विद्या प्राप्ति में बाधा कारण और निवारण अशोक शर्माविद्या को धन कहा गया है। मानव जीवन के विकास में शिक्षा की भूमिका अहम होती है। इसके बिना मनुष्य का जीवन पशुवत होता है।... moreदेवी और देवउपायशिक्षाघरग्रहफ़रवरी 2010Views: 3911
गोपी- कृष्ण की माधुर्य लीला रुचि गौडइस भौतिक जगत में हो या आध्यात्मिक जगत में, माधुर्य शब्द के सुनने मात्र से ही कृष्ण की प्रेममयी लीलाओं की अनुभूति मन को आनन्दित कर देती है और उम्र की सीमाओं से परे हम अपने जीवन के सबसे मनोहर व संवेदनषील पलों में खो से जाते ह... moreदेवी और देवविविधआगस्त 2016Views: 5337
संकष्ट चतुर्थी व्रत 18-01-2006 ब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’माघ कृष्ण चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी या वक्रतुंड चतुर्थी कहते हैं। इस दिन प्रातः काल स्नानोपरांत देवाधिदेव वक्रतुंड की प्रसन्नता के लिए व्रतोपवास का विधिपूर्वक संकल्प करके दिन भर संयमित रहते हुए श्री गणेश का... moreदेवी और देवपर्व/व्रतमंत्रजनवरी 2006Views: 4871
सत्यभामा, गरुड़, सुदर्शन चक्र का किया गर्व भंग बाबुलाल शास्त्रीभगवान विष्णु जगत के पालक हैं, जब भी भूलोक में नकारात्मक शक्तियां उत्पन्न होकर भक्तों को कष्ट देती हैं, तब उनके नाश के लिए श्री हरी अपनी योग माया शेषनाग के साथ अवतार लेते हैं व सहायक के रूप में गरूड़ और सुदर्शन चक्र सदैव विद्... moreदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविधआगस्त 2016Views: 5187
नाथद्वारा: अटूट श्रद्धा व विश्वास का द्वार फ्यूचर पाॅइन्टपूरब के वेनिस, उद्यानों व झीलों के शहर, अरावली पहाड़ियों के आंगन में बसे स्थापत्य कला के लिए दुनिया भर में मशहूर उदयपुर में स्थित श्रीनाथजी के मंदिर में प्रवेश करते ही मन उदात्त भावनाओं से भर उठता है। यह शायद इस स्थान का सौंदर्य... moreदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलदिसम्बर 2006Views: 4621
क्यों? फ्यूचर पाॅइन्टअनादि काल से ही हिंदू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ।... moreदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविधमई 2013Views: 4353
विघ्नहर्ता का स्वरूप फ्यूचर पाॅइन्टप्रत्येक मांगलिक कार्य में श्रीगणपति का प्रथम पूूजन होता है। पूजन की थाली में मंगलस्वरूप श्रीगणपति का स्वस्तिक-चिह्न बनाकर उसके ओर-छोर अर्थात् अगल-बगल में दो-दो खड़ी रेखाएं बना देते हैं।... moreदेवी और देवविविधसितम्बर 2013Views: 4476
गीता सार कृष्णा कपूरमहाभारत के युद्ध से पूर्व विचलित अर्जुन को सही राह दिखाने के लिए योगेश्वर कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। प्रस्तुत लेख से जानें कि क्या है गीता का माहात्म्य, जिसके कारण आज भी इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है।... moreदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रतमई 2016Views: 5649
रावण ने राम को श्रीराम बनाया फ्यूचर पाॅइन्टवाल्मीकि जी ने रामायण में रावण के दरबार में हनुमान जी के प्रवेश के समय का वर्णन इस प्रकार किया है: अहो रूपमहो धैर्यमहोत्सवमहो द्युतिः। अहो राक्षसराजस्य सर्वलक्षणयुक्तता ।। ‘रावण को देखते ही राम मुग्ध हो जाते हैं और कहते हैं कि र... moreदेवी और देवविविधअकतूबर 2016Views: 5896
‘सबका मालिक एक’ फ्यूचर पाॅइन्टश्रद्धा और सबूरी के साथ-साथ विश्व शांति के लिए बाबा ने परम वाक्य दिया वह है- ‘सबका मालिक एक’। यह भी कोई नया वाक्य नहीं है। वैदिक काल से हमारे ऋषिगण कहते आ रहे हैं- एकदम् सद् बहुधाः विप्राः वहन्ति यानी सत्य एक है उसे विद्... moreदेवी और देवविविधमई 2015Views: 5060
भगवान श्रीकृष्ण और गौ सेवा फ्यूचर पाॅइन्टगौ सर्वोत्तम माता गाय को सुरभि, कामधेनु, अच्र्या, यज्ञपदी, कल्याणी, इज्या, बहुला, कामदुघा, विश्व की आयु, रुद्रों की माता व वसुओं की पुत्री कहा गया है। अथर्ववेद, उपनिषदों, महाभारत, रामायण, पुराण व स्मृतियां में गौ का महिमा ग... moreदेवी और देवविविधआगस्त 2016Views: 5307
क्यों? फ्यूचर पाॅइन्टअनादि काल से ही हिंदू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ।... moreदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविधसितम्बर 2013Views: 4238