विवाह रेखा एवं उसके फल
विवाह रेखा एवं उसके फल

विवाह रेखा एवं उसके फल  

बी.एल शर्मा
व्यूस : 4960 | आगस्त 2006

विवाह तय करते समय जन्मपत्री मिलान के अतिरिक्त हस्त रेखाओं का अध्ययन भी सावधानीपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि जन्मपत्री जन्म समय का ठीक ठीक पता नहीं होने से गलत हो सकती है परंतु हस्त रेखा सही होती है। विवाह रेखा के अलावा भाग्य, आयु, हृदय और मस्तिष्क रेखाओं का गहन अध्ययन आवश्यक है। हस्त रेखा से विवाह का संभावित समय जानने के नियम यहां दिए जा रहे हैं। विवाह रेखा छोठी उंगली और हृदय रेखा के मध्य होती है। छोटी उंगली और हृदय रेखा की दूरी को चार समान भागों में विभक्त करें। यदि हृदय रेखा से प्रथम भाग में विवाह रेखा है तो 18 से 25 वर्ष की आयु में विवाह की संभावना होगी, दूसरे भाग में हो तो 25 से 35 वर्ष तथा तीसरे भाग में हो तो 35 से 50 वर्ष की आयु में विवाह की संभावना होगी। इन चार भागों में भी इसकी दूरी हृदय रेखा से जितनी ज्यादा हो उतनी आयु में विवाह की संभावना होगी यदि विवाह रेखा छोटी उंगली की ओर मुड़ी होगी तो ऐसे जातक का विवाह होना कठिन होता है। यदि उक्त रेखा से एक शाखा छोटी (बुध) उंगली के मूल तक पहुंचे तो ऐसे व्यक्ति का व्यभिचारी होना संभव है।

यदि विवाह रेखा हृदय रेखा की ओर झुके तो जीवन साथी के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालेगी तथा यदि हृदय रेखा को स्पर्श करे तो जीवन साथी की उक्त आयु में मृत्यु की संभावना बनती है। विवाह पूर्व उन रेखाओं का अध्ययन आवश्यक है। जिसकी विवाह रेखा हृदय रेखा की ओर थोड़ी सी झुकी हो वह शंकालु होता है। वह हृदय से कपटी और स्वार्थी होता है। विवाह रेखा की जितनी शाखाएं हृदय रेखा को स्पर्श करें उतने ही जीवन साथी की मृत्यु की सूचक है और हृदय रेखा की ओर झुक कर हृदय रेखा को स्पर्श नहीं भी करें तो ऐसे में भी कुछ समय पश्चात जीवन साथी की मृत्यु होने की संभावना बनती है। यदि विवाह रेखा के प्रारंभ में यव चिह्न हो तो पति-पत्नी का वियोग होता है यह यव या द्वीप चिह्न विवाह रेखा पर जिस आयु में हो उस आयु में उनका वियोग होगा जैसे यदि विवाह रेखा के अंत में यह चिह्न हो तो वृद्धावस्था में वियोग या लड़ाई-झगड़ा होता है।

यदि विवाह रेखा द्वीपयुक्त हृदय रेखा की ओर झुके तो ऐसा जातक जननंेद्रीय संबंधी रोग का शिकार होता है। विवाह रेखा टूटी हो तो जिस आयु में टूटी हो उस आयु में जीवनसाथी की मृत्यु की संभावना बनती है। विवाह रेखा पर नक्षत्र चिह्न पुरुष के हाथ में जीवन संगिनी की प्रसव के समय मृत्यु का संदेश देता है और यदि नक्षत्र चिह्न की यही स्थिति स्त्री के हाथ में हो तो पति की मृत्यु का सूचक है। यह वैधव्य योग कहलाता है। इस योग में यह याद रहे कि यदि नक्षत्र युक्त विवाह रेखा छोटी उंगली और अनामिका (सूर्य उंगली) के बीच से हृदय रेखा की ओर जाए तो मृत्यु योग टल जाता है परंतु उक्त आयु में मानसिक संताप बहुत होता है। ऐसी रेखा पराक्रम और यश व मान की भी सूचक है।

स्पष्ट विवाह रेखा सूर्य रेखा को स्पर्श करे तो शुभ फलदायी होती है। विवाह पश्चात धन व मान-सम्मान मिलता है। लड़की के हाथ में ऐसी रेखा अच्छा और भाग्यवान जीवन साथी दिलाती है। लड़के के हाथ में ऐसी रेखा अच्छी पत्नी दिलाती है, वह गुणवान और धनवान होती है। विवाह रेखा से छोटी-छोटी रेखाएं नीचे की ओर जाती हों तो ऐसे व्यक्ति के जीवन साथी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। ये रेखाएं बारीक हों तो व्यक्ति किसी के प्रेम जाल में फंसता है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.