अंक से जानिए रोग और उसका बचाव
अंक से जानिए रोग और उसका बचाव

अंक से जानिए रोग और उसका बचाव  

एम सी भट
व्यूस : 6764 | जुलाई 2011

अंक से जानिए रोग और उसका बचाव पं. एम. सी भट्ट जन्म कुंडली में छठे भाव से रोगों की पहचान की जाती है और उसके ज्योतिषीय उपाय भी बताये जाते हैं जो ज्यादा खर्चीले होते हैं लेकिन अंक ज्योतिष से रोग की पहचान और उससे बचाव का जो अनोखा तरीका इस लेख में बताया गया है वह आम आदमी के करने और पढ़ने लायक है। जीवन में सफलता के लिये व्यक्ति का स्वस्थ होना बहुत आवश्यक है। लेकिन प्रत्येक जन्मांक के साथ अंतर्निहित सहज रोग संभावनाएं होती हैं और जन्मांक उनके बचाव का उपाय भी बताता है जिसका समुचित लाभ उठाकर व्यक्ति स्वास्थ्य-लाभ प्राप्त कर सकता है।

अंक 1 अर्थात पहली, 10, 19 या 28 तारीख को पैदा हुए व्यक्तियों के लिये जो फल और जड़ी-बूटियां उपयोगी हैं, वे हैं - किशमिश, बेबूने के फूल, केसर, लौंग, जायफल, पत्थरचूर, संतरा, नींबू, खजूर, अदरक, सौंठ, जौ की रोटी और जौ का पानी आदि। अंक 1 वाले व्यक्तियों को शहद का भी खूब प्रयोग करना चाहिये। उनके 19वें, 28वें, 37वें वर्ष में उनके स्वास्थ्य में किसी न किसी रूप में महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे। ऐसे व्यक्तियों को अक्तूबर, दिसंबर और जनवरी माह में स्वास्थ्य रक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

Buy Detail Numerology Report

अंक 2 अर्थात 2, 11, 20 अथवा 29 तारीख को उत्पन्न हुए व्यक्तियों को पेट अथवा पाचन तंत्र के रोग हो सकत े ह।ैं उन्ह ें टामे ने , जहरवाद, गैस, आंखों में सूजन, रसौली या फोड़ा आदि हो सकता है। इन व्यक्तियों के लिये सलाद, गोभी, कुम्हड़ा, खीरा, ककड़ी, तरबूज, चिकोरी या कासनी, करम का साग, केला और भिंसा की भस्म आदि साग-सब्जियां और बूटियां उपयोगी होती हैं। 20वें, 25वें , 29वें, 43 वें, 47 वें, 52 वें और 65वें वर्ष में उनके स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन आते हैं। उन्हें जनवरी, फरवरी और जुलाई आदि महीनों में अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

अंक 3 अर्थात 3, 12, 21 या 30 तारीख को पैदा हुए व्यक्तियों में यह इच्छा होती है कि वे जो काम कर रहे हैं, उसमें कुछ बाकी न रह जाये। इसलिए अधिक कार्य करने के कारण उनके स्नायु-तंत्र पर अधिक जोर पड़ता है, इसलिए उन्हें तंत्रिकाओं में सूजन, शियाटिका दर्द और अनेक त्वचा रोग हो सकते हैं। इन लोगों के लिये चुकंदर, पत्थरचूर, विलबैरी, शतावर, चेरी, स्ट्राबेरी, सेव, शहतूत, नाशपाती, जैतून, खेंदचीनी, अनार, अन्नास, अंगूर, पोदीना, केसर, जायफल, लौंग, बादाम, अंजीर और पहाड़ी बादाम आदि फल और बूटियां उपयोगी हैं। उन्हें दिसंबर, फरवरी, जून और सितंबर में अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिये। उनके जीवन के 12वें, 21वें, 39वें, 48वें और 57वें वर्ष में स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन का योग है।


Navratri Puja Online by Future Point will bring you good health, wealth, and peace into your life


अंक 4 अर्थात 4, 13, 22 या 31 तारीख को पैदा हुए लोगों को कुछ महत्वपूर्ण रोग होने का भय रहता है जिसका निराकरण होना कठिन होता है। उनको पागलपन, मानसिक अस्वस्थता, रक्त की कमी, सिर, कमर, मूत्रस्थान और गुर्दो में पीड़ा हो सकती है। इस अंक वाले व्यक्तियों के लिए पालक सर्दियों की हरी सब्जियां, लोकाट, आईलैंडमास और सोलोमन सील आदि चीजें उपयोगी हैं। अंक 4 वालों को बिजली के इलाज से अत्यधिक लाभ पहुंचता है। उन्हें मानसिक सुझाव और सम्मोहन से भी लाभ होता है। लेकिन उन्हें नशीली दवाओं, मसालेदार भोजन और लाल रंग के मांस से परहेज करना चाहिये। उन्हें जनवरी, फरवरी, जुलाई, अगस्त और सितंबर माह में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। स्वास्थ्य की दृष्टि से उनके लिये 12वां, 13 वां, 31 वां, 40 वां, 49वां और 58वां वर्ष महत्वपूर्ण होते हैं।

अंक 5 अर्थात 5, 14 या 23 तारीख में पैदा हुए व्यक्ति बहुत अधिक तनाव में रहते हैं। वे मानसिक और स्नायविक तनाव में जीने के अभ्यस्त हो जाते हैं। उन्हें आंखों, चेहरे और हाथों के टेढे-मेढे होने का भय बना रहता है। उनके स्नायुओं पर दबाव रहता है। वे अनिद्रा अथवा अधरंग आदि के शिकार हो सकते हैं। उनके लिये सोना, आराम करना और शांत रहना ही सबसे अच्छी औषधियां हैं। अंक 5 वालों के लिए चुकंदर, ओट्समील अथवा ओट्स की रोटी के रूप में ओट्स, कराजमोद, सभी प्रकार की गिरियां, विशेष रूप से अखरोट और पहाड़ी बादाम आदि उपयोगी रहते हैं। अंक 5 वाले व्यक्तियों को जून, सितंबर और दिसंबर के महीनों में अपने स्वास्थ्य के संबंध में सतर्क रहना चाहिये। स्वास्थ्य की दृष्टि से उनके लिये 10वां, 41वां और 50वां वर्ष महत्वपूर्ण होता है।

अंक 6 अर्थात 6, 15 या 24 तारीख को पैदा हुए व्यक्तियों के लिए सभी प्रकार की फलियां, चुकंदर, पालक, मज्जा, तरबूज, अनार, सेव, नाशपाती, खुबानी, अंजीर, अखरोट, बादाम, मेडन्स, फर्न का रस, डैफोनिल, कस्तूरी, वनफशा, गंधवेन और गुलाब के पत्ते आदि, फल और जड़ी-बूटियां उपयोगी रहती है। इन व्यक्तियों को मई, अक्तूबर और नवंबर के महीने में अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिये। इनका 15वां, 24वां, 42वां, 51वां और 60वां वर्ष स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है।


Book Durga Saptashati Path with Samput


अंक 7 अर्थात किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को पैदा हुए व्यक्ति अन्य श्रेणी के व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक चिंतित रहते हैं। जब तक वे ठीक रहते हैं, जितना चाहे काम करते रहते हैं। परंतु जब परिस्थितियों के कारण चिंतित हो जाते हैं तो सोचने लगते हैं कि सब चीजें गलत हैं और वे निराश हो जाते हैं। उनके आसपास के वातावरण का उन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। सही मूल्यांकन किये जाने पर वे कोई भी उत्तरदायित्व लेने को तैयार रहते हैं। उन्हें जो भी काम दिया जाता है, वे उसके प्रति बहुत सजग रहते हैं, परंतु वे शरीर की अपेक्षा मानसिक रूप से सशक्त होते हैं। इसलिए उनकी देहयष्टि दुबली-पतली होती है और वे अपनी शक्ति से अधिक कार्य करने का यत्न करते हैं। उनकी त्वचा बहुत मुलायम तथा चोट आदि के प्रति संवेदनशील होती है। किसी ऐसी चीज के खाने से जो हजम न हो या अनुकूल न हो तो शरीर पर फुंसियां निकल आती है। इन व्यक्तियों के लिये सलाद, गोभी, चिंकोरी, खीरा, ककड़ी, अलसी, खुंबी, सेव, अंगूर और सभी फलों के रस उपयोगी वस्तुएं हैं। जनवरी, फरवरी, जुलाई और अगस्त के महीने में इन लोगों को स्वास्थ्य के प्रति विशेष सतर्क रहना चाहिये। स्वास्थ्य परिवर्तन की दृष्टि से 7वां, 16वां, 25वां, 34वां, 43वां, 52वां और 61वां वर्ष इनके लिये महत्वपूर्ण वर्ष है।

अंक 8 अर्थात किसी भी महीने की 8, 17 या 26 तारीख को पैदा हुए व्यक्तियों को अन्य लोगों की अपेक्षा जिगर, पित्ताशय, आंतों तथा मलोत्सर्जन से संबंधित कष्ट होने की संभावना रहती है। उन्हें सिरदर्द, रक्तरोग, वाहनों से जहरबाद तथा गठिया आदि बीमारियों के होने का भय रहता है। उन्हें जहां तक संभव हो, फलों, जड़ी-बूटियों और सब्जियों का प्रयोग करना चाहिये। ऐसे व्यक्तियों को पालक, गाजर, केला, अजमोद तथा जंगली गंधवेन आदि का प्रयोग करना चाहिये तथा दिसंबर, जनवरी, फरवरी और जुलाई महीनों में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिये। शक्ति से अधिक कार्य करने से कष्ट हो सकता है। उनके स्वास्थ्य के लिये 17वां, 26वां, 35वां और 62वां वर्ष महत्वपूर्ण हो सकता है।

अंक 9 अर्थात किसी भी महीने की 9, 18 या 27 तारीख को उत्पन्न हुए व्यक्तियों को सभी तरह के बुखार, खसरा, माता, चिकनपॉक्स, चकत्ते आदि रोग होने का भय रहता है। उन्हें अधिक पौष्टिक भोजन और मद्य सेवन से बचना चाहिये। उन्हें प्याज, लहसुन, मूली, अदरक, मिर्च, रेवन्दचीनी, तोरी, मजीठ और बिच्छू बूटी के रस का सेवन करना चाहिये। ऐसे व्यक्तियों को अप्रैल, मई, अक्तूबर और नवंबर के महीनों में अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिये। स्वास्थ्य की दृष्टि से उनके जीवन का 9वां, 18वां, 27वां, 36वां, 45वां और 63वां वर्ष महत्वपूर्ण होते हैं। जिन जड़ी-बूटियों का यहां वर्णन किया गया है, वे प्रायः सभी देशों में प्राप्त होती हैं और प्राकृतिक रूप से रोगनाशक हैं।


Expert Vedic astrologers at Future Point could guide you on how to perform Navratri Poojas based on a detailed horoscope analysis




Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.