ग्रह शांति का अचूक उपाय : दान फ्यूचर समाचारग्रह शांति के लिए लोग अनेकानेक उपाय करते है। दान उनमें प्रमुख है। कुंडली में ग्रहों एवं भावों से इसका सीधा संबंध है। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के १२ भाव, ९ ग्रहों तथा २७ नक्षत्रों को मान्यता दी गई है। १२ को ९ से गुणा करने पर १०८ ... moreअन्य पराविद्याएंउपायजून 2007Views: 9746
घटना काल निर्धारण कैसे करें? फ्यूचर समाचारयदि कुंडली का ध्यायन ज्योतिषीय नियमों के आधार पर किया जाए, तो ज्योतिष से जातक के जीवन में होने वाले हर घटना के समय को जाना जा सकता है। घटना के समय को जानने के लिए इन बिंदुओं पर ध्यान दें। घटना का संबंध किस भाव से है, भाव का कारक... moreज्योतिषअन्य पराविद्याएंअध्यात्म, धर्म आदिजून 2007Views: 11718
रीढ़ संबंधी रोगों में लाभकारी आसन फ्यूचर समाचारयोग अपने को जानने की एक ऐसी कला है, जिसके द्वारा शरीर, मन और आत्मा का शोधन होता है। इसका सरल अध्यास हमें हर प्रकार से स्वस्थ और चिंतनशील बनाता है। इसे आठ वर्ष के बच्चे से लेकर १०० वर्ष के वृद्ध व्यक्ति तक कर सकते है। यहाँ हम... moreस्वास्थ्यअन्य पराविद्याएंउपायजून 2007Views: 5872
ध्यान जीवन की बहिर्मुखी शक्ति की ओर प्रथम चरण फ्यूचर समाचारध्यान आध्यात्मिक जीवन का सबसे प्रमुख अंग है। अत: उसके अनुकूल प्राकृतिक दृश्य जैसी बाह् परिस्थितिथियां वांछनीय है। ध्यान के लिए एक ऐसा स्थान चुन लेना चाहिए जहां केवल ध्यान किया जाए। स्थान शांत और शब्दरहित होना चाहिए।... moreअन्य पराविद्याएंउपायजून 2007Views: 7124
कालसर्प योग और उसका मंत्र फ्यूचर समाचारआज भारत के ज्योतिष जगत में काल सर्प योग हर आम एवं खास व्यक्ति की जुबान पर है इस योग के पक्षधर विद्वानों के अनुसार यह योग जिस जातक की कुंडली में होता है, उसके जीवन में पग-पग पर बाधाएं आती है। विशेष कर राहू एवं केतु की दशा / अंतर्दश... moreअन्य पराविद्याएंउपायजून 2007Views: 10999
कालसर्प दोष निवारक यंत्र-मंत्र फ्यूचर समाचारवर्तमान समय में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातक की कुंडली में बनने वाले प्रमुख अशुभ योगों में कुछ काल सर्प योग भी है। हालांकि कुछ ज्योतिषियों का कहना है की प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में इस योग की कोई चर्चा न होने के कारण इसकी कोई प्र... moreअन्य पराविद्याएंउपायजून 2007Views: 7150
सुख-समृद्धि हेतु कुछ टोटके फ्यूचर समाचारयदि परिवार में पुरुष सदस्यों के कारण विवाद और तनाव हो व् आपस में विश्वास की कमी हो, तो घर में कदंब वृक्ष की डाली पूर्णिमा के दिन गंगा जल से धोकर रखें। ध्यान रखे। डाली में कम से कम सात अखंडित पत्ते होने चाहिए। अगली पूर्णिमा को पुरा... moreअन्य पराविद्याएंउपायअध्यात्म, धर्म आदिजून 2007Views: 10872
सावन में सोमवारी व्रतों का महात्म्य फ्यूचर समाचारबारह मासों में सावन मास में ही शिवपूजन सबसे अधिक होता है। सावन मास में देश भर के शिवालय श्रदालुओं से पट जाते है। भगवान शंकर ने स्वयं अपने श्री मुख से ब्रह्माजी के मानस पुत्र सनतकुमार सावन मास की महिमा इस प्रकार बताई थी।... moreदेवी और देवअन्य पराविद्याएंउपायजुलाई 2007Views: 14463
बारह महीनों में विशेष है श्रावण मास फ्यूचर समाचारश्रावण मास में शिव की पूजा करने से प्राय: सभी देवताओं की पूजा का फल मिल जाता है। इस मास में काल के देवता भगवान शिव की पूजा करना, कथा सुनना तथा पुराणों का श्रवण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त कुत्सित विचारों का त्याग कर स्वभाव में नम्रत... moreघटनाएँदेवी और देवअन्य पराविद्याएंउपायजुलाई 2007Views: 11015
युगयुगीन है नागपूजन फ्यूचर समाचारभारत वर्ष में पवित्र पुनीत श्रावण मास में संपादित होएं वाले पर्व त्योहारों में नाग पंचमी की अपनी अलग महिमा है। देश के अधिकतर भागों में यह पर्व श्रावण शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। किन्तु कुछ भागों में इसे कृष्णपक्ष में भी माने जान... moreदेवी और देवअन्य पराविद्याएंजुलाई 2007Views: 7324
शिव शक्ति रहस्य फ्यूचर समाचारनिराकार ब्रह्मा जब साकार रूप धारण करता है, जब वह धारण करता है, तो शिव कहलाता है। और उसकी शक्ति मान भगवती ही मूल आदि शक्ति के नाम से विख्यात है। जीव कई पाशों में बंधा है। वह आत्मा –परमात्मा के दर्शन की चाह रखता है।... moreदेवी और देवअन्य पराविद्याएंजुलाई 2007Views: 30471
लिंग पूजन का विधान एवं महत्व फ्यूचर समाचारशिव के विभिन्न नामों के साथ-साथ लिंगोपासना की महिमा का वर्णन शास्त्रों में मिलता है। लिंग शब्द का साधारण अर्थ चिंह अथवा लक्षण है। देव-चिंह के अर्थ में लिंग शब्द शिवजी के ही लिंग के लिए आता है। पुराण में लयानालिंगमुच्यते कहा गया है... moreदेवी और देवअन्य पराविद्याएंउपायजुलाई 2007Views: 10166