्रहों की तरह अंकों का प्रभाव भी प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। ज्योतिषीय दृष्टि से ओसामा मृत्यु के समय बुध की महादशा में बुध की अंतर्दशा केतु के प्रत्यंतर से गुजर रहा था। बुध ग्रह आसोमा की कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी होकर मारकेश है एवं केतु द्वादश भाव में स्थित है अतः दोनों ही ग्रहों ने अपना काम किया और ओसामा को मृत्यु प्राप्त हुई।
अंकशास्त्रीय विवेचना करें तो भी ओसामा पर अंक 4 के प्रतिनिधि ग्रह राहू की दशा चल रही थी। इस ग्रह के कारकत्व गैस, गोला, बारूद हैं और वह इन्हीं सब का शिकार बना। उसके जन्म एवं मृत्यु की स्थितियों की जमीनी सच्चाई अंकों के सहज एवं प्रमाणित प्रभाव को ही दर्शाती है। पिछली कुछ शताब्दियों के भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास के झरोखे से भी यही सामने आता है कि वर्ष 57 चाहे किसी भी शताब्दी का हो, जैसे 19वी, 18वी, 17वी, 16वी शताब्दी का रहा हो उससे एक क्रांति का जलजला उठा था। इतिहास साक्षी है प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 1857 में प्रारंभ हुआ जबकि अंग्रेजों एवं बंगाल के नवाब के बीच प्लासी की लड़ाई 1757 में शुरु हुई जिसने बहुत लंबे सफर के बाद भारत को स्वतंत्रता की उन्मुक्त वायु में सांस लेने का अवसर प्रदान किया। ठीक उसके विपरीत 1957 यानी 4 अंक के प्रभाव में जन्मे ओसामा ने ज्वालामुखी -विस्फोट जैसा तांडव तो अवश्य रचा लेकिन भस्मासुर से रक्त बीज भी बन गया और अपनी मौत में विनाश के नये अध्यायों का सूत्रपात कर गया जो स्वयं अब उसके रक्षकों और पौषकों का भक्षण कर रहे हैं।