भविष्यवाणी तकनीक


राहु का गोचर फल

राहु का गोचर फल

सोनियां शर्मा

14 जुलाई 2014 को राहु राशि परिवर्तन कर रहा है। तुला से कन्या में आ जाएगा और 18 महीने की अवधि तक इसी राशि में रहेगा। जिनकी कुंडलियों में राहु 3, 6, 11 भावों में, उच्च राशि, मूल त्रिकोण राशि, स्वराशि या मित्र राशि में है उनको ... और पढ़ें

ज्योतिषगोचरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2014

व्यूस: 25556

विवाहेतर संबंध पर ज्योतिषीय दृष्टिकोण

विवाहेतर संबंधों पर ज्योतिषशास्त्र के अनुसार निम्नलिखित ग्रहयोग प्रभावी होते हैं- विŸाास्तारिपभार्गवास्तनुगताः पापान्विताः कामुकः। पापत्यौमचरान्वितौ तनुरिपुस्थानाधिपौ चेतथा।। (जा.पा.) द्वितीयेश, सप्तमेश, षष्ठेश और शुक्र पापग्रह... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगविवाहभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2007

व्यूस: 20260

सिंतारों की कहानी अचार्य रजनीश

सच है ब्रह्मांड में फैले ग्रह चाहे तो किसी व्यक्ति को जमीन से उठाकर आसमान की ऊंचाइयों पर बिठा दे, चाहे तो आसमान छूते व्यक्ति को धूल चटा दें। जानें, कौन से ग्रहों ने रजनीश को पहले आचार्य और फिर भगवान का पद हासिल करवाया ..... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय योगदशागोचरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषणयश

मार्च 2010

व्यूस: 22293

जन्म कुडली व प्रश्न कुडली की साम्यता

जिस प्रकार जन्मकुंडली में हमारे जीवन की समस्त घटनाओं का लेखा जोखा समाहित है उसी तरह से प्रश्नकुंडली का भी विशेष महत्व है। प्रश्न कुंडली की शुभ ग्रह स्थिति और जन्मकुंडली में पूछे गए अभीष्ट फल की प्राप्ति का योग होने की स्थिति प्रश्... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहघरभविष्यवाणी तकनीकप्रश्न कुंडली

जुलाई 2010

व्यूस: 18699

लाल किताब के तरीके से कालसर्प दोष शमन

लाल किताब में कालसर्प दोष का वर्णन तो नहीं किया गया है लेकिन लाल किताब के आधार पर राहु तथा केतु की शांति तथा प्रसन्नता हेतु विभिन्न सरल उपाय बताए गए हैं इस लेख में विभिन्न काल सर्प दोषों के संदर्भ में किए जाने वाले उपायों की विस्त... और पढ़ें

ज्योतिषउपायज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषण

मार्च 2011

व्यूस: 22098

रोगों के कारक ग्रह और उनके ज्योतिषीय उपाय

रोग कारक ग्रह जब गोचर में जन्मकालीन स्थिति में आते हैं और अंतर-प्रत्यंतर दशा में इनका समय चलता है तो उसी समय रोग उत्पन्न होता है। यदि षष्ठेश, अष्टमेश एवं द्वादशेश तथा रोग कारक ग्रह अशुभ तारा नक्षत्रों में स्थित होते हैं तो रोग की... और पढ़ें

ज्योतिषउपायस्वास्थ्यज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकचिकित्सा ज्योतिष

जनवरी 2006

व्यूस: 21273

विद्या प्राप्ति व उच्च शिक्षा के योग

जातक की कुंडली से कैसे जानें कि उसकी विद्याध्ययन में रूचि होगी और वह मेधावी छात्र बन पाएगा कि नहीं? शिक्षा में अवरोध उत्पन्न करने वाले क्या कारण है ? उनके उपाय और उच्च शिक्षा में सफलता प्राप्ति हेतु क्षेत्र का चुनाव आदि विषयों की ... और पढ़ें

ज्योतिषउपायज्योतिषीय योगशिक्षाभविष्यवाणी तकनीक

फ़रवरी 2010

व्यूस: 23000

ज्योतिष द्वारा रोग निर्णय

नमामि धन्वन्तरिमादि देवं सुरासुरैर्वन्दिते पदमद्मम्। लोके जरा रूग्भयमृत्युनाशं धातारमीशं विविधौषधीनम्॥ भगवान धन्वन्तरि को नमन करने के साथ-साथ मैं उन अष्टादश ज्योतिषशास्त्र प्रवर्तक आयार्चों को भी नमन करता हूं जिनका उल्लेख काश्यप म... और पढ़ें

ज्योतिषस्वास्थ्यग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याचिकित्सा ज्योतिष

जनवरी 2009

व्यूस: 22804

रमल प्रश्न ज्योतिष

रमल प्रश्न ज्योतिष

चन्द्रकान्त जी. शेवाले

रमल ज्योतिष भारतीय मूल का शास्त्र है। इस शास्त्र का प्रसार यवन मौलिवयों ने किया इसिलए इसे यवनीय ज्योतिष भी कहा जाता है। इस शास्त्र में संबिंधत जानकारी प्रस्तुत लेख द्वारा ज्ञात कीजिए।... और पढ़ें

ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकप्रश्न कुंडली

जनवरी 2011

व्यूस: 22453

ग्रह योग कराते हैं विदेश यात्रा

वर्तमान युग में यातायात एवं संचार के आधुनिक साधनों के फलस्वरूप पूरा विश्व सिमट कर एक वैश्विक ग्राम यानी ग्लोबल विलेज का रूप ले चुका है। निःसंदेह विदेश-यात्राएं भी पहले से आसान हुई हैं तथा इसी लिए लोगों में विदेश गमन की लालसा भी बढ़... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगदशागोचरभविष्यवाणी तकनीकयात्रा

जनवरी 2005

व्यूस: 19091

उचित व्यवसाय चयन

प्रत्येक व्यक्ति की अभिलाषा होती है कि वह जो भी कार्य करे वह उसकी रूचि के अनुरूप हो तथा उसमें उसे सफलता मिले। यह बहुत ही कठिन है यह जानना कि कौन सा कार्य हमारे अनूकुल होगा।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याव्यवसाय

जनवरी 2010

व्यूस: 21665

भारतीय ज्योतिष के उपग्रह: मान्दि या गुलिक

भारतीय ज्योतिष के आधार स्तंभ राशि, ग्रह और भाव हैं। एक दैवज्ञ का इनसे पूर्ण परिचय हो जाने पर किस कुंडली में कौन सा ग्रह कब कैसा प्रभाव उत्पन्न करेगा, इसका वह अध्ययन कर सकता है। किंतु जिस प्रकार खगोल शास्त्र में कुछ ग्रहों के कतिपय... और पढ़ें

ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2004

व्यूस: 29849

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