विभिन्न लग्नों में सप्तम भावस्थ गुरु का प्रभाव एवं उपाय

पौराणिक कथाओं में गुरु को भृगु ऋषि का पुत्र बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र में गुरु को सर्वाधिक शुभ ग्रह माना गया है। गुरु को अज्ञान दूर कर सदमार्ग की और ले जाने वाला कहा जाता है।... और पढ़ें

ज्योतिषउपायग्रहघरराशिभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2013

व्यूस: 40388

पं. लेखराज शर्मा जी की विलक्षण प्रतिभा

जीवन में अनेक व्यक्तियों से मिलकर हम उनके चमत्कारी व्यक्तित्व से अत्यंत प्रभावित होते हैं। उनकी विशेषता गुण व् कार्य प्रणाली इस हद तक चमत्कारिक होती हैं। की उनके आगे नतमस्तक होने को मन चाहता हैं।... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय योगजैमिनी ज्योतिषग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

मार्च 2013

व्यूस: 69016

विभिन्न भावों में मंगल का फल

जन्मकुंडली के प्रथम भाव में मंगल जातक को साहसी, निर्भीक, क्रोधी, किसी हद तक क्रूर बनाता है, पित्त रोग का कारक होता है तथा चिड़चिड़ा स्वभाव वाला बनाता है। उसमें तत्काल निर्णय लेने की क्षमता होती है तथा वह लोगों को प्रभावित करने तथा अ... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहघरभविष्यवाणी तकनीक

जून 2013

व्यूस: 42216

कुंडली के द्वादश भावों में बृहस्पति का फल

सभी जानते हैं कि बृहस्पति ग्रह, समस्त ग्रह पिंडों में सबसे अधिक भारी और भीमकाय होने के कारण, गुरु अथवा बृहस्पति के नाम से जाना जाता है। यह पृथ्वी की कक्षा में मंगल के बाद स्थित है और, सूर्य को छोड़ कर, सभी अन्य ग्रहों से बड़ा है। इस... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहघरभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2004

व्यूस: 43867

व्यवसाय का निर्धारण

हमारे जन्मांग चक्र में विभिन्न भावों को धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष चार भागों में बांटा जाता है। 1, 5, 9 धर्म भाव, 2, 6, 10 अर्थ भाव, 3, 7, 11 काम भाव और 4, 8, 12 मोक्ष भाव है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरशिक्षाभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

अप्रैल 2009

व्यूस: 61496

काल सर्प योग - कारण / निवारण

काल सर्प योग रहस्य : जैसे-जैसे हम अपनी वैदिक परंपरा से दूर जा रहे हैं वैसे वैसे काल सर्प योग का प्रभाव हमारे समाज पर बढ़ता जा रहा है। पुरूषार्थ चतुष्टय (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) की पूर्ति हेतु नीर छीर के विवेक से निर्णय की आवश्यकत... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

अकतूबर 2010

व्यूस: 6531

गर्भ रक्षा एवं श्रेष्ठ संतान प्राप्ति के योग सूत्र एवं उपाय

पुरुष के वीर्य और स्त्री के रज से मन सहित जीव (जीवात्मा) का संयोग जिस समय होता है उसे गर्भाधान काल कहते हैं। गर्भाधान का संयोग (काल) कब आता है ? इसे ज्योतिष शास्त्र बखूबी बता रहा है। चरक संहिता के अनुसार - आकाश, वायु, अग्नि, जल और... और पढ़ें

ज्योतिषउपायग्रहघरमुहूर्तबाल-बच्चे

जनवरी 2012

व्यूस: 185118

कुंडली विश्लेषण के कुछ महत्वपूर्ण नियम

कुंडली का विश्लेषण करते हुए कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों जैसे- सभी ग्रहों की स्थिति, डिग्री, दृष्टि, गति, नवांश और चलित की स्थिति आदि को अवश्य ही ध्यान में रखना चाहिए और उन्हीं के अनुसार भविष्यकथन करना चाहिए। इन सभी पहलुओं को देख कर अगर ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

अकतूबर 2010

व्यूस: 71175

ज्योतिष द्वारा कैसे जानें विवाह योग ?

विवाह के विषय में जानना इतना आसान नहीं क्योंकि विवाह हमारे सोलह संस्कारों में एक मुख्य संस्कार है। हमारे ज्योतिष शास्त्र में विवाह के विषय में अनेक ग्रन्थ मिलते है। ज्योतिष शास्त्र ऐसा शास्त्र है जिससे हर विषय की सटीक जानकारियां उ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरविवाहभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

अकतूबर 2013

व्यूस: 55102

शनि-चंद्र का विष योग

शनि-चंद्र का विष योग

सीताराम सिंह

फलदीपिका’ ग्रंथ के अनुसार ‘‘आयु, मृत्यु, भय, दुख, अपमान, रोग, दरिद्रता, दासता, बदनामी, विपत्ति, निन्दित कार्य, नीच लोगों से सहायता, आलस, कर्ज, लोहा, कृषि उपकरण तथा बंधन का विचार शनि ग्रह से होता है। ‘‘अपने अशुभ कारकत्व के कारण शनि... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगघरभविष्यवाणी तकनीक

जून 2013

व्यूस: 63749

राहु का प्रभाव

राहु का प्रभाव

सुरेंद्र कुमार शर्मा

ब्रह्मांड में स्थित नव-ग्रहों में से प्रमुख सात ग्रहों (सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, तथा शनि) को छोड़कर शेष दो छाया ग्रहों (राहु-केतु) में राहु का विशेष स्थान है। हालांकि इन छाया ग्रहों का कहीं भौतिक अस्तित्व नहीं ह... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहघर

अप्रैल 2015

व्यूस: 86895

जन्मकुण्डली में गोद जाने के योग

भारतीय संस्कृति में संतान का विशेष कर पुत्र संतान का विशेष महत्व है। इस लोक और परलोक की सुख-शांति के लिए पुत्र की आवश्यकता बताई गई है। पुं नामक नरक से त्राण कराने वाला ही पुत्र है। जिन दंपतियों को पुत्र का अभाव होता है वे गोद लेकर... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

अकतूबर 2012

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Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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