हस्तरेखाओं के अध्ययन करने पर निम्नलिखित स्थिति हो तो स्वास्थ्य कैसा होगा, कौन सा रोग होगा ज्ञात किया जा सकता है। हथेली में स्वास्थ्य रेखा किसी भी स्थान से निकल सकती है पर उसका अंत बुध पर्वत पर ही होगा, यह रेखा जितनी अधिक सुस्पष्ट, निर्दोष होगी व्यक्ति का स्वास्थ्य उतना ही उत्तम होगा, यदि यह रेखा कमजोर कटी-फटी, छिन्न-भिन्न, लहरदार होगी व्यक्ति का स्वास्थ्य उतना ही कमजोर होगा, स्वास्थ्य रेखा हाथ में अच्छी होनी चाहिये या इससे अच्छा है कि यह रेखा हाथ में न हो क्योंकि हाथ में इस रेखा का न होना भी उत्तम स्वास्थ्य का सूचक है।
- स्वास्थ्य रेखा यदि जंजीरदार हो तो व्यक्ति जीवन भर पेट के रोगों से परेशान रहता है।
- इस रेखा पर यदि बिंदु हों तो जितने बिंदु हों उन्हें प्रत्येक बिंदु को पांच वर्ष की अवधि मानकर गणना करें व्यक्ति उतने वर्ष रोगी रहेगा।
- स्वास्थ्य रेखा एवं जीवन रेखा अलग-अलग हो तो व्यक्ति जीवन शक्ति एवं स्वास्थ्य से भरपूर होगा।
- स्वास्थ्य रेखा द्वीप के रूप में समाप्त हो तो फेफड़े के रोग की सूचक होती है।
- यह रेखा प्रारंभ में अधिक लाल रंग की हो जाये तो हार्ट संबंधी रोग का सूचक है।
- यह रेखा यदि अंत में लाल रंग की हो तो सिरदर्द संबंधी रोग हो जाता है।
- यह रेखा यदि हृदय रेखा पर ग बनाये तो मंदाग्नि की सूचक है।
- यह रेखा यदि बुध पर्वत पर आकर कट जाये तो पित्त रोग की सूचक है।
- इस रेखा के अंतिम छोर पर चतुर्भुज हो तो दमा का रोग होता है।
- यह रेखा यदि पीले रंग की हो तो गुप्त रोग की सूचक है।
- यह रेखा यदि हाथ में कई रंगों की हो जाये तो लकवा रोग की सूचक है।
- यह रेखा पतली, स्पष्ट हो तथा मस्तिष्क रेखा भी अच्छी हो तो अच्छी स्मरण शक्ति बताती है।
- यह रेखा यदि हृदय रेखा को काट दे तो मिर्गी का रोग हो सकता है।
- यह रेखा शुक्र रेखा (क्षेत्र) से तारे के रूप में प्रारंभ होकर बुध पर्वत पर जाये तो पागलपन का सूचक है जिसका कारण किसी प्रिय की मृत्यु हो।
- यह रेखा जीवन रेखा से निकलकर मस्तिष्क रेखा तथा हृदय रेखा को छूती हुई आगे बढ़ती है तो जीवन भर कमजोरी का सूचक होती है।
- इस रेखा को कोई तिरछी रेखा काट दे तो यह इस बात की जानकारी देती है कि उम्र के इस भाग में जबर्दस्त दुर्घटना होगी।
- इस रेखा के राहु क्षेत्र से गुजरते समय द्वीप का निशान हो तो टी. बीरोग हो जाएगा।
- इस रेखा तथा हृदय रेखा का मिलन बुध पर्वत के नीचे हो तो मृत्यु हार्ट अटैक से होती है।
- इस रेखा के साथ में कोई सहायक रेखा भी चल रही हो तो उत्तम स्वास्थ्य की सूचक है।
- यदि यह रेखा कमजोर हो तथा बुध रेखा लहरदार हो तो यह गठिया रोग की सूचक है।
- इस रेखा का संबंध जीवन रेखा से हो और इसपर तारे का चिह्न हो तो यात्रा में मृत्यु की सूचक है।
- इस रेखा को धारित करने वाले का मंगल यदि बलवान हो तथा यह रेखा लहरदार हो जाये तो आंतों में घाव, अल्सर, अपेन्डिक्स पथरी आदि रोग हो सकते हैं।
- इस रेखा को धारण करने वाला यदि गुरु पर्वत से प्रभावी हो तो पाचन तंत्र संबंधी रोग हो सकते हैं।
- इस रेखा को धारण करने वाला शुक्र पर्वत से बलवान हो और यह रेखा लहरदार हो तो प्रजनन संबंधी रोगों से ग्रस्त हो सकता है। - यह रेखा चैड़ी हो और अंत में यह गुच्छेदार हो जाये तो इसका अर्थ है कि बुढ़ापा कमजोरी में व्यतीत होगा।