ज्योतिष (पृष्ठ-107)

ज्योतिष


भद्रा एवं दोष परिहार

किसी भी मांगलिक कार्य में भद्रा का योग अशुभ माना जाता है। भद्रा में मांगलिक कार्य का शुभारंभ या समापन दोनों ही अशुभ माने गये हैं। पुराणों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य देव व देवी छाया की पुत्री व राजा शनि की बहन है।... more

ज्योतिषदेवी और देवज्योतिषीय विश्लेषणग्रहणमुहूर्तभविष्यवाणी तकनीक

राहुकाल

राहुकाल

डॉ. अरुण बंसल

ज्योतिष शास्त्र में हर दिन को एक अधिपति दिया आया है। जैसे - रविवार का सूर्य, सोमवार का चन्द्र, मंगल का मंगल, बुधवार का बुध, बृहस्पतिवर का गुरु, शुक्रवार का शुक्र व् शनिवार का शनि।... more

ज्योतिषआकाशीय गणितमुहूर्त

माइनर अरकाना - क्वीन ऑफ़ कप्स

टैरो रीडिंग के दौरान जिस व्यक्ति के लिये उक्त कार्ड प्रगट होता है उस व्यक्ति के लिये यह इंगित करता है कि संबंधित व्यक्ति अगर समस्याग्रस्त है तो प्रतिकूल परिस्थितियों को अपने अनुकूल स्थिति में लाने में सफलता हासिल कर सकता है।... more

ज्योतिषटैरो

नक्षत्र

नक्षत्र

डॉ. अरुण बंसल

पृथ्वी सूर्य के चरों ओर चक्कर लगाती रहती हैं। एक चक्कर लगाने में पृथ्वी को 365.2422 दिन लगते हैं। यही एक वर्ष का मान हैं। चन्द्रमा की दो प्रकार की गति हैं। एक पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने में इसे 27.32 दिन लगते हैं।... more

ज्योतिषनक्षत्रराशि

अधिक मास : कब और क्यों

वर्ष २००७ में दो ज्येष्ठ मास होंगे। इन्हें प्रथम ज्येष्ठ व् द्वितीय ज्येष्ठ के नाम से जाना जाता है। दो मास में चार पक्ष हो जाते है। प्रथम ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष से शुरू होता है। तदुपरांत प्रथम ज्येष्ठ का शुक्ल पक्ष, द्वितीय ज्येष्ठ का... more

ज्योतिषअन्य पराविद्याएंज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगआकाशीय गणित

मई 2007

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बहुविवाह

बहुविवाह

शुभेष शर्मन

मानव अपनी जन्म कुंडली परमात्मा के घर से ही अंकित करवाकर लाता है। जन्म जन्मांतर की करनी-भरनी का लेखा जोखा हस्तरेखाओं में अंकित होता है। वर्तमान कर्तव्य कर्मों के अनुसार रेखाएं परिवर्तित होती रहती हैं। रेखाओं का उदय अस्त हाथों में प... more

ज्योतिषज्योतिषीय योगविवाहभविष्यवाणी तकनीक

शेयर कमोडिटी व आपका भाग्य

बाजार सदैव एक समान नहीं रहता है। अनेकों लोग आज जैसा कल चले, गत सप्ताह समान इस सप्ताह चले, गत माह समान इस माह चले, गत वर्ष समान इस वर्ष गत ऋतु समान इस समय चले यह नहीं होता। कभी 2, 3 दिन मंदी या तेजी की लाईन चंद्रमा निकालता है। ... more

ज्योतिषमेदनीय ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकगोचर

पर्वों में एकीकरण की आवश्यकता

इस वर्ष पूरे भारत में होली दो दिन मनायी गयी -१८ मार्च और १९ मार्च को. ऐसा क्यों हुआ. जिन शास्त्रों की हम इतनी बड़ाई करते हैं. क्या वे यह निर्णय नहीं दे सकते की पर्व किस दिन मनाना चाहिए. या गणना में सरकार... more

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषण

मई 2004

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भवन निर्माण कार्य एवं मुहूर्त

भवन निर्माण के लिए यदि हम अच्छा मुहूर्त यानि वास्तु पुरूष की जागृत अवस्था में कार्य प्रारंभ करें तो वास्तु या अन्य किसी दोष का निवारण स्वतः ही हो जाता है। जब किसी महीने में वास्तु पुरूष चौबीस घंटे सो रहें हो तो कोई भी निर्माण कार्... more

ज्योतिषमुहूर्तभविष्यवाणी तकनीक

जून 2011

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सूर्य का नीच भंग राजयोग

नवग्रहों में सूर्य राजसी ग्रह माना जाता है। मेष राशि में सूर्य उच्चस्थ होते हैं और तुला राशि में नीचस्थ। प्रस्तुत है सूर्य के नीच भंग राजयोग का कुंडलीय विश्लेषण।... more

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय योगयशकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकसफलता

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