ज्योतिष (पृष्ठ-82)

ज्योतिष


भद्रा काल

भद्रा काल

बाबूलाल जोशी

भद्रा का साक्षात्कार मुहूर्त निर्धारण प्रक्रिया के अंतर्गत होता है। जिज्ञासुओं को यह जानने की उत्सुकता स्वाभाविक है कि आखिर यह भद्रा क्या है? प्रति पाक्षिक समय शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष के इन पंद्रह -पंद्रह दिनों में 4 बार, एक मास... more

ज्योतिषमुहूर्त

विवाह सुख में बाधा दर्शाने वाले योग और लाल किताब द्वारा उनके उपाय

विवाह होकर भी कई बार दंपतियों को वैवाहिक सुख नहीं मिल पाता। इसके मूल में कई ऐसी बातें हैं जिनकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। छोटे-छोटे सरल उपायों द्वारा वैवाहिक जीवन को सुखी बनाया जा सकता है। क्या हैं वैवाहिक सुख की बाधाएं और उन... more

ज्योतिषउपायलाल किताबविवाह

ज्योतिष के छः महादोष एवं रत्न चयन

जन्मकुंडली में यदि कोई दोष घटित होता है तो उसके फलस्वरूप प्रगति एवं फल प्राप्ति में कई बाधाएं आती हैं। यदि उसके निदान के लिए उपयुक्त रत्न, उपरत्न आदि धारण किए जाएं तो दोष का प्रभाव कम हो जाता है। प्रस्तुत है इस विषय पर विस्तृ... more

ज्योतिषरत्नभविष्यवाणी तकनीक

मंगल दोष परिहार

ज्योतिष ग्रंथों में बताये गये मांगलिक दोषों के परिहारों के आधार पर भावी वर एवं वधू की कुंडलियों में मांगलिक दोष होने पर मंगल दोष समाप्त हो जाता है, परंतु इसमें भी यह देखना आवश्यक ह ै कि दा ेष समान रूप से हो।... more

ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

बिहार चुनाव में नितीश कुमार का भविष्य

श्री नितीश कुमार जी की कुंडली में दशम भाव में बृहस्पति गोचर कर रहा है। बृहस्पति बिहार के चुनाव के कार्यकाल में बड़ा ही गंभीर खेल करेगा। पहला तो यह कि बृहस्पति 18 नवंबर तक वक्री रहेगा... more

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

बालारिष्ट

बालारिष्ट

कश्यप डी. सोलंकी

बालारिष्ट, यानी अवकाश में घूम रहे ग्रहों के जिस योग से बालक को अरिष्ट होता है, यानी जब किसी जातक का जन्म होता है, तब अवकाश में घूम रहे ग्रहों का कोई ऐसा योग बन जाये कि नवजात शुशु के आयुष्य, स्वास्थ्य पर उसका बुरा प्रभाव पड़े और बाल... more

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

अष्टम भावस्थ शनि-व्यवसाय

जन्म कुंडली के दशम भाव को कर्म भाव कहा गया है और द्वितीय भाव का संबंध आय व संचित धन से होना बताया गया है। धन तथा कर्म का मुख्य कारक बृहस्पति है, शनि भी कर्म तथा नौकरी का कारक है। यदि दशम व द्वितीय भाव तथा उनके स्वामी और बृहस्पति ए... more

ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

फलादेश मे ंकारक ग्रहों का महत्व

फलादेश मे ंकारक ग्रहों का महत्व

हरिश्चंद्र प्रसाद आर्य

जन्म कुण्डली के बारह भावों से भिन्न-भिन्न बातों को देखा जाता है। ज्योतिष का मूल नियम यह है कि भाव की शुभाशुभता का विचार भाव और भावेश की बलवत्ता और उस पर पड़ने वाली अन्य ग्रहों की युति एवं दृष्टि द्वारा निर्णित होता है साथ ही नित्य ... more

ज्योतिष

जन्म पत्रिका में वकील योग

ज्योतिषीय दृष्टि से योगों के आधार पर वकील बनने का निर्धारण किया जा सकता है। ऐसे ज्योतिषीय योगों के बारे में जानने के लिए पढ़ि+ए यह लेख।... more

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

वर्षा का पूर्वानुमान एवं तकनीक

मानव जीवन: मानव जीवन समस्या एवं संकटों की सत्य कथा है। इसमें ऐसा कोई स्थान या क्षण नहीं, जब मनुष्य के सामने कोई न कोई समस्या या संकट नित नई आपदा या विपत्ति के रूप में खड़ा न हो। इसीलिए हमारे जीवन में कष्टों एवं दुखों का सिलसिला बार... more

ज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीक

विज्ञान का दर्जा पाने के लिए ज्योतिष का शोधपरक होना अनिवार्य

क्या ज्योतिष सामाजिक विज्ञान बन सकाता है ? ज्योतिष को विज्ञान कहने का और मनवाने का आग्रह विगत वर्षों में बढ़ा है, वैसे तो ज्योतिष को शास्त्र या विद्या ही कहा गया है जो कोई नीचा दर्जा नहीं है। ज्योतिष को विज्ञान मानें या विद्या। इस... more

ज्योतिष

जब चंद्र पर होगा मनुष्य का जन्म

भारतिय वैज्ञानिकों को चंद्र अभियान कार्यक्रम में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है। अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान व् चीन के बाद भारत चंद्र अभियान शुरू करने वाला विश्व का छठा राष्ट्र है।... more

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