- यदि षष्ठेश केतु के साथ हो तथा
बृहस्पति, सूर्य, बुध व शुक्र अष्टम
भाव में, चतुर्थ भाव में केतु हो तो
हृदय रोग होता है।
- चतुर्थ व पंचम भाव में पाप ग्रह हो
या पाप प्रभाव हो।
- पंचमेश तथा द्वादशेश एक साथ
त्रिक भाव (6-8-12 भा... more
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