व्यापार केंद्र के वास्तु सूत्र

दक्षिण से उतर की ओर, पश्चिम से पूर्व की ओर, ढलाउंदार फर्श बना कर, वायव्य से उतरी दिवार को छुए बिना, बिना चबूतरे के, नीचे या कुर्सी पर बैठ कर व्यापार कार्य संपन्न करना होगा. पूर्वाभिमुखी आसीन होने पर दायीं... और पढ़ें

दिसम्बर 2009

व्यूस: 17285

सूर्य की प्रथम कक्षा का ग्रह : बुध

खगोलीय दृष्टिकोण – सूर्य के इर्द –गिर्द चक्कर लगाने वाले ग्रहों में बुध का स्थान प्रथम है। क्योकिं बुध की कक्षा अन्य सभी ग्रहों की तुलना में सूर्य के सबसे अधिक निकट है। सूर्य से बुध की औसतन दूरी ३६०००००० अधिकतम ४३०००००० और न्यूनतम... और पढ़ें

अप्रैल 2008

व्यूस: 13354

माणिक्य

रत्नों में माणिक्य सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है. जन्म कुंडली में सूर्य कों बल देने के लिए माणिक्य रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. साथ ही माणिक्य ह्रदय के सभी प्रकार के कष्टों अथवा रोगों में सोने की अंगूठी में माणिक्य पहनना लाभ... और पढ़ें

जून 2009

व्यूस: 15643

ज्योतिष और बुद्धि की क्षमता

स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य बुद्धि और मन रहता है। इसलिए शरीर का स्वस्थ्य रहना पहली शर्त है। यदि लग्नेश पाप ग्रहों से युक्त दृष्ट होकर ६, ८, १२ भावों में स्थित हो तो जातक रोगी रहता है। या लग्न में पाप ग्रह हों और लग्नेश निर्बल हो तो... और पढ़ें

फ़रवरी 2008

व्यूस: 11225

अग्नि तत्व मेष राशि अष्टम भाव में सूर्य

पराशर जी ने लिखा है – नौरंध्रे सूर्य, चंद्र अर्थात सूर्य चंद्र कों रंध्र दोष नहीं है. सूर्य आत्मा है, चन्द्रमा मस्तिष्क कों चलाने वाला है अर्थात आत्मा और मन ही मर जायेंगे तो मनुष्य कैसे जीवित रह पाएगा....... और पढ़ें

आगस्त 2009

व्यूस: 15205

लक्ष्मी पूजन विधि एवं शुभ मुहूर्त

मां लक्ष्मी की पूजा किसी भी समय में की जा सकती हैं। लेकिन सार्थक पूजा के लिए सहस्त्र सम्मत विधान की जानकारी होनी आवश्यक हैं। मां लक्ष्मी की पूजा किस मुहूर्त में किन सामग्रियों के साथ की जाए जिससे की मां लक्ष्मी का आशीर्वाद शीघ्र प... और पढ़ें

नवेम्बर 2012

व्यूस: 19877

हिंदू संस्कृति में शंख के प्रयोग

शंखों के उचित उपयोग से हमारी सभी कामनाएं पूरी हो सकती है. कामना विशेष की पूर्ति के लिए शंख विशेष का प्रयोग किया जाता है. घर में शंख की स्थापना करते समय यह ध्यान रखना चाहिए. की शंख दोषमुक्त, अखंडित और शुभ रंग वाला हो....... और पढ़ें

आगस्त 2009

व्यूस: 10350

राम नाम तुलसीदास की नजर में

राम नाम मणि दीप घर, जीह देहरी दुआर | तुलसी भीतर बाहरहु जो चाहसि उजियार | “राम’ शब्द महामंत्र है। यह केवल दशरथ नंदन कौशल्या तनय का ही नाम नहीं हैं। यह तो समस्त ब्रहमांड के नियंता, सब देवों के देव आदि शक्ति एवं सृष्टिकर्ता का नाम है... और पढ़ें

अप्रैल 2008

व्यूस: 21178

मनुष्य के केश भी बहुत कुछ बोलते है

जिस स्त्री की पलकें छोटी और घनी होती है. वह भाग्याशाली होती है. वह अपने भाग्य से जीवन का हर सुख प्राप्त करती है. उसका विवाह धनी व्यक्ति से होता है. भौहें कमानीदार हों और सिर के बाल काले और बिना मुड़े नीचे की ओर जाएं तो स्त्री सब के... और पढ़ें

जुलाई 2009

व्यूस: 9452

नवंबर माह के मुख्य व्रत त्योहार

(1 नवंबर) धनतेरस यह पर्व कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को होता है। इसे देवताओं के वैद्य धन्वन्तरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन नई वस्त, सोना, चांदी बर्तन आदि खरीद करने की शुभ परंपरा है। प्रदोष काल में यमराज के निमित्त द... और पढ़ें

नवेम्बर 2013

व्यूस: 13831

प्रश्न ज्योतिष में अन्य शकुनों का महत्व

सर्वज्ञ परमात्मा बराबर जगत में होने वाले परिवर्तन व् चेष्टाओं द्वारा पृच्छ्कों के शुभाशुभ फल का पूर्व संकेत देता है, इसलिए कुशल ज्योतिषी का दैवज्ञ को किसी प्रश्न के फलित का विचार करते समय प्रश्न-कुंडली के साथ-साथ कुछ सामान्य संकेत... और पढ़ें

सितम्बर 2008

व्यूस: 11493

वास्तु एवं भाग्य

हर व्यक्ति का भाग्य उसके पूर्व कर्मों के अनुसार पहले ही निर्धारित अथवा निश्चित होता है। वास्तु भी प्रकृति के नियमों का पालन कर मनुष्य के भाग्य का उदय करता है। यदि वास्तु गलत हो एवं भाग्य अनुकूल तो संघर्ष कम को होंगें। ... और पढ़ें

दिसम्बर 2008

व्यूस: 8081

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Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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