जन्मकुंडली द्वारा विद्या प्राप्ति

पंचम भाव शिक्षा का मुख्य भाव होता है । पंचम भाव और पंचमेश के साथ ग्रहों का दृष्टि या युति सम्बन्ध शिक्षा को सर्वाधिक प्रभावित करता है। त्रिक स्थानों में स्थित पंचमेश या गुरु शिक्षा में रुकावट डालता है। ... और पढ़ें

फ़रवरी 2008

व्यूस: 9918

उत्कृष्ट वास्तु का प्रतीक : महामाया मंगलागौरी मंदिर

महामाया मंगलागौरी मंदिर वातु–शास्त्र के सभी नियमों पर खरा उतरता है. यह मंदिर देश के प्राचीनतम धार्मिक आस्था का प्रतीक है. इस मंदिर की यह विशेषता है की यह मंदिर अपनी भव्यता के साथ-साथ अपनी सुंदरता के लिए भी जाना जाता है. मंदिर में ... और पढ़ें

जून 2009

व्यूस: 12775

नवग्रह यंत्र व् रोग निवारक तेल

कुंडली में लग्न और चन्द्रमा की स्थिति से उपायों की जानकारी मिलती हैं। ग्रह यदि अग्नि तत्व राशि में है तो व्रत आदि से लाभ मिलता हैं। यदि ग्रह पृथ्वी तत्व राशि में है तो रत्न, यंत्र, आदि से लाभ मिलता हैं। ग्रह यदि वायु तत्व राशि में... और पढ़ें

जुलाई 2012

व्यूस: 14551

श्रीराम का जन्मकाल अन्य मतानुसार

श्रीराम के जन्म की काल गणना के लिए यह समझना तो आवश्यक है की ब्रह्माजी की आयु कितनी है। ? मानव के ३६० दिनों का एक साल होता है और यह एक साल देवताओं का एक दिव्य दिन होता है। ऐसे ३६० दिव्य दिनों का एक वर्ष होता है।... और पढ़ें

अप्रैल 2008

व्यूस: 9733

औद्योगिक वास्तु के २४ सूत्र

औद्योगिक वास्तु के चारों ओर मार्ग होना शुभ होता है। पूर्व या उतर की दिशा कारखाने के मुख्य द्वार के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है। कारखाने का मुख्य भवन भूखंड के पश्चिमी या दक्षिणी भाग में इस प्रकार बनाना चाहिए की पूर्व एवं उतर में खाली ज... और पढ़ें

दिसम्बर 2008

व्यूस: 7883

वास्तु देवता एवं पूजन

वास्तु प्राप्ति के लिए अनुष्ठान, भूमि पूजन, नींव खनन, कुआं खनन, शिलान्यास, द्वार स्थापन व् गृह प्रवेश आदि अवसरों पर वास्तु देव पूजा का विधान है। घर के किसी भी भाग को तोड़ कर दुबारा बनाने से वास्तु भंगदोष लग जाता है। ... और पढ़ें

दिसम्बर 2008

व्यूस: 15022

शनि के बारे में क्या आप जानते है

सौरमंडल में गुरु के बाद शनि ग्रह स्थित है, जो भूमि से एक तारे के समान दिखाई देता है। परन्तु उसका रंग काला का है। शनि के पूर्वी पश्चमी व्यास की अपेक्षा दक्षिणोत्तर व्यास लगभग १२००० किमी कम है अर्थात शनि पूर्णता: गोल न होकर चपटा है।... और पढ़ें

जुलाई 2008

व्यूस: 11123

श्री श्री यन्त्रम

यंत्रों में श्रीयंत्र का स्थान सर्वोपरि और सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यंत्र विज्ञान में इसे सर्व सिद्धिदायक कहा गया है। इसकी रचना सबसे पहले आदि गुरु शंकराचार्य ने की। इसका निर्माण भोजपत्र तथा स्वर्ण, रजत, ताम्र आदि धातुओं के पत्र और ... और पढ़ें

मई 2008

व्यूस: 11109

दर्शनीय है बोध गया

भारत एक धर्म प्रधान देश है. यहाँ के निवासियों में धार्मिक आस्था प्राय: देखने में आती है. तीर्थ स्थली बोधगया, तपो भूमि के नाम से भी जाना जाता है. प्राचीन काल में यह भूमि एकांत, साधना का दिव्य स्थल थी. समय के साथ इस स्थली का धार्मिक... और पढ़ें

आगस्त 2011

व्यूस: 12478

शनिवार व्रत विधि

शनि व्रत शुक्ल पक्ष के शनिवार को किया जाता है। व्रतों की संखया 7, 19, 25, 33, 51 होनी चाहिए। शनि व्रत से कुछ सीमा तक राहु दोष भी शांत होता है। ऋण से मुक्ति के लिए व्रत के साथ इस दिन काली गाय जिसके सींग न हो को धास खिलाना अति उत्तम... और पढ़ें

नवेम्बर 2011

व्यूस: 60722

आग्नेय तथा वायव्य में दोष, जीवन में अशांति एवं रोष

बिल्डिंग का उत्तर-पद्गिचम कोना कटना भी उपरोक्त समस्याओं को बढ़ाता है। घर की महिलाओं को भी स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना रहती है। ... और पढ़ें

फ़रवरी 2012

व्यूस: 4178

देवी कमला साधना

देवी कमला श्री लक्ष्मी जी का ही रूप हैं। तथा जीवन में धन, व्यापार, वृद्धि, आर्थिक उन्नति एवं समस्त भौतिक सुखों की प्राप्ति हेतु मां कमला जी की साधना की जाती है। यह साधना नवरात्री में करना चाहिए। दीपावली को तो हम सब मां लक्ष्मी की ... और पढ़ें

नवेम्बर 2012

व्यूस: 32350

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business

लोकप्रिय विषय

करियर बाल-बच्चे चाइनीज ज्योतिष दशा वर्ग कुंडलियाँ दिवाली डऊसिंग सपने शिक्षा वशीकरण शत्रु यश पर्व/व्रत फेंगशुई एवं वास्तु टैरो रत्न सुख गृह वास्तु प्रश्न कुंडली कुंडली व्याख्या कुंडली मिलान घर जैमिनी ज्योतिष कृष्णामूर्ति ज्योतिष लाल किताब भूमि चयन कानूनी समस्याएं प्रेम सम्बन्ध मंत्र विवाह आकाशीय गणित चिकित्सा ज्योतिष Medicine विविध ग्रह पर्वत व रेखाएं मुहूर्त मेदनीय ज्योतिष नक्षत्र नवरात्रि व्यवसायिक सुधार शकुन पंच पक्षी पंचांग मुखाकृति विज्ञान ग्रह प्राणिक हीलिंग भविष्यवाणी तकनीक हस्तरेखा सिद्धान्त व्यवसाय पूजा राहु आराधना रमल शास्त्र रेकी रूद्राक्ष श्राद्ध हस्ताक्षर विश्लेषण सॉफ्टवेयर सफलता मन्दिर एवं तीर्थ स्थल टोटके गोचर यात्रा वास्तु परामर्श वास्तु दोष निवारण वास्तु पुरुष एवं दिशाएं वास्तु के सुझाव स्वर सुधार/हकलाना संपत्ति यंत्र राशि
और टैग (+)