घर (पृष्ठ-9)
मंगली दोष एवं ग्र्रह मेलापक

दांपत्य जीवन एवं दांपत्य सुख का निर्णय करने वाले अनेक महत्त्वपूर्ण तथ्यों में से मंगली दोष एक है। यह अकेला न तो दांपत्य जीवन को सुखमय बना सकता है और न दुःखमय। अतः लोगों को चाहिए कि वे मंगली के नाम से न घबराएं तथा इसके प्र्रभाव का ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरविवाहग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2009

व्यूस: 8313

जातक कब बनेगा वकील

जातक कब बनेगा वकील

सेवाराम जयपुरिया

मानव का समग्र विकास शिक्षा पर ही होता है और आजकल अन्तिम लक्ष्य भी यही है। द्वितीय या पंचम भाव में बुध, बृहस्पति हो अथवा द्वितीयेश, पंचमेश बुध, बृहस्पति से संबंध करे तो जातक कुशल वक्ता और प्रबुद्ध तर्कशक्ति वाला होता है। वकालत के ल... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

जुलाई 2009

व्यूस: 12287

विवाह और वैवाहिक जीवन

विवाह के विषय में विचार करने के लिए जातक की जन्मकुंडली के सप्तम भाव का विश्लेषण करते हैं। जब विवाह संपन्न होता है तो उसके कुटुंब में वृद्धि होती है अतः जातक के द्वितीय भाव का भी विश्लेषण करते हैं। क्योंकि जातक का विवाह होता है, अत... और पढ़ें

ज्योतिषकुंडली व्याख्याघरविवाहग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2010

व्यूस: 10194

पंचम भाव - कुछ तथ्य

पंचम भाव - कुछ तथ्य

राकेश कुमार मिश्रा

जब हम किसी के प्रणय संबंधों को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखते हैं तो प्रथमतः पंचम भाव पर विचार करते हैं। इस भाव में उदर गर्भ एवं मस्तिष्क गर्भ होते हैं जिनसे शिशु के जन्म, विचार एवं भविष्य की योजनाओं का विचार किया जाता है। ये जन्म ए... और पढ़ें

ज्योतिषघरविवाह

जनवरी 2007

व्यूस: 8488

ग्रहबल एवं भावबल

ग्रहबल एवं भावबल

सुरेश आत्रेय

आज के युग में ज्योतिष ने जो स्थान समाज के प्रत्येक वर्ग में पा लिया है उससे प्रत्येक व्यक्ति परिचित है। अब यह वह विज्ञान नहीं रहा जिस पर केवल राजा, महाराजा या धनी व्यक्तियों का ही अधिकार था। समय ने जो ख्याति ज्योतिष को दी है उसे स... और पढ़ें

ज्योतिषकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2014

व्यूस: 12929

उच्च चिकित्सा शिक्षा

आज के युग में आजीविका प्राप्त करने में अत्यंत प्रतियोगिता है। क्योंकि नौकरियां कम है और बेरोजगार अत्याधिक है। यहां भी अर्थशास्त्र की मांग और पूंजी का नियम लागू होता है। साधारण शिक्षा जैसे एम.ए. , एम.कॉम, एम.एस-सी, के क्षेत्र में र... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

अप्रैल 2009

व्यूस: 8970

कारकांश लग्न से डॉक्टर बनने के योग

''जैमिनी सूत्रम्'' के श्लोक नं. 87 के अनुसार यदि कारकांश लग्न में शुक्र या चंद्र हो और वहां स्थित चंद्र को बुध देखता हो तो जातक डॉक्टर होता है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरजैमिनी ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

जुलाई 2009

व्यूस: 7193

सर्वाष्टकवर्ग - फलकथन का आधार

भारतीय ज्योतिष में किसी भी कुंडली के फलकथन के लिए प्राचीन काल से ही अनेक विद्याओं का प्रयोग किया जाता रहा है। इन्हीं में अष्टकवर्ग भी है जिसके माध्यम से किया जाने वाला फलकथन अन्य किसी भी विद्या के माध्यम से किए जाने वाले फलकथन से ... और पढ़ें

ज्योतिषअष्टकवर्गकुंडली व्याख्याघरभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2008

व्यूस: 19100

कैरियर निर्धारण में एकादशांश कुंडली का महत्व

ज्योतिष को वेदों की आंख की संज्ञा दी गई है। ज्योतिष शास्त्र मनुष्य के जीवन की वह ज्योति है जो उसके आने वाले समय के बारे में इंगित करता है। हमारा विषय है कैरियर निर्धारण इसके ज्ञान के लिए हमें कुंडली के 12 भावों का अध्ययन करना आवश्... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

अप्रैल 2010

व्यूस: 9500

चंद्राष्टकवर्ग से सटीक फलकथन

भारतीय ज्योतिष में फलकथन हेतु अष्टकवर्ग विद्या की अचूकता व सटीकता का प्रतिशत सबसे अधिक है। अष्टकवर्ग विद्या में लग्न और सात ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध् गुरु, शुक्र और शनि) को गणना में सम्मिलित किया जाता है।... और पढ़ें

ज्योतिषअष्टकवर्गकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2009

व्यूस: 9464

सुख लक्ष्मी तथा राज योग

मनुष्य के जीवनकाल में इस सुख के लिए अनेकानेक रीतियाँ देखने में आती हैं कोई मनुष्य राजा सम्मत बन सम्मान, ऐश्वर्य प्राप्त करता है, कितने ही लोग व्यापार आदि में प्रवीण होकर कई देशों का वाणिज्य सूत्र अपने हाथ में लेकर अगाध ध् ान प्राप... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरमेदनीय ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2014

व्यूस: 9341

कारकांश लग्न और आप

कारकांश लग्न और आप

किशोर घिल्डियाल

कारकांश लग्न के आधार पर व्यक्ति विशेष के बारे में फलादेश आज के युग में समयानुसार परिवर्तन के साथ समझे जा सकते हैं। (1) कारकांश लग्न में सूर्य व राहु की युति हो व शुभ ग्रह की दृष्टि हो तो व्यक्ति विषवैद्य अर्थात चिकित्सक होता है। (... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरजैमिनी ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2012

व्यूस: 10812

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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