सि तंबर माह का प्रारंभ भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस से हो रहा है तथा इसी माह लगभग 10 तारीख को मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार ईद-उल-फितर भी पड़ेगा। अंतिम सप्ताह में हिंदू मान्यताओं के आधार पर हमारे दिवंगत पितृजनों की शांति के लिए पड़ने वाला श्राद्धपक्ष भी पड़ेगा। ज्योतिषीय दृष्टि कोण से इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ ऐसी बन रही है कि भारत की अर्थ व्यवस्था व देश की जनता पिछले कई महीनों से जो मंहगाई की मार झेल रही थी, उससे भी राहत प्राप्त करेगी। आइये देखते हैं कि यह ग्रह क्या कारनामा करेंगे। शुक्र ग्रह आगामी चार महीनों के लिए तुला राशि में प्रवेश कर रहे हैं तथा 2-3 दिनों बाद मंगल भी तुला राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र स्वराशि में जाकर शांति एवं स्थाईत्व लाता है।
मंगल जो तेजी का कारक ग्रह है वह भी शुक्र के साथ संबंध बनाएगा तथा बृहस्पति मीन राशि में स्थित होकर सूर्य और शनि को ठंडा करने का प्रयास करेगा। भारतवर्ष की कुंडली में व्यय भाव का स्वामी मंगल लग्नेश शुक्र के साथ छठे भाव में युति करेगा। तात्पर्य यह हुआ कि व्यय भाव का स्वामी (मंगल) लग्न के स्वामी (शुक्र) के साथ समस्या के भाव में युति करेगा अर्थात भारत का व्यय समस्याओं के घर में जाएगा। गणितीय सूत्र -(.ग)=$ अर्थात देश में मंहगाई घटेगी। मंगल और शुक्र ग्रह प्रेम संबंधों के भी कारक हैं।
किसी भी कुंडली में जब इनका आपस में युति या दृष्टि संबंध बनता है तो प्रेम पनपता है। अब तो दोनों ग्रह इस महीने आपस में युति करेंगे अर्थात देश में आम जनता में खुशी व सुख का संचार बढ़ेगा। भारत की कुंडली में इस समय सूर्य में मंगल का अंतर चल रहा है। इससे लाभ इसलिए मिलेगा क्योंकि यह युति इसके छठे भाव में हो रही है। इस ग्रह स्थिति के साथ-साथ मेदिनीय ज्योतिष में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले 3 ग्रह-हर्षल (मीन), नेप्च्यून (कुंभ), प्लूटो (धनु) का वक्री होना भी बड़ा महत्वपूर्ण रहेगा। इन ग्रहों की वक्री स्थिति के आधार पर कहा जा सकता है
कि भारत सरकार अपने महत्वपूर्ण कार्यों को छोड़कर सारा ध्यान देश की बिगड़ी हुई अर्थ व्यवस्था को सुधारने में लगा देगी। भारतीय रिजर्व बैंक तथा अर्थशास्त्रियों की राय लेकर विŸाीय मामलों में सुधार करने के लिए देश की संसद कुछ महत्वपूर्ण बिल पास करवाने का प्रयास करेगी। शेयर मार्केट में कड़ी नजर रखने के लिए विशेष सदस्यी दल का गठन किया जाएगा क्योंकि मंगल 12वें भाव का भी स्वामी है।
अतः इस मामले में कुछ हद तक विदेशी सहायता लेने का भी प्रयास होगा। मौजूदा ग्रह योग रियल एस्टेट क्षेत्र में अच्छी क्रांति लाएगा तथा जमीनों के भाव बढ़ा सकता है। मंगल शुक्र की युति तथा इसका बृहस्पति ग्रह के साथ षडाष्टक भारत ही नहीं वरन संपूर्ण विश्व में असफल प्रेम संबंधों के कारण पैदा होने वाली दुर्घटनाओं का भी कारण बनेगा।
अतः यह समय संवेदनशील प्रेमियों के लिए खतरनाक भी होगा। लेकिन इतना जरूर तय है कि यह सितंबर का महीना अपनी ग्रह स्थिति के आधार पर भारतवर्ष की जनता को महंगाई से जरूर निजात दिलाने का काम करेगा।