कुंडली व्याख्या (पृष्ठ-17)

कुंडली व्याख्या


कैरियर निर्माण की अनुभूत ज्योतिषीय प्रक्रिया

ज्योतिष ग्रंथों में कर्मक्षेत्र के चयन हेतु असंखय सिद्धांत एवं नियम प्रतिपादित हैं। इन नियमों को किसी जातक की जन्मकुंडली में लागू कर उसके वास्तविक व्यवसाय का निर्धारण कर पाना अत्यंत कठिन एवं दुरूह है। सारे सिद्धांतों को लागू कर ले... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

अप्रैल 2010

व्यूस: 8291

मानसिक विकृति का भूत

16 दिसंबर 2013 को घटित हुए निर्भया कांड को दो वर्ष हो गये हैं। इस कांड की न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में निंदा की गई। भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए कड़े कानून बनाने की मांग उठी, बहुत से प्रदर्शन भी हुए और... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचर

फ़रवरी 2015

व्यूस: 8662

पक्षाघात रोग: कारण एवं निवारण

पक्षाघात ‘पक्ष’ व ‘आघात’ दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘पक्ष’ अर्थात शरीर का आधा भाग तथा आघात अर्थात शरीर के आधे भाग का कार्य न करना। पक्षाघात में ज्ञानेन्द्रियां, कर्मेन्द्रियां व मन प्रभावित होते हैं। आचार्य चरक के अनुसार पक्षा... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2014

व्यूस: 10456

फलादेश कैसे करें?

ज्योतिष में फलादेश कैसे करें? यह विचार आते ही हमारे मस्तिष्क में काफी सारे विचार एक साथ कौंध जाते हैं। किसी ने कोई प्रश्न पूछा तो यह जानना सबसे पहले आवश्यक हो जाता है कि प्रश्न किस भाव से संबंधित है, तो सबसे पहले हम अपना ध्यान भाव... और पढ़ें

ज्योतिषकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2013

व्यूस: 10234

लग्नानुसार कालसर्प योग

लग्नानुसार कालसर्प योग

राजेंद्र शर्मा ‘राजेश्वर’

मेषादि द्वादश राशियों के लग्न में निर्मित होने वाले कालसर्प योगों का विभिन्न रूपों में अलग अलग प्रभाव होता हैं। मेष तथा वृश्चिक लग्न-मंगल की राशि मेष-वृश्चिक लग्न में जन्मकुंडली में कालसर्प निर्मित हो तो मंगल और राहु दोनों से पीड़... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकराशि

मार्च 2013

व्यूस: 9467

देव गुरु बृहस्पति एक वरदान

ऋषि मुनियों ने बृहस्पति की कल्पना ऐसे पुरूष के रूप में की है जो बृहदकाय, विद्वान, सात्विक एवं मिष्ठानप्रिय है। बृहस्पति देव की कृपा के बिना किसी भी जातक का जीवन सुखी एवं संतुष्ट होना असंभव है। जन्मकुंडली में बृहस्पति कर्क, धनु, मी... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2011

व्यूस: 25545

प्रतिस्पर्धात्त्मक परीक्षा में सफलता कैसे ?

मानव के समस्त कार्य और व्यवसाय को संचालित करने में नेत्रों की भूमिका जिस प्रकार अग्रगण्य मानी गई है ठीक उसी प्रकार ज्ञान, विज्ञान विद्या के क्षेत्र में ज्योतिष विज्ञान दृष्टि का कार्य करता है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

अप्रैल 2010

व्यूस: 26896

कुंडली में बहु विवाह एवं द्विभार्या योग

शादी के बारे में हर व्यक्ति को जानने की इच्छा होती है। आज के आधुनिक समय में किसी-किसी व्यक्ति की शादी भी नहीं हो पाती और किसी जातक की दो या तीन बार शादी हो जाती है। शादी कितनी बार होगी इसको हम कुंडली की सहायता से जान सकते हैं। ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणकुंडली व्याख्याविवाहभविष्यवाणी तकनीक

जून 2015

व्यूस: 35931

अष्टकवर्ग से फलकथन

ज्योतिष शास्त्र में फलित करने की प्रायः तीन विधियां प्रचलन में रहती हैं - जन्म कुंडली, चन्द्र कुंडली तथा नवांश कुंडली। लग्न से शरीर का विचार होता है, चंद्रमा से मन का। जन्म पत्रिका में चंद्रमा से मन की स्थिति देखकर यह निश्चय किया ... और पढ़ें

ज्योतिषअष्टकवर्गकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2013

व्यूस: 46928

श्रेष्ठतम ज्योतिषी बनने के ग्रह योग

करियर परिचर्चा लेख शृंखला की इस कड़ी में ‘‘सफल भविष्यवक्ता बनने के गह योग’’ विषय पर चर्चा की जा रही है जिससे आप यह जान सकेंगे कि किस प्रकार के ग्रह योग जातक को श्रेष्ठ ज्योतिषीय सलाहकार बना सकते हैं। जो लोग ज्योतिष नहीं जानते... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

जून 2014

व्यूस: 16451

शिक्षा एवं व्यवसाय

शिक्षा एवं व्यवसाय

राजेंद्र कुमार शर्मा

''विद्या ददाति विनयम विनयाद्याति पात्रताम् पात्रत्वा धनमाप्नोति धनात् धर्मम् ततो सुखम्''... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

अकतूबर 2009

व्यूस: 12318

विदेश यात्रा योग

विदेश यात्रा योग

फ्यूचर पाॅइन्ट

कुछ समय पहले तक सात समुद्र पार करके जाने को म्लेच्छों के देशों में जाना, या सज़ा के तौर पर विदेश जाना कहा जाता था। लेकिन अब विदेश गमन को समृद्धिकारक माना जाता है और भारतवर्ष का हर तीसरा वासी विदेश जाना अपनी शान समझता है। वि... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2014

व्यूस: 13799

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