शत्रुनाशक बगलामुखी साधना जप श्री मोहनबगलामुखी की कृपा से इर्ष्या , रोग, द्वेष, घृणा, हर प्रकार के लड़ाई-झगड़े, मुकदमेबाजी, मनमुटाव, भय आदि से मुक्ति मिलती हैं. और शत्रुओं का शमन होता हैं. बगलामुखी साधना से सभी वस्तुएं पीले रंग की होनी चाहिए.... और पढ़ेंदेवी और देवअन्य पराविद्याएंमंत्रमार्च 2009व्यूस: 5386
श्री कृष्ण जन्माष्टमी फ्यूचर पाॅइन्टभाद्र पद कृष्णाष्टमी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाया जाता है। इसी तिथि को श्री कृष्ण का मथुरा नगरी में असुर राज कंस के कारागार में जन्म हुआ था। श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत, स्मार्तानाम एवं वैष्णवानाम् तथा मथुरावासियों और गो... और पढ़ेंदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रतसितम्बर 2015व्यूस: 6311
कामना पूर्ति के सफल साधन: मंत्र-तंत्र-यंत्र लक्ष्मीनारायण शर्माव्यक्ति अपनी कामना पूर्ति के लिए पूरे जीवन भर प्रयत्नशील रहता है। यदि उसे सही मार्गदर्शन और सफलता के सूत्र मिल जाएं तो वह अपने लक्ष्य की प्राप्ति शीघ्र कर लेता है। इस आलेख में मंत्र, तंत्र और यंत्र द्वारा मनोकामना पूर्ति करने क... और पढ़ेंदेवी और देवअन्य पराविद्याएंमंत्रयंत्रअकतूबर 2006व्यूस: 6541
शिवरात्रि में चार प्रहर की पूजा का महत्व फ्यूचर पाॅइन्टदिन में चार प्रहर होते हैं सुबह, दोपहर, सायं और रात्रि। इसी प्रकार जीवन की चार अवस्थाएं हैं ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास तथा जीवन में चार विकारों से मनुष्य ग्रस्त रहता है काम, क्रोध, मोह और लोभ। जीवन में मोक्ष प्... और पढ़ेंदेवी और देवपर्व/व्रतमार्च 2006व्यूस: 5200
शिर्डी साईं मूर्ति और उससे जुड़ी कहानी फ्यूचर पाॅइन्टसाईं बाबा की महासमाधि के बाद साईं बाबा की पूजा साईं बाबा के फोटो के साथ की जाती थी जो कि बुट्टी वाडा में रखी गयी थी। शिर्डी साईं बाबा की मूर्ति समाधि मंदिर में 1954 तक नहीं स्थापित की गयी थी। कुछ मार्बल इटली से मंुबई बंदरगा... और पढ़ेंदेवी और देवविविधमई 2015व्यूस: 5377
होली में शाबर मंत्रों से करें अपने व्यापार में वृद्धि अमित कुमार रामशाबर मंत्रों का प्रयोग सरल व कारगर होता है। शाबर मंत्रों का प्रभाव तुरंत फलदायक होता है। इन्हें सिद्ध करने में प्रारंभ में कुछ कठिनाई होती है तथा होली जैसे विशेष मुहूर्त की आवश्यकता होती है परंतु इनके प्रभाव की तुलना में यह... और पढ़ेंदेवी और देवअन्य पराविद्याएंपर्व/व्रतमंत्रभविष्यवाणी तकनीकमार्च 2017व्यूस: 9602
जैन धर्म इतिहास की नजर में अनिरुद्ध जोशीदुनिया के सबसे प्राचीन धर्म जैन धर्म को श्रमणों का धर्म कहा जाता है। वेदों में प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ का उल्लेख मिलता है। माना जाता है कि वैदिक साहित्य में जिन यतियों और व्रात्यों का उल्लेख मिलता है वे ब्राह्मण परंपरा के न ह... और पढ़ेंदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविधअप्रैल 2016व्यूस: 6086
तारकासुर वध फ्यूचर पाॅइन्टउस असुर से भयभीत और त्रस्त हैं। अतएव आप उक्त दुर्दमनीय तारकासुर का वध कीजिये। यही एक कार्य शेष रह गया है।’... और पढ़ेंदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविधसितम्बर 2013व्यूस: 4364
साईं बाबा के दिव्य संदेश फ्यूचर पाॅइन्टसदाचार-जीवन का सर्वाधिक शक्तिशाली कारक: सदाचार अथवा गुणी जीवन मनुष्य का अमर भाग है। सदाचार का जीवन जियो और तुम्हें अमरत्व हो जाएगा। कोई भी व्यक्ति ईश्वर तक उस समय तक नहीं पहुंच सकता जब तक कि वह नम्रता और सदाचार के वस्त्र प... और पढ़ेंदेवी और देवग्रह पर्वत व रेखाएंमई 2015व्यूस: 6026
श्रीविद्या और श्रीयंत्र: दर्शन व महात्म्य ! भगवान सहाय श्रीवास्तवश्री विद्या के यंत्र को ‘श्रीयंत्र’ कहते हैं। इसमें जो ‘श्री’ शब्द आया है वह श्री विद्या का ही वाचक है और ‘यंत्र’ शब्द श्री विद्या के यंत्र स्वरूप का वाचक है।... और पढ़ेंदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदियशसुखविविधनवेम्बर 2010व्यूस: 4469
घर की गृह लक्ष्मी ही है वास्तविक श्रीलक्ष्मी फ्यूचर पाॅइन्टसुगृहिणी किसी परिवार का सबसे बड़ा सौभाग्य है। लड़कियां गृहलक्ष्मी होती हैं। उनसे घर स्वर्ग बनता है। नारी से ही घर में प्रेम एवं सम्पन्नता का पौधा उगता है, पनपता है और फलता-फूलता है। यदि घर में ही बेटियों और बहनांे के साथ भेदभाव या... और पढ़ेंदेवी और देवउपायविविधनवेम्बर 2016व्यूस: 7600
स्नेह, सद्भावना एवं कर्तव्य का सूत्र: रक्षा बंधन फ्यूचर पाॅइन्टभारतीय संस्कृति इतनी विशाल एवं लचीली है कि इसमें हर संस्कृति समाहित होती चली जाती है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक, सौराष्ट्र से असम तक देखें तो यहां के लोग लगभग प्रतिदिन कोई न कोई त्योहार मनाते मिलेंगे।... और पढ़ेंदेवी और देवपर्व/व्रतआगस्त 2010व्यूस: 5814