शाबर मंत्रों का प्रयोग सरल व कारगर होता है। शाबर मंत्रों का प्रभाव तुरंत फलदायक होता है। इन्हें सिद्ध करने में प्रारंभ में कुछ कठिनाई होती है तथा होली जैसे विशेष मुहूर्त की आवश्यकता होती है परंतु इनके प्रभाव की तुलना में यह मेहनत अधिक नहीं होती। शाबर मंत्रों की खासियत यह है कि इन्हें विद्वान ही नहीं अपितु अनपढ़ या कम पढ़े लिखे भी आसानी से सिद्ध कर सकते हैं। गांवों, कस्बों में कम पढ़े-लिखे व अनपढ़ ओझाओं, तांत्रिकों को शाबर मंत्रों से लोगों का उपचार करते हुए देखा जा सकता है। यहां तक कि कई गांवों में आम आदमी को कोई एक शाबर मंत्र सिद्ध कर, उससे लोगों का उपचार करते हुए देखा गया है और इन लोगों की प्रसिद्धि दूर-दूर के गांवों में हुई। अतः यह कहना अनुचित नहीं होगा की कलियुग में शाबर मंत्रों का प्रयोग ज्यादा सफलतादायक माना जाता है। शाबर मंत्रों की साधना किसी भी जाति, वर्ण, आयु के स्त्री, पुरूषों द्वारा की जा सकती है। इन्हें सिद्ध करने के लिए किसी प्रकार का बंधन नहीं है। अतः इस होली पर इन्हें सिद्ध कर आप भी इनका लाभ उठा सकते हैं और अपने व्यापार, काम-धंधे में अप्रत्याशित वृद्धि कर सकते हैं। सिद्ध करने से पूर्व यह भी ध्यान रखें कि अपनी सिद्धि पर आपको पूर्ण विश्वास होना चाहिए, तभी जाकर मंत्र सदा के लिए आपका पालतू बन सकेगा।
प्रयोग 1: यह प्रयोग करने से व्यापार तीव्रता से बढ़ेगा, दुकान की अचानक से बिक्री बढ़ेगी, धन की बरकत के नये रास्ते खुलेंगे। विधि: होली के शुभ दिवस पर मात्र 21 माला निम्नलिखित मंत्र को जपने से यह सिद्ध हो जाता है। फिर किसी भी रविवार को अपनी दुकान या व्यापार स्थल पर जायें (यदि काम धंधा नहीं है तो अपने घर पर ही करें)। फिर एक हाथ में थोड़े से काले उड़द ले लें, फिर 21 बार निम्न मंत्र पढ़कर, काले उड़द पर फूंक मारकर दुकान या व्यापार स्थल के चारों ओर बिखेर दें। फिर अगले दिन सोमवार को उन काले उड़दों को समेटकर किसी चैराहे पर बिना किसी से बोले, टोके, डाल आएं। फिर स्वयं प्रगति का अनुभव करें। मंत्र: भंवर वीर ! तू चेला मेरा। खोल दुकान कहा कर मेरा। उठे जो डंडी, बिके जो माल भंवर की सौ नहीं जाए।
प्रयोग 2: इस मंत्र की सिद्धि व्यापार में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि करती है। होली के दिन मंत्र का 21 माला जप अपने व्यापार स्थल या घर पर करें। मंत्र जप के बाद गाय के घी, दुर्वा और पुष्प से 108 आहुतियां दें। बस फिर व्यापार की प्रगति का आनंद लें। मंत्र: कुबेर त्वं धनाशीश, गृहे ते कमला स्थिता, ता देवी प्रशमांशु त्वं पद गृहे ते नमो नमः।
प्रयोग 3. पंचोपचार पूजन के बाद होली के दिन 21 माला जप करें। जप उत्तराभिमुख होकर करें तो बेहतर होगा। इसके बाद मंत्र को नित्य एक बार याद करें या एक माला जप करें। जप कमलगट्टे की माला से करें तो बेहतर होगा। ऐसा करने के बाद आप अपने व्यापार में आश्चर्यजनक वृद्धि का समावेश पाएंगे। लक्ष्मी की आप पर विशेष कृपा रहेगी। मंत्र: ऊँ ह्रीं क्लीं क्रौं ओम् घंटाकर्ण महावीर ! लक्ष्मीं पूरम पूरम सुख सौभाग्यं कुरू कुरू स्वाहा।
प्रयोग 4: निम्नलिखित मंत्र का होली के दिन 21 माला जप करके इस मंत्र को सिद्ध कर लें, फिर प्रतिदिन कार्यस्थल, व्यापार स्थल, दुकान पर, या दफ्तर पर 21 बार मंत्र का जप करें और व्यापार की बढ़ोत्तरी का अनुभव करें। मंत्र: आए देवि दक्षिणी ! तिन वर्ण की लक्ष्मी। गे लक्ष्मी ब्रह्मा के मात्र। रिद्ध सिद्ध हमारे हाथ। आव लक्ष्मी कर जाप, जन्म जन्म के हर पाप। अन्न पुराने अन्नपूर्ण, घ्रीत पुरावे महेश। नीलेश्वर के नेउंता दिन्हा। दस पावे पंच दृय होय जय। दोहाई सिद्ध पुरूष काहा, लक्ष्मी काहा।
प्रयोग 5: आज के अर्थ प्रधान समय में हर व्यक्ति आर्थिक रूप से बेहद संपन्नता पाना चाहता है। निम्नलिखित मंत्र आर्थिक रूप से भी सुदृढ़ करता है, व्यापार सुदृढ़ करता है, निरंतर व्यापार प्रगति की ओर अग्रसर रहता है। प्रातः काल होली के दिन स्नान के बाद निम्नलिखित मंत्र को 4’’ग् 4’’ के कागज पर बनाएं या भोजपत्र पर बनाएं। बनाने के बाद इस यंत्र को सूर्य दर्शन कराएं और मन ही मन ‘‘ऊँ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र, ‘ का जप करते रहें। फिर पूजा स्थान में बैठकर यंत्र को अपने सम्मुख पट्टे पर स्थापित करके ‘‘ऊँ लक्ष्मी नारायणाय नमः’’ मंत्र का 108 बार जप करें, प्रत्येक मंत्र के साथ यंत्र पर हल्दी, कुंकुम लगा अपनी पसंद का पुष्प चढ़ाएं। यंत्र की दीपक व अगरबत्ती से आरती करें। इसके बाद उपरोक्त यंत्र के प्रत्येक खाने में बारी-बारी से अनामिका अंगुली रखकर निम्नलिखित नौ नाथों का उच्चाकरण करें:
1) ऊँ चैतन्य मछिन्द्र नाथाय नमः।
2) ऊँ चैतन्य गोरक्षु नाथाय नमः।
3) ऊँ चैतन्य अडवर्ग नाथाय नमः।
4) ऊँ चैतन्य देवण नाथाय नमः।
5) ऊँ चैतन्य कानिफ नाथाय नमः।
6) ऊँ चैतन्य मीन नाथाय नमः।
7) ऊँ चैतन्य भतृहरि नाथाय नमः।
8) ऊँ चैतन्य जालंधर नाथाय नमः।
9) ऊँ चैतन्य गाहिनी नाथाय नमः। अब यह करने के बाद यंत्र को फ्रेमिंग करवाकर व्यापार स्थल, दुकान आदि में लटका दें। धन्धे व व्यवसाय की सभी दिक्कतें समाप्त हो, लक्ष्मी का निरंतर आगमन होगा।