डरें नहीं कालसर्प योग से
डरें नहीं कालसर्प योग से

डरें नहीं कालसर्प योग से  

बी.एल शर्मा
व्यूस : 8457 | मार्च 2013

आधुनिक समय में ज्योतिष की मान्यताओं के अनुसार जब सारे ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जायें तो काल सर्पयोग बनता है। यदि सभी ग्रह राहु-केतु के मध्य होने पर भी राहु के मुंह की ओर नहीं हो तो इसे अनुदित काल सर्प योग कहते हैं और सभी ग्रह राहु के मुंह की ओर रहते हुये राहु-केतु के मध्य आ जायें तो उदित कालसर्प योग कहलाता है। ऐसा काल सर्प योग हो तो शांति अवश्य करवाएं। ज्योतिष के प्राचीन ग्रंथों में कालसर्प योग के नाम से कोई उल्लेख नहीं मिलता। परंतु ‘‘मानसागरी’’ नामक ज्योतिष ग्रंथ के अध्याय 4 के श्लोक 8 में उल्लेख है कि सप्तम भाव में यदि शनि राहु से युक्त है तो सर्पदंश से पीड़ित रहने की संभावना रहती है। वह श्लोक इस प्रकार है: लग्नाच्च सप्तमस्थाने शनि-राहु संयुत्तौ सर्पेण बाधा तस्योक्ता आद्या य शय्यायां स्वपतोपिच।

राकुंडली में राहु-केतु की विभिन्न भावों में स्थिति के अनुसार 12 प्रकार के कालसर्प योग बनते हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं:

1 अनन्त,

2. कुलिक,

3. वासुकि

4. शंखपाल

5. पद्म

6. महापद्म

7. तक्षक

8. कर्कोटक

9. शंखचूड़

10. घातक

11. विषधर

12. शेषनाग यानि बारहवें भाव में राहु और छठे में केतु होने पर शेषनाग नामक कालसर्प योग बनता है।

हम सभी जानते हैं कि राहु-केतु की उत्पत्ति कैसे हुई। समुद्र मंथन में अमृत देवताओं को बांटा जा रहा था। उस समय राहु नाम के राक्षस ने देवता का स्वरूप रखकर अमृत पी लिया। यह बात सूर्य-चंद्र ने भगवान श्री विष्णु को बताई तब उन्होंने राहु नाम के राक्षस की गर्दन सुदर्शन चक्र से काट दी तो सिर राहु और धड़ केतु के नाम से प्रसिद्ध हुए। राक्षस होने के कारण ये उल्टा चलते हैं। उल्टे चलना यानि 7 नंबर की तुला राशि से आगे बढ़ने पर वह 6 नंबर की राशि कन्या में आएगा। राहु को सर्प का मुंह और केतु को उसकी पूंछ कहते हैं। 12 उदित कालसर्प योग और 12 अनुदित काल सर्प योग। इस प्रकार 24 प्रकार के कालसर्प योग होते हैं। कालसर्प योग से डरने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसका समाधान करके बहुत अधिक हद तक इसे शुभ फलदायक बनाया जा सकता है। ऐसे भी यह देखा गया है कि बहुत सारे गणमान्य व्यक्तियों ने कालसर्प होने के बावजूद नाम एवं शोहरत हासिल किया। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को भी कालसर्प योग था और वे प्रधानमंत्री बने।

निम्नलिखित व्यक्तियों को कालसर्प योग था और इन्होंने गगनचुंबी उंचाइयां हासिल कीं:-

1. अब्दुर्रहमान अन्तुले: बैरिस्टर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और भारत सरकार में हेल्थ मिनिस्टर रहे। इनका सिंह लग्न और मकर राशि थी। चतुर्थ में केतु और दशम में राहु था। इस कालसर्प योग का नाम-घातक कालसर्प योग है। इनका जन्म दिनांक 09-02-1929 है।

2. अजीत सिंह: वर्तमान भारत सरकार में मंत्री श्री अजीत सिंह को कालसर्प योग है। एकादश स्थान में राहु और पंचम में केतु होने से विषधर नामक कालसर्प योग है। जन्म दिनांक 12.02.1939 है तथा धनु लग्न और वृश्चिक राशि है। इनको अनुदित कालसर्प योग है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री चरण सिंह के बेटे हैं। कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री यू. एस. ए. से प्राप्त की है। इनका भविष्य उज्ज्वल है।

3. जार्ज फर्नान्डिस: ये भारत सरकार में रक्षा मंत्री थे। जन्म दिनांक 3-6-1930 और मेष लग्न तथा सिंह राशि है। राहु लग्न में और केतु सप्तम में होने से अनंत नामक कालसर्प योग है।

4. श्री नारायण दत्त तिवारी: भूतपूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, जन्म दिनांक 18/10/19/25, कुंभ लग्न और तुला राशि है। इनके छठे घर में राहु और बारहवें घर में केतु होने से महापद्म नामक कालसर्प योग है।

5. श्री. पी. चिदंबरम: वित्त मंत्री भारत सरकार जन्म दिनांक 16.09. 1945, मिथुन लग्न, धनु राशि है। राहु लग्न में और केतु सप्तम में होने से अनन्त नामक कालसर्प योग है। इनका भविष्य उज्ज्वल है।

6. श्री राम जेठमलानी: प्रसिद्ध सुप्रीम कोर्ट वकील का जन्म दिनांक 14.09.23 है। मकर लग्न और तुला राशि है। राहु अष्टम में और केतु द्वितीय में होने से कर्कोटक नामक कालसर्प योग है फिर भी इतना नाम कमाया।

7. श्री राम विलास पासवान: बिहारी राजनेता का जन्म दिनांक 05-07-1946 है। कन्या लग्न और कन्या राशि है। राहु नवम में और केतु तृतीय में होने से शंखचूड़ नामक कालसर्प योग है। ये भारत सरकार में संचार मंत्री रहे हैं।

8. महारानी ग्वालियर (म.प्र.) श्रीमती विजया राजे सिंधिया: श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मंत्री भारत सरकार की दादी साहब का जन्म दिनांक 12.10.1919 है। मिथुन लग्न और वृष राशि है। राहु छठे घर में और केतु बारहवें घर में होने से महापद्म नामक कालसर्प योग है। श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के सरकार में मंत्री रह चुकी हैं।

9. श्री धीरू भाई अंबानी: इनका जन्म दिनांक 28-12-32 और धनु लग्न एवं धनु राशि है। राहु तीसरे घर में तथा केतु नवम स्थान में होने से वासुकि नामक कालसर्प योग है। इन्होंने शून्य से शिखर तक पहुंचने में बहुत कठिन परिश्रम किया। बिजनेस को ऊंचाई पर ले गए। इनके बेटे मुकेश/अनिल अंबानी इनका नाम रोशन कर रहे हैं।

10. प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय फिल्म सुपर स्टार रजनीकांत: इनका जन्म दिनांक 12-12-1950 है। सिंह लग्न और मकर राशि है। राहु अष्टम में और केतु द्वितीय में होने से कर्कोटक कालसर्प योग है।

11. प्रसिद्ध क्रिकेट सुपर स्टार सचिन तेंदुलकर: इनकी जन्म तारीख 21.04.1973 है। कन्या लग्न एवं धनु राशि है। राहु चतुर्थ में और केतु दशम में होने से शंखपाल नामक कालसर्प योग है। फिर भी इतनी उन्नति की और देश दुनिया में नाम कमाया।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.