प्रष्न ज्योतिश में अन्य षकुनों का महत्व वागाराम परिहार सर्वज्ञ परमात्मा चराचर जगत में होने वाले परिवर्तन व चेष्टाओं द्वारा पृच्छकांे के शुभाशुभ फल का पूर्व संकेत देता है, इसलिए कुशल ज्योतिषी या दैवज्ञ को किसी प्रश्न के फलित का विचार करते समय प्रश्न-कुंडली के साथ-साथ कुछ सामान्य संकेतों का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि फलकथन में अधिकाधिक सत्यता परिभाषित हो। प्रश्न करते समय अचानक शोरगुल सुनाई दे या बिजली चली जाए तो उसे भी समस्या के समाधान में, शुभफल की प्राप्ति मंे अकस्मात आने वाले विघ्न का संकेत समझना चाहिए। दोपहर से पहले पूर्व, उŸार या ईशान दिशा की ओर मंुह कर प्रश्न करना शुभ होता है। जिन वस्तुओं को यात्रा आदि के समय शुभ मानते हैं, उनका प्रश्न काल मंे दिखना या स्पर्श करना शुभ होता है। जांघ, होठ, स्तन, अंडकोष, पैर, दांत, भुजा, हाथ, कपोल, बाल, गला, नाखून, अंगूठे, कनपटी, बगल, कंधे, कान, गुदा एंव सभी जोड़ पुरुष संज्ञक हैं। इन अंगों को प्रश्न करते समय पृच्छक द्वारा छूना प्रश्न-सिद्धि की प्रतिशतता को बढ़ाता है। भौंहें, नाक, कूल्हे, पेट की रेखाएं, कमर, हाथ की रेखाएं, उंगलियां, जीभ, गर्दन, पिंडलियां, एंड़ियां, नाभि, कान, गर्दन का पिछला भाग आदि स्त्री संज्ञक हैं, इसलिए प्रश्न के समय इन अंगों का स्पर्श करना कठिन परिश्रम से सिद्धि मिलने का संकेत होता है। अन्य अंग नपुसंक श्रेणी में आते हैं। नपुसंक श्रेणी के अंगों को छूना प्रश्न की असफलता का द्योतक है। पृच्छक का अंगूठा हिलाकर या स्पर्श कर प्रश्न करना नेत्र पीड़ा, उंगली से स्पर्श कर प्रश्न करना पुत्री की ओर से कष्ट और सिर पर हाथ रखकर प्रश्न करना राज्य से भय का सूचक है। छाती को छूते हुए प्रश्न करना तो विछोह, लेकिन अपने कपड़े को छूते हुए या एक पैर से दूसरे पैर को छूते हुए या पैर पर पैर रखकर प्रश्न करना शुभ फल की प्राप्ति को इंगित करता है। प्रश्न काल में पैर के अंगूठे से भूमि खोदना स्थान या क्षेत्र संबंधी चिंता और हाथ या पैर खुजलाना दासी या नौकरानी की चिंता को दर्शाता है। ताड़पत्र या भोजपत्र दिखना वस्त्र चिंता, बाल, भूसा, तिनका, हड्डी व राख दिखना रोग की चिंता व किसी भी प्रकार की रस्सी दिखना या पकड़ना बंधन की चिंता का द्योतक है। व्यक्ति अनाज या आटा आदि के पास होकर प्रश्न करे तो कुटुंब-वृद्धि, वट या पीपल का दर्शन करते हुए या इनके पŸो को हाथ में लेकर प्रश्न कर तो धन लाभ और महुए के पŸो हाथ में हा ंे ता े स्वर्ण की पा्र प्ति हाते ी ह।ै प्रश्न काल में हाथी दिखना लक्ष्मी कृपा, भैंस दिखना कीमती वस्त्रों के लाभ, किंतु किसी जैन मुनि या वृद्ध साधु का दिखना मित्र संबंधी चिंता का द्योतक है। प्रश्न काल में किसी तपस्वी का दिखना प्रश्नकर्ता के परिवार के किसी प्रवासी सदस्य की चिंता और शराबी का दिखना पशु चिंता व उच्छृंखल व्यक्ति के कारण धन के नाश का सूचक है। प्रश्न काल में मधुर संगीत, बच्चों की खिलखिलाहट व कर्णप्रिय ध्वनि आदि का सुनाई देना शुभफल का द्योतक है, लेकिन अप्रिय ध्वनि, शोरगुल, बर्तन टूटने, गिरने की आवाज सुनाई देना या किसी चीज से गंदगी फैल जाना अशुभता का संकेत है। इस प्रकार प्रश्न करते समय इन सामान्य शुभाशुभ शकुनांे का ध्यान रखते हुए प्रश्न पत्री पढकर निर्णय करना चाहिए।