कुंडली व्याख्या


फलित में अष्टक वर्ग की विशेषता

फलित ज्योतिष में फलादेश निकालने की अनेक विधियां प्रचलित हैं, जिनमें से पराशरोक्त सिद्धांत, महादशाएं, अंतर दशाएं, प्रत्यंतर दशाएं, सूक्ष्म दशायें इत्यादि के साथ, जन्म लग्न, चंद्र लग्न, नवांश लग्न के द्वारा, वर्ष, मास, दिन एवं घंटों... और पढ़ें

ज्योतिषअष्टकवर्गग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

जनवरी 2004

व्यूस: 29502

शनि अष्टकवर्ग

शनि अष्टकवर्ग

संजय बुद्धिराजा

अष्टकवर्ग विद्या की अचूकता व सटीकता का प्रतिशत सबसे अधिक है। सभी ग्रहों के अष्टकवर्ग के फलकथन के क्रम में इस बार शनि के अष्टकवर्ग के फल कथन की बारी है जिससे कर्म, नौकर, मजदूर, मेहनत, रोग बाधा, न्यायालय, आयु आदि विषय में विचार किया... और पढ़ें

ज्योतिषअष्टकवर्गग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

जनवरी 2011

व्यूस: 18900

वक्री ग्रह व विवाह सुख

वक्री ग्रह व विवाह सुख

किशोर घिल्डियाल

भारतीय ज्योतिष में विवाह सप्तम भाव से देखा जाता है। सप्तम भाव जहां जीवन साथी हेतु देखा जाता है वहीं उसके स्वामी की स्थिति, उसका लग्नेश के साथ संबंध और इन सबसे ऊपर शुक्र (भोगकारक) ग्रह की स्थिति का आकलन सही प्रकार से किया जाए... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहविवाहभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

जुलाई 2014

व्यूस: 21098

राहु-केतु की परम अशुभ फलदाई स्थिति

राहु-केतु का बिंदु मात्र अस्तित्व होने पर भी इनके मानव जीवन पर पड़ने वाले अशुभ प्रभाव के कारण हमारे परम ज्ञानी व दिव्यदृष्टि ऋषियों ने उन्हें छाया ग्रह की संज्ञा दी है, और पापी ग्रहों की श्रेणी में शनि व मंगल के साथ रखा है। इनक... और पढ़ें

ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

जुलाई 2014

व्यूस: 19884

शनि के बारे में आप क्या जानते है ?

फ्यूचर पॉइंट के सौजन्य से शनि जीवन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है। इस आलेख में शनि की विभिन्न स्थितियों के फल का निरूपण किया गया है। शनि का अन्य ग्रहों के साथ साहचर्य, भावों और राशियों के साथ-साथ सभी लग्नों पर इसके प्रभाव के अतिर... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

अकतूबर 2009

व्यूस: 17523

प्रेम व अंतर्जातीय विवाह

प्रेम व अंतर्जातीय विवाह

किशोर घिल्डियाल

भारतीय समाज में विवाह एक संस्कार के रूप में माना जाता है। जिसमें शामिल होकर स्त्री पुरुष मर्यादापूर्ण तरीके से अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर वंशवृद्धि या अपनी संतति को जन्म देते हैं। सामान्यतः विवाह का यह संस्कार परिवारजनों की सहमति य... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरविवाहभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

जुलाई 2013

व्यूस: 20098

सुदर्शन चक्र कुंडली एक अध्ययन

किसी भी कुंडली का फलकथन राशि, लग्न एवं ग्रह दशा को ध्यान में रखकर किया जाता है। जन्म नक्षत्र ज्योतिषीय शास्त्र में वह केंद्र बिंदु है जिसके चारों तरफ जातक की जीवन गति चलती रहती है। सटीक फलकथन करने के लिए जन्म नक्षत्र विचार करना पर... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

जुलाई 2011

व्यूस: 35906

कैसे जानें बंधन दोष

मंगलवार को 3 किलो पालक, सूर्यास्त से पहले, ला कर घर में किसी परात आदि में रख दें। बुधवार के दिन प्रातः, पालक किसी थैले में रख कर, घर से बाहर जा कर, किसी गाय को खिला दें। यदि गाय पालक सूंघ कर छोड़ दे, या थोड़ा खा कर छोड़ दे, तो समझें ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

अकतूबर 2010

व्यूस: 43587

चिराग तले अंधेरा

सही कहा है - विधना नाच नचावे। मनुष्य लाख चेष्टा कर ले, होता वही है जो उसके ग्रह, नक्षत्र चाहते हैं। निशा और विशाल ने भी अपने लाड़ले का जीवन संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी, पर वे असफल रहे। परंतु सही दशा आने पर वही बच्चा जि... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगदशागोचरहस्तरेखा सिद्धान्तकुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषण

दिसम्बर 2014

व्यूस: 30875

विवाह के समय ध्यान रखने योग्य बातें

हिंदू धर्म शास्त्रों में हमारे सोलह संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों में काफी महत्वपूर्ण विवाह संस्कार है। शादी को व्यक्ति का दूसरा जन्म भी माना जाता है क्योंकि इसके बाद वर-वधू सहित दोनों के परिवारों का जीवन पूरी तरह बदल जाता है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरविवाहभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

अकतूबर 2013

व्यूस: 33244

संतान योग ज्योतिषीय आधार पर विवेचना

आज के अर्थ प्रधान युग में प्रत्येक व्यक्ति स्त्री/पुरुष धन धनवान एवं संपत्तिवान शीघ्राशीघ्र होना चाहता है। इस चाहत में विवाह विलंब से हो रहे हैं, तथा व्यक्ति का रूझान भी परिवार बढ़ाने का विवाह के उपरांत शीघ्र संतान नहीं चाहता अतः स... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याबाल-बच्चे

जुलाई 2009

व्यूस: 18804

छोटे भाई/बहन - ज्योतिषीय विश्लेषण

भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी जातक के जीवन में होने वाली प्रत्येक घटना के लिये किसी न किसी ग्रह की भागीदारी आवष्यक होती है। कोई भी घटना ग्रहों के आपसी संबंध या योगों के कारण व ग्रहों के गोचरीय प्रभाव के कारण घटती है। ज... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषण

जुलाई 2014

व्यूस: 35644

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