प्रत्येक धर्म में गुरुओं का अति
विषिष्ठ स्थान है, उन्हें देवतुल्य
माना जाता है। उन्होंने धर्म की
उचित व्याख्या कर उसके अनुयायियों
को अनुकूल मार्गदर्षन कर कभी न
समाप्त होने वाले अद्भुत व अलौकिक
संस्कार प्रदान किए। हजारों वर्ष... और पढ़ें
देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविध