फलित ज्योतिष - जीवन में महत्वपूर्ण घटनाएं कब होती हैं? रामचंद्र शर्माज्योतिष का महत्वपूर्ण भाग फलकथन है। इसी गुण के कारण उसे वेदों का नेत्र कहा जाता है। भविष्य को जानने की चाह प्रत्येक व्यक्ति को होती है, संकट तथा परेशानी में यह चाह और भी बढ़ जाती है। भविष्य को व्यक्त करने की दुनिया के अलग-अलग धर्मो... moreज्योतिषज्योतिषीय योगदशाभविष्यवाणी तकनीकगोचरअकतूबर 2005Views: 10357
ग्र्रह व पाठ्यक्रम शरद त्रिपाठीआज के इस युग में प्रत्येक विद्यार्थी या उसके अभिभावक हमेशा इस बारे में चिंतित रहते हैं कि उसकी संतान आज के इस दौर की पढ़ाई में ऐसी कौन सी उच्च शिक्षा ग्रहण करे कि उसका भविष्य सुनिश्चित हो जाए। ऐसी परिस्थिति में वह अपने ज्योतिषी के ... moreज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाकुंडली व्याख्याघरग्रहहस्तरेखा सिद्धान्तव्यवसायअकतूबर 2010Views: 8181
सिंहस्थ गुरु में विवाह वर्जित क्यों? फ्यूचर पाॅइन्टज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह विषयों में वर का सूर्य बल एवं चंद्र बल तथा वधू का गुरु बल एवं चंद्र बल देखा जाता है। सूर्य आत्मकारक ग्रह है। गुरु हृदयकारक एवं जीवन को प्रशस्त करने वाला ग्रह है। चंद्रमा मन का कारक ग्रह भी मा... moreज्योतिषविवाहभविष्यवाणी तकनीकजून 2015Views: 10060
कैरियर निर्माण की अनुभूत ज्योतिषीय प्रक्रिया बी. पी. विश्वकर्माज्योतिष ग्रंथों में कर्मक्षेत्र के चयन हेतु असंखय सिद्धांत एवं नियम प्रतिपादित हैं। इन नियमों को किसी जातक की जन्मकुंडली में लागू कर उसके वास्तविक व्यवसाय का निर्धारण कर पाना अत्यंत कठिन एवं दुरूह है। सारे सिद्धांतों को लागू कर ले... moreज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसायअप्रैल 2010Views: 8123
मानसिक विकृति का भूत आभा बंसल16 दिसंबर 2013 को घटित हुए निर्भया कांड को दो वर्ष हो गये हैं। इस कांड की न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में निंदा की गई। भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए कड़े कानून बनाने की मांग उठी, बहुत से प्रदर्शन भी हुए और... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचरफ़रवरी 2015Views: 8496
पक्षाघात रोग: कारण एवं निवारण आलोक शर्मापक्षाघात ‘पक्ष’ व ‘आघात’ दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘पक्ष’ अर्थात शरीर का आधा भाग तथा आघात अर्थात शरीर के आधे भाग का कार्य न करना। पक्षाघात में ज्ञानेन्द्रियां, कर्मेन्द्रियां व मन प्रभावित होते हैं। आचार्य चरक के अनुसार पक्षा... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2014Views: 10345
WhatsApp और ज्योतिष फ्यूचर पाॅइन्टश्राद्ध-तर्पण विषयक शंका-समाधान प्रश्न - मेरे मन में सदा ये संशय रहता है कि मनुष्यों द्वारा पितरों का जो तर्पण किया जाता है, उसमें जल तो जल में ही चला जाता है, फिर हमारे पूर्वज उससे तृप्त कैसे होते हैं? इसी प्रकार पिंड आदि... moreज्योतिषविविधअकतूबर 2017Views: 4722
शासकीय अधिकारी और राजप्रधान योग सुनील जोशी जुन्नकरजनतांत्रिक शासन प्रणाली में प्रधान नेता, मंत्री और शासकीय अधिकारी आदि उच्च पदों का विचार राजयोगों से और निम्न पदों (शासकीय सेवकों) का विचार राज प्रधान योगों से करना चाहिये। उच्चस्तरीय आजीविका की प्राप्ति में यह योग ही मुख्य भूमिका... moreज्योतिषज्योतिषीय योगअप्रैल 2010Views: 11075
कुंडली मिलान का महत्व फ्यूचर पाॅइन्टकुंडली मिलान से संबंधित अनेक प्रश्न सामने आते हैं। आइए, कुछ प्रश्नों का समाधान देखते हैं: प्रश्न: क्या कुंडली मिलान कर के भविष्य को सुखमय बनाया जा सकता है? उत्तर: कुंडली मिलान कर के भविष्य को अवश्य ही सुखमय बनाया जा सकता है। कर्म ... moreज्योतिषज्योतिषीय योगरत्नमार्च 2014Views: 9082
फलादेश कैसे करें? विनय गर्गज्योतिष में फलादेश कैसे करें? यह विचार आते ही हमारे मस्तिष्क में काफी सारे विचार एक साथ कौंध जाते हैं। किसी ने कोई प्रश्न पूछा तो यह जानना सबसे पहले आवश्यक हो जाता है कि प्रश्न किस भाव से संबंधित है, तो सबसे पहले हम अपना ध्यान भाव... moreज्योतिषकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2013Views: 10122
ज्योतिष में उच्च शिक्षा योग फ्यूचर पाॅइन्टप्रश्न: ज्योतिष में उच्च शिक्षा (पीएच. डी) प्राप्त करने के क्या योग हैं? उदाहरण सहित सविस्तार वर्णन करें। वर्तमान युग में शिक्षा के महत्व एवं अनिवार्यता से कोई अनभिज्ञ नहीं है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है।... moreज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाजून 2014Views: 10706
कुछ नित्य उपयोगी मुहूर्तों की सारणी प्रेम प्रकाश विद्रोहीदैनिक जीवन में आने वाले महत्वपूर्ण कार्यों को शुभ मुहूर्त में संपन्न करने के प्रस्तुत लेख में कुछ उप्य्गोगी मुहूर्त सारणी दी जा रही है. सारणी के प्रयोग से विद्यारंभ मुहूर्त, क्रय मुहूर्त, विक्रय मुहूर्त, दुकान मुहूर्त आदि मुहूर्त ... moreज्योतिषमुहूर्तनवेम्बर 2009Views: 11606