कुंडली व्याख्या (पृष्ठ-19)

कुंडली व्याख्या


रोगों का विचार कैसे करें

ज्योतिष में रोग विचार के लिए षष्ठ स्थान की विवेचना की जाती है। रोग विचार की दृष्टि से ग्रहों, राशियों, नक्षत्रों एवं भावों का विश्लेषण आवश्यक है। दृष्टि से भावों का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि लग्न, षष्ठ, अष्टम एवं द्वादश भावों का र... और पढ़ें

ज्योतिषस्वास्थ्यउपायज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरचिकित्सा ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2007

व्यूस: 5835

ज्योतिष एवं स्वास्थ्य

ज्योतिष एवं स्वास्थ्य

राजेंद्र कुमार मिश्र

स्वास्थ्य शब्द मूलतः सु $ अवस्था से व्युत्पत्तित है: अर्थात् शरीर के अंग-अवयवों की सु (सुंदर, या शुभ) अवस्था। ज्योतिष के व्याख्याता ऋषियों एवं आकाशीय पिंड वेत्ताओं ने एकमत से ”यत् ब्रह्मांडे तत् पिंडे“ की अवधारणा को प्रमाणित किया ... और पढ़ें

ज्योतिषस्वास्थ्यज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याचिकित्सा ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2004

व्यूस: 6172

ज्योतिष द्वारा संतान योग कैसे जानें

आजकल हर मनुष्य चाहता है हमारे पास सभ्य संतान हों जो माता पिता की सेवा करें एवं कुल का नाम रोशन करें, हर मानव का सपना होता है कि उसकी संतान तेजस्वी एवं गुणों से संपन्न होगी। इसके लिए वह हर संभव प्रयास करता है, पढ़ाता है अच्छी उच्च श... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगबाल-बच्चेकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2012

व्यूस: 31917

भयभीत न हों अष्टम चंद्र से

अष्टम चंद्र यानि जन्म कुंडली में आठवें भाव में स्थित चंद्र। आठवां भाव यानि छिद्र भाव, मृत्यु स्थान, क्लेश'विघ्नादि का भाव। अतः आठवें भाव में स्थित चंद्र को लगभग सभी ज्योतिष ग्रंथों में अशुभ माना गया है और वह भी जीवन के लिए अशुभ। ज... और पढ़ें

ज्योतिषकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2009

व्यूस: 51094

शनि मंगल युति

शनि मंगल युति

किशोर घिल्डियाल

कालपुरुष की पत्रिका में शनि दशम व एकादश भाव तथा मंगल प्रथम व अष्टम भाव का प्रतिनिधित्व करते हैं। किसी की भी पत्रिका में इन दोनों ग्रहों का युति अथवा दृष्टि संबंध जातक विशेष को गुप्त रूप से कर्म कर लाभ प्राप्त करने जैसे फलांे की ... और पढ़ें

ज्योतिषकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2014

व्यूस: 51692

आइ. ए. एस. तथा आई.पी.एस. बनने के ज्योतिषीय योग

शिक्षा प्राप्ति के बाद कार्य क्षेत्र में प्रवेश करने से पूर्व प्रशासन के क्षेत्र में उच्च पद प्राप्ति की महत्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने में किन ज्योतिषीय योगों से मार्गदर्शन और सहायता प्राप्त की जा सकती है। आइए, जानें उन योगों के ब... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

फ़रवरी 2011

व्यूस: 39040

भंग हो केमद्रुम योग, तो बने राजयोग

केमद्रुम योग के बारे में अधिकांशतः इसके नकारात्मक पक्ष पर अधिक बल है यदि हम इसके सकारात्मक पक्ष का गंभीर पूर्वक विवेचन करें तो कुछ विशेष योगों की उपस्थिति में केमद्रुम योग भंग होकर राजयोग में परिवर्तित हो जाता है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

जून 2011

व्यूस: 44411

लग्न रोग एवं उपाय

लग्न रोग एवं उपाय

शशि कुमार सैनी

ज्योर्तिविज्ञान के अंतर्गत 12 राशियों के अनुरूप ही 12 लग्नों का भी व्यक्तियों के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है और लग्नों के अनुसार ही व्यक्ति विशेष की मानसिक प्रवृत्ति, शरीरगत लक्षणों के साथ-साथ उसके शरीर में विभिन्न रोगों एवं चरित... और पढ़ें

स्वास्थ्यउपायकुंडली व्याख्याघरचिकित्सा ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2011

व्यूस: 11853

ज्योतिर्विज्ञान से कैसर रोग

ज्योतिर्विज्ञान से कैसर रोग

ब्रजेंद्र श्रीवास्तव

इस आलेख में कैंसर रोग की कारक ग्रह स्थितियों का उदाहरण सहित वर्णन किया गया है।... और पढ़ें

ज्योतिषस्वास्थ्यकुंडली व्याख्याघरचिकित्सा ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2009

व्यूस: 7113

पं. लेखराज शर्मा जी की विलक्षण प्रतिभा

जीवन में अनेक व्यक्तियों से मिलकर हम उनके चमत्कारी व्यक्तित्व से अत्यंत प्रभावित होते हैं। उनकी विशेषता गुण व् कार्य प्रणाली इस हद तक चमत्कारिक होती हैं। की उनके आगे नतमस्तक होने को मन चाहता हैं।... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरजैमिनी ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

मार्च 2013

व्यूस: 63978

व्यवसाय का निर्धारण

हमारे जन्मांग चक्र में विभिन्न भावों को धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष चार भागों में बांटा जाता है। 1, 5, 9 धर्म भाव, 2, 6, 10 अर्थ भाव, 3, 7, 11 काम भाव और 4, 8, 12 मोक्ष भाव है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2009

व्यूस: 58812

अध्यात्म का रंग

जन्म जन्मांतरों के कर्मफल स्वरूप मनुष्य को भक्ति व ज्ञान आदि शुभ फल प्राप्त होते हैं और वह ईश्वराभिमुख हो जाता है लेकिन कहते हैं कि ऐसी बुद्धि अधिक समय तक कायम नहीं रहती परंतु यदि कायम रहे तो अध्यात्म का ऐसा रंग चढ़ जाता है कि मनुष... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

सितम्बर 2010

व्यूस: 5052

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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