अंक ज्योतिष में प्रश्न-विचार पं. आर के. शर्मा वैदिक ज्योतिष में प्रश्न विचार एक पर्याप्त जटिल विषय है जबकि अंक शास्त्र में केरलीय पद्धति से कठिन प्रश्नों का आसानी से उत्तर दिया जा सकता है। इस संपूर्ण विधि का विस्तृत ज्ञान जानिए इस लेख से। अंक ज्योतिष से प्रश्न विचार की जो पद्धति यहां दी जा रही है, वह विशेषतः केरल में प्रचलित रही है। इस पद्धति को 'केरलीय पद्धति' के नाम से जाना जाता है।
इस पद्धति में प्रश्नकर्त्ता यदि ब्राह्मण वर्ग से है तो उससे किसी फूल का नाम, क्षत्रिय हो तो, किसी नदी का नाम, वैश्य हो, तो किसी देवी-देवता का नाम और यदि शूद्र (या पिछड़ा वर्ग) वर्ण का हो, तो किसी फल का नाम सोचकर बताने को कहा जाता है। उसी के आधार पर अंकगणना करके प्रश्न एवं उसका उत्तर बताया जाता है।
प्रश्नों के मुखय विषय इस प्रकार हो सकते हैं।
1. विवाह आदि संबंधी प्रश्न
2. लाभ- हानि संबंधी प्रश्न
3. यात्रा संबंधी प्रश्न
4. जीत-हार संबंधी प्रश्न
5. जीवन-मरण संबंधी प्रश्न
6. गर्भ संबंधी प्रश्न
7. सुख-दुख संबंधी प्रश्न
8. तेजी-मंदी संबंधी प्रश्न
9. पुत्र अथवा कन्या उत्पत्ति संबंधी प्रश्न।
विवाह आदि संबंधी प्रश्न : इस प्रश्न हेतु आप प्रश्नकर्ता से किसी फूल का नाम सोचने को कहें। मान लो प्रश्न कर्ता ने सोचकर 'गुलाब' फूल का नाम लिया। गुलाब = ग +उ + ल्+आ ब+अ = 21 + 15 + 13 + 21 + 26 + 12 इनका योग = 108, इस योग में 8 से भाग दें। यदि 1 बचे तो विवाह सरलता से होगा। 2 शेष बचे तो काफी कोशिश करनी होगी। 3 शेष बचे तो अभी विवाह होने की संभावना नहीं है।
4 बचे तो कन्या की मृत्यु का भय, 5 बचें तो, चाचा आदि को भय या विदेश गमन, 6 शेष बचे, तो सरकारी गड़बड़ी या भय, 7 शेष रहे तो कोई भयंकर रोग होने का डर या ससुर आदि को कष्ट, यदि शून्य शेष बचे, तो उत्पन्न संतान को भयंकर कष्ट होगा। हानि-लाभ संबंधी प्रश्न इस प्रश्न में भी फूल का नाम सोचा जाता है। सभी आगे के प्रश्नों में भी फूल या फल का नाम ही सोचा जायेगा। प्राप्त योग में 42 जोड़ दें, फिर उसमें 3 से भाग दें। शून्य बचने पर लाभ नहीं होगा। यदि 1 बचे तो बहुत दिनों बाद लाभ होगा।
यदि 2 बचे तो लाभ होगा। यात्रा संबंधी प्रश्न जो भी योग बने, उसमें 33 जोड़कर 3 से भाग दे दें। एक शेष हो, तो जाने का योग होगा। दो बचे तो जाना नहीं हो पायेगा। यदि शून्य बचे तो यात्रा प्रारंभ होगी परंतु पूर्ण होने से पूर्व ही वापसी हो जायेगी। (असफल यात्रा) जीत-हार संबंधी प्रश्न प्राप्त योगफल में 34 जोड़कर 3 से भाग दें। यदि 1 शेष हो तो जीत, 2 बचे तो राजीनामा होगा और यदि शून्य बचे तो हार निश्चित होगी।
जीवन-मरण संबंधी प्रश्न : प्राप्त अंक में 40 जोड़कर 3 से भाग दें। 1 शेष होने पर रोगी बच जायेगा। 2 शेष रहने पर जीवन तो बच जायेगा परंतु कष्ट बहुत होगा। परंतु शून्य बचने पर मृत्यु निश्चित है, जीवन की कोई आशा नहीं।
गर्भ संबंधी प्रश्न : प्राप्त संखया में 26 जोड़कर उसमें 3 से भाग दें। 1 शेष रहने पर गर्भ है, 2 शेष रहने पर संदेह है तथा शून्य शेष रहने पर गर्भ नहीं है, कहना चाहिये।
सुखःदुख संबंधी प्रश्न : प्राप्त योगफल में 38 जोड़कर 2 से भाग दें। 1 शेष हो तो सुख, यदि शून्य बचे तो दुःख होगा।
तेजी मंदी संबंधी प्रश्न : ये प्रश्न व्यापारी, सटोरिए और शेयर मार्केट वाले किया करते हैं। प्राप्त संखया में 3 से भाग दें। शून्य बचने पर बाजार में तेजी आयेगी, भाव ऊंचा जायेगा। एक बचने पर बाजार मंदा रहेगा। 2 शेष रहने पर बाजार उसी दर पर रहेगा।
पुत्र या कन्या संबंधी प्रश्न : प्राप्त संखया में 3 से भाग दें। यदि 1 शेष रहे तो पुत्र होगा, 2 बचे तो कन्या, यदि शून्य बचे तो गर्भपात होगा। यदि आपको हिंदी में नाम लिखने में परेशानी हो तो आप 'मिस्टिक-पिरामिड' इंगलिश में नाम लिख सकते हैं। A-G-S-V = 1 ; B-D-T = 6 ; C-E-M = 2; F-L-Z = 7 H-O- Q = 4; I-K-Y = 3, J-R = 8 ; N-U-W = 5 P-X = 9 आप फूल का नाम गुलाब लिखें या त्वेम (रोज), यह आप सोचें लेकिन इस पद्धति को प्रयोग में लाकर अवश्य देखें।