देवी और देव (पृष्ठ-28)

देवी और देव


श्राद्ध का महत्व

श्राद्ध का महत्व

रमेश सेमवाल

सनातन धर्म में श्राद्ध का बड़ा महत्व है। श्राद्ध कल्प के अनुसार मृत पितरों के उद्देश्य से जो प्रिय भोज्य पदार्थ ब्राह्मण को श्रद्धा पूर्वक प्रदान किये जाते हैं उस अनुष्ठान का नाम श्राद्ध है। कात्यायन स्मृति के अनुसार पितृ कर्... more

देवी और देवउपायविविध

मंगल के विधायक हैं श्री गणपति

प्रत्येक मन्त्र के प्रारम्भ में ओंकार का उच्चारण अनिवार्य माना गया है, उसी प्रकार प्रत्येक शुभ कार्य पर गणेश जी की अग्रपूजा भी अनिवार्य है। शब्द-ब्रह्म रूप ‘ऊँ’ के द्वारा गणेश जी की ही प्रतिकृति साकार होती है। ‘ऊँ’ के प्रथम भाग ... more

देवी और देवपर्व/व्रत

अशून्य शयन व्रत

अशून्य शयन व्रत

ब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’

भविष्य पुराण में अशून्य शयन व्रत की मीमांशा की गई है। इस व्रत का अनुष्ठान श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि से प्रारंभ होता है। इस व्रत को करने से स्त्री वैधव्य तथा पुरुष विधुर होने के पाप से मुक्त हो जाता है।... more

देवी और देवपर्व/व्रत

जब हनुमान ने ऋण चुकाया

जब हनुमान ने ऋण चुकाया

फ्यूचर पाॅइन्ट

ऋण विभिन्न हैं. इनसे मनुष्य तो क्या देवी देवता भी प्रभवित होते हैं. और उन्हें भी इनसे मुक्त होना पड़ता हैं. महाबली हनुमान को भी माता अंजनी की आज्ञा से ये ऋण चुकाने पड़े थे. हनुमान का यह प्रसंग भी उनके अन्य प्रसंगों की भाँती ही प्रे... more

देवी और देवविविध

पीतांबरा शक्तिपीठ दतिया

मां शक्तिस्वरूपा जगदंबा अपने शक्तिपीठों के माध्यम से देश के कोने-कोने में मौजूद हैं। ऐसी मान्यता है कि तंत्र साधना बिना मां के आशीर्वाद के सफल नहीं होती। इसलिए तंत्र साधक शक्तिपीठों में जाकर साधना करते हैं। पीतांबरा शक्तिपीठ मे... more

देवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

महाशक्ति दायिनी मां दुर्गा पूजा का ज्योतिषीय योग

शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा जो आद्य शक्ति हैं एवं शक्ति की ऊर्जा बिना सभी प्राणी निर्जीव है, की पूजा का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के नवग्रहों का संबध नवदुर्गा से है। ़नवग्रह शिवरूप है और शिव में इकार स्वरूप नवशक्ति ... more

देवी और देवपर्व/व्रत

जीवत्पुत्रिका व्रत

जीवत्पुत्रिका व्रत

ब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पुत्र के आयुष्य, आरोग्य लाभ तथा सर्वविध कल्याणार्थ जीवत्पुत्रिका (जितिया) या जीमूतवाहन व्रत का विधान है। प्रायः स्त्रियां इस व्रत को करती हैं। यह व्रत प्रदोष व्यापिनी अष्टमी तिथि को... more

देवी और देवपर्व/व्रत

कैलाश-मानसरोवर: विराट आनंद से साक्षात

देवाधिदेव महादेव! जहां मन आया वहीं रम गए। फिर वह स्थान दुर्गम, कंटीला ही क्यों न हो। ऐसा ही स्थान है उनका मूल निवास कैलाश। श्वेत धवल बर्फ की चादरों से घिरे इस पर्वत पर जाना अत्यंत दुष्कर है- कंटीले रास्ते, दुर्गम घाटियां- किंतु... more

देवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थल

जून 2006

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पवित्र पर्व: कार्तिक पूर्णिमा

‘‘प्रणम्य पार्वती पुत्रं भारती भास्करं भवम्। बैकुण्ठवासिनं विष्णु सानन्दं सकलान् सुरान्।। स जपति सिन्धुरवदनो देवो यत्पादपंकजस्मरणम्। वासर मणि रवि तमसां शाशीन्नाशयति विघ्नानाम्।।’’ सृजनात्मक समभाव, कृतज्ञात ज्ञापन व सक्रियता क... more

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रत

गीता सार

गीता सार

कृष्णा कपूर

शरीरं यदवाप्नोति यच्चाप्युत्क्रामतीश्ररः गृहीत्वैतानि संयाति वायूर्गन्धानिवाशयात् कुरूक्षेत्र में युद्ध के दौरान जब-कौरव व पांडव आमने-सामने खड़े थे तो अपने दादा, गुरु, भाई-बंधु, सगे-संबंधियों को देखकर अर्जुन को मोह हो गया और ... more

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रत

स्नेह, सद्भावना एवं कर्तव्य का सूत्र: रक्षा बंधन

रक्षा सूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त 2006 को प्रातः 6 बज कर 3 मिनट से लेकर पूरे दिन तक है। 6 बज कर 3 मिनट से पहले रक्षा न बांधे, क्योंकि उस समय भद्रा है। भारतीय संस्कृति इतनी विशाल एवं लचीली है कि इसमें हर संस्कृति समाह... more

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रत

कृष्ण जन्माष्टमी व्रत

मासि भाद्रपदेऽष्टम्यां निशीथे कृष्णपक्षके, शशांके वृषराशिस्थे ऋक्षे रोहिणी संज्ञके।। योगेऽस्मिन्वसुदेवाद्धि देवकी मामजीजनत् केवलोपवासेन तास्मिन्जन्मदिने मम सप्तजन्मकृतात्पापान्मुच्यते नात्र संशयः।।... more

देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रत

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